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'28 मार्च को देश जानेगा, कथित शराब घोटाले का पैसा कहां गया', केजरीवाल की पत्नी ने अब क्या बताया?

Delhi CM Arvind Kejriwal की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने Press Conference कर कई बड़े दावे किए.

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sunita kejriwal on 28 march revelation
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने किया बड़ा दावा. (फ़ोटो - यू-ट्यूब/AAP)
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27 मार्च 2024 (Updated: 27 मार्च 2024, 14:21 IST)
Updated: 27 मार्च 2024 14:21 IST
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कथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने एक बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने बड़ा दावा किया. दावा ये कि अरविंद केजरीवाल 28 मार्च को पूरे देश को बताएंगे कि इस तथाकथित शराब घोटाले का पैसा कहां गया. सुनीता केजरीवाल ने पूछा कि छापे में एक भी पैसा नहीं मिला. शराब घोटाले का पैसा कहां है? हमें पैसे का सबूत दिया जाए. पैसों का सबूत क्यों नहीं दिया जा रहा?

सुनीता केजरीवाल ने एक बताया,

“इस तथाकथित शराब घोटाले की जांच में ED ने पिछले दो साल में 250 से ज्यादा छापेमारी की हैं. अभी तक किसी भी छापेमारी में एक भी पैसा नहीं मिला है. ED ने मनीष सिसोदिया के यहां छापेमारी की, संजय सिंह के यहां छापेमारी की. लेकिन एक भी पैसा नहीं मिला.”

अपने वीडियो संदेश में सुनीता केजरीवाल ने आगे कहा,

“ईडी ने हमारे यहां भी छापेमारी की, उन्हें मात्र 73,000 रुपये मिले. तो इस घोटाले का पैसा है कहां? अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे इसका खुलासा 28 मार्च को कोर्ट के सामने करेंगे. वे पूरे देश को सच बताएंगे कि इस तथाकथित शराब घोटाले का पैसा कहां है? इसका सबूत भी सामने रखा जाएगा.”

21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था. दिल्ली शराब घोटाले में उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था. अपनी गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जरूरत पड़ने पर जेल से सरकार चलाएंगे.

क्या थी नई शराब नीति?

- 22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था.
-17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई.
- नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई. और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गईं.
- नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी.
- हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही. जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी.

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