अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव समेत 2 अफसरों पर 21 साल की लड़की ने रेप का आरोप लगाया
आरोपी IAS बोले- "इन बेतुके आरोपों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते."

अंडमान निकोबार के दो अधिकारियों पर एक 21 वर्षीय महिला ने यौन उत्पीड़न और गैंगरेप के आरोप लगाए हैं. उनमें से एक 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव रहे हैं. मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है.
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, घटना इसी साल अप्रैल-मई की है. पीड़िता ने आरोप लगाए हैं कि दो हफ़्तों के दरमियां दो बार उसका यौन उत्पीड़न किया गया. 1 अक्टूबर को इस मामले में FIR दर्ज कराई गई. FIR में दो अफ़सरों के नाम हैं- जितेंद्र नारायण, जो कथित घटना के तीन महीने पहले तक अंडमान और निकोबार के मुख्य सचिव (Chief Secretary) थे. और दूसरे हैं आरएल ऋषि, जो केंद्र शासित प्रदेश में श्रम आयुक्त (Labour Commissioner) के रूप में कार्यरत हैं.
FIR में महिला ने बताया है कि वो नौकरी की तलाश में थी. एक होटल मालिक ने उसका परिचय श्रम आयुक्त ऋषि से कराया और आयुक्त ने उसे मुख्य सचिव जितेंद्र से मिलाया. ऋषि महिला को जितेंद्र के आवास पर ले गए. वहां दोनों ने उसे सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया. फिर उसे शराब का ऑफ़र दिया. महिला ने मना कर दिया. इसके बाद दोनों अधिकारियों ने कथित तौर पर उसका रेप किया. दो हफ़्ते बाद, महिला को फिर से मुख्य सचिव के आवास पर बुलाया गया. रात 9 बजे. फिर से कथित तौर पर दोनों अफ़सरों ने उसका यौन शोषण किया. उसे धमकी भी दी, कि अगर उसने इस मामले के बारे में किसी से बात की, तो अच्छा नहीं होगा.
पीड़िता ने 1 अक्टूबर को पोर्ट ब्लेयर के एबरडीन पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज कराई. पुलिस ने उसके आरोप की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. SIT का नेतृत्व एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं और पीड़िता को पुलिस सुरक्षा दी गई है.
'षडयंत्र है! षडयंत्र!'आरोपी अफ़सर अभी भी सरकार में कार्यरत हैं. जितेंद्र नारायण का अब ट्रांसफ़र हो गया है. अब वो दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. जब इंडियन एक्सप्रेस ने नारायण से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि वो इन बेतुके आरोपों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते. उनके क़रीबी लोगों ने बताया है कि उन्होंने आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है और प्रधान मंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह सचिव को अपना लिखित पक्ष भेजा है. जितेंद्र के हिसाब से ये आरोप असल में षडयंत्र हैं. इसके पीछे कुछ स्थानीय अधिकारियों का हाथ है, जिनके ख़िलाफ़ उन्होंने मुख्य सचिव रहते हुए कार्रवाई की थी.
हालांकि, इस बात की पुष्टि हो गई है कि महिला ने जिस कार का ज़िक्र अपनी शिकायत में किया था, वो दूसरे अफ़सर आर एल ऋषि के नाम पर दर्ज है. महिला ने कहा है कि इसी कार से उन्हें जितेंद्र नारायण के आवास पर ले जाया गया था. टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे. उनके कार्यालय ने बताया कि वो 'मेडिकल लीव' पर हैं.
SIT एक स्थानीय न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर की भी जांच कर रही है, जिस पर आरोप हैं कि उसने पीड़िता की पहचान ज़ाहिर कर दी.
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