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'मोदी को छूना मत, वो गया तो...', गुजरात दंगों के बाद बाल ठाकरे ने कैसे वाजपेयी को रोका?

उद्धव ठाकरे ने कहा है कि गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हटाने वाले थे. लेकिन बाल ठाकरे ने उन्हें बचा लिया था.

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Uddhav Thackeray on PM Modi
गुजरात दंगों के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी/ बाल ठाकरे (फाइल फोटो- स्क्रीनशॉट/पीटीआई)
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साकेत आनंद
13 फ़रवरी 2023 (Updated: 13 फ़रवरी 2023, 04:57 PM IST)
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लंबे समय बाद 'उद्धव कैंप' वाली शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को लेकर कोई बड़ा बयान दिया है. इस वाली शिवसेना को फिलहाल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे या UTB) लिखते हैं. रविवार 12 फरवरी को उद्धव ठाकरे मुंबई में एक कार्यक्रम में थे. यहां उन्होंने कई मुद्दों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जहां हैं वहां तक नहीं पहुंचते, अगर बाल ठाकरे ने उन्हें गुजरात दंगों के वक्त ‘बचाया’ नहीं होता. 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि दंगों के समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘राजधर्म का पालन' करने की ’नसीहत’ दी थी. लेकिन तब बाल ठाकरे ने बीच में आकर मोदी को 'बचाया' था.

ठाकरे ने उत्तर भारतीयों की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा,

"बीजेपी का मतलब हिंदुत्व नहीं है. उत्तर भारतीय जवाब चाहते हैं कि हिंदुत्व क्या है. एक-दूसरे से नफरत करना हिंदुत्व नहीं है. मैं बीजेपी से अलग हो गया, लेकिन मैंने कभी हिंदुत्व नहीं छोड़ा है. शिवसेना ने 25-30 सालों तक एक राजनीतिक नेतृत्व को बचाया. लेकिन बीजेपी को शिवसेना और अकाली दल (NDA की पूर्व सहयोगी) से मतलब नहीं था."

शिवसेना (UTB) अध्यक्ष ने दावा किया कि बालासाहेब ने कभी नफरत नहीं फैलाई. उन्होंने कहा, 

“बालासाहेब उन लोगों के खिलाफ थे जो “भारत विरोधी” थे भले ही उसका कोई भी धर्म हो. मैं जब भी उत्तर भारतीयों या मुसलमानों से मिलता हूं तो हमारे हिंदुत्व पर सवाल उठाया जाता है. (लेकिन) जब पीएम मोदी दो दिन पहले मुंबई आए तो वो किसकी रसोई में गए थे?" 

दरअसल, पीएम मोदी ने दो दिन पहले बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और कहा था कि वो समुदाय के एक ‘परिवार के सदस्य’ के रूप में आए हैं.

"बालासाहेब ने मोदी को बचाया"

इसी रैली में उद्धव ठाकरे ने आगे गुजरात दंगों के संबंध में पीएम मोदी को लेकर बयान दिया. कहा, 

“वो बाला साहेब ठाकरे थे जिन्होंने वर्तमान प्रधानमंत्री को तब बचाया था जब अटलजी (अटल बिहारी वाजपेयी) चाहते थे कि वे 'राजधर्म' का सम्मान करें. लेकिन बालासाहेब ने ये कहते हुए हस्तक्षेप किया था कि ये समय की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो वो (मोदी) यहां नहीं पहुंच पाते.”

उद्धव ठाकरे ने इसी तरह का बयान पिछले साल भी दिया था. मई 2022 में एक रैली में उन्होंने कहा था कि गुजरात दंगों के बाद बाल ठाकरे ने नरेंद्र मोदी को बचाया था. उद्धव के मुताबिक, दंगों के बाद 'मोदी हटाओ' का कैंपेन चला था. तब लालकृष्ण आडवाणी एक रैली के लिए मुंबई आए थे. उद्धव का कहना है कि उस दौरान आडवाणी ने बालासाहेब से पूछा था कि क्या मोदी को हटाना चाहिए. तब बालासाहेब ने जवाब दिया था, 

"उसे (मोदी) मत छूओ. मोदी गया तो गुजरात गया."

खुद बाल ठाकरे ने भी कई साल पहले ऐसा ही दावा किया था. 25 फरवरी 2009 को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में बाल ठाकरे ने संपादकीय लिखा था. इसमें उन्होंने दावा किया था, 

"गोधरा (दंगों) के बाद बीजेपी के भीतर मोदी को सीएम पद से हटाने का प्लान था. लेकिन मैंने आडवाणी से कहा था कि मोदी को नहीं हटाएं. मैंने कहा था कि मोदी गया तो गुजरात गया."

2002 गुजरात दंगों की बात जब होती है तब अटल बिहारी वाजपेयी के इस ‘राजधर्म’ वाले बयान की भी चर्चा होती है. दरअसल, दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात का दौरा किया था. वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या वे सीएम नरेंद्र मोदी के लिए कोई मैसेज लेकर आए हैं. तब वाजपेयी ने कहा था कि मुख्यमंत्री के लिए उनका एक ही संदेश है कि वो राजधर्म का पालन करें. अटल बिहारी वाजपेयी ने आगे कहा था, 

“राजधर्म...ये शब्द काफी सार्थक है. मैं उसी का पालन कर रहा हूं. पालन करने का प्रयास कर रहा हूं. राजा के लिए, शासक के लिए प्रजा-प्रजा में भेद नहीं हो सकता. ना जन्म के आधार पर, ना जाति के आधार पर, ना संप्रदाय के आधार पर.”

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नरेंद्र मोदी भी साथ में बैठे थे. राजधर्म की बात आने पर मोदी ने तब बीच में ही कहा था कि वो भी यहीं कर रहे हैं. इसके बाद वाजपेयी ने कहा, "मुझे विश्वास है कि नरेंद्र भाई यही कर रहे हैं."

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