The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Australia right to disconnect law for work life balance no calls after shift hours

शिफ्ट के बाद बॉस की शक्ल तक नहीं देखने की इच्छा पूरी हुई, लेकिन इस देश के लोगों की

ड्यूटी ख़त्म होने के बाद बॉस का फ़ोन उठाने की कोई ज़रूरत नहीं. ऑफ़िस के बाद ऑफ़िस का कोई काम नहीं कराया जा सकेगा और अगर ऐसा होता है, तो बॉस पर तगड़ा हर्ज़ाना लगेगा.

Advertisement
right to disconnect Australia
ऑस्ट्रेलिया की कामगार जनता की ख़ुशी की सांकेतिक तस्वीर. (सोशल मीडिया)
pic
सोम शेखर
23 अगस्त 2024 (Updated: 23 अगस्त 2024, 08:44 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

आने वाला सोमवार आपके लिए क्या लाएगा? वीकेंड में जोड़े हुए आलस्य से उपजा ‘नील’. बोले तो ब्लूज़… मंडे ब्लूज़. फिर वही चेहरे, वही मनेजर, वही शिफ़्टानुसार जीवन. मगर ऑस्ट्रेलिया में आने वाला सोमवार नई सुबह लाएगा. काम से जुड़े एक नए नियम (Right to diconnect) के साथ. नियम कि ड्यूटी ख़त्म होने के बाद बॉस का फ़ोन उठाने की कोई ज़रूरत नहीं. ऑफ़िस के बाद ऑफ़िस का कोई काम नहीं कराया जा सकेगा और अगर ऐसा होता है, तो बॉस पर तगड़ा हर्ज़ाना लगेगा.

क्या है ऑस्ट्रेलिया का right to disconnect?

बिल का नाम है, राइट टू डिसकनेक्ट. कनेक्शन तोड़ने का अधिकार. ये क़ानून फ़रवरी में ही पास हो गया था. लागू सोमवार, 26 अगस्त से होगा. इसके तहत:

  • कर्म ही पूजा के बाद, पूजा से छुट्टी. फ़ोन बंद कर लीजिए, जीवन जिएं.
  • किसी भी कर्मचारी को उसका बॉस 'बिना किसी वाजिब वजह के' ड्यूटी के बाद फोन भी नहीं कर सकता. कोई डॉक फ़ाइल एडिट नहीं करनी होगी, न किसी ईमेल का जवाब देना होगा.
  • अगर शोषण जारी रहता है, तो कर्मचारी इस तरह के केसों में 'फेयर वर्क कमीशन' के पास  शिकायत कर सकता है.
  • शिकायत पर जांच होगी और जांच के बाद बॉस पर कार्रवाई. हर्ज़ाना वसूल किया जाएगा.

हालांकि, इस क़ानून में कुछ परिस्थितियों के लिए प्रावधान हैं. उनके पद, संपर्क किए जाने की वजह और संपर्क किए जाने के तरीक़े से जुड़े अपवाद हैं. 

ये भी पढ़ें - Right to disconnect bill का आइडिया कैसे आया? 

क़ानून का मक़सद है कि काम और निजी समय के बीच स्पष्ट अंतर बने. ताकि पांच-छह दिन काम करने वाला व्यक्ति एक दिन तसल्ली से आराम कर सके, स्वस्थ रहे, परिवार को समय दे, ख़ुद को समय दे सके. इस साल की शुरुआत में जब ये क़ानून संसद में पारित हुआ, तो पक्ष और विपक्ष ने सहमत हुए कि ये वक़्त की ज़रूरत है. मगर कंपनी मालिकों ने इसकी आलोचना की. कहा कि इसे जल्दबाज़ी में बना दिया गया है. 

कामगार तो इन नए अधिकार के लिए उत्सुक हैं. अब संगठनों को इसी हिसाब से अपनी अपेक्षाएं और वर्क फ़्लो को बदलना पड़ेगा. नए नियम और मुनाफ़े के बीच तालमेल बिठाना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें - इस CEO का कहना है कि बच्चे इंटर्नशिप करने के 40 लाख रुपये दे डालें! क्यों? मत पूछिए

कर्मचारियों को काम से इतर जीवन जीने का अधिकार देने के लिए ऐसे क़ानून फ़्रांस, जर्मनी और यूरोपीय संघ के और देशों में भी हैं. अमेरिका में भी कर्मचारियों के पास डिसकनेक्ट करने का अधिकार है. काम के घंटों के बाद बॉस के मेसेज को न सुनने-मानने का अधिकार है, जब तक कि इनकार अनुचित न हो.

वीडियो: वजन घटाना है तो फैट और कॉर्बोहाइड्रेट का ये बैलेंस जरूरी है

Advertisement

Advertisement

()