The Lallantop
Advertisement

कौन हैं श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे? 28 साल में ही बड़ा तीर मार दिया था

श्रीलंका की संसद में हुए राष्ट्रपति चुनाव को जीतने वाले 73 साल के रानिल विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले हैं. वहीं दुलस अल्हाप्परुमा को 82 और अनुरा कुमार दिसानायके को सिर्फ 3 वोट मिले हैं.

Advertisement
Ranil Wickremesinghe
रानिल विक्रमसिंघे (फोटो- आजतक)
20 जुलाई 2022 (Updated: 20 जुलाई 2022, 17:05 IST)
Updated: 20 जुलाई 2022 17:05 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

लंबे समय से आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहे श्रीलंका (Sri Lanka) को नया राष्ट्रपति (New President) मिल गया है. रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe). फिलहाल वो श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाल रहे हैं. श्रीलंका की संसद में हुए राष्ट्रपति चुनाव को जीतने वाले 73 साल के रानिल विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले हैं. वहीं दुलस अल्हाप्परुमा को 82 और अनुरा कुमार दिसानायके को सिर्फ 3 वोट मिले हैं. श्रीलंका की संसद में 44 साल में पहली बार आज सीधे राष्ट्रपति का चुनाव हुआ.

कौन हैं रानिल विक्रमसिंघे?

रानिल विक्रमसिंघे यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के सांसद हैं. वो श्रीलंका के वित्त मंत्री का पद भी संभाल रहे हैं. 1993 से 1994, 2001 से 2004, 2015 से 2018 और 2018 से 2019 तक रानिल श्रीलंका के PM के रूप में काम कर चुके हैं. 24 मार्च 1949 में रानिल विक्रमसिंघे का जन्म एक प्रभावी राजनीतिक परिवार में हुआ. सीलोन विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने 1972 में सीलोन लॉ कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की. वो वकील के पेशे में रहे हैं. 

कैसा रहा राजनीतिक सफर?

बाद में विक्रमसिंघे का रुख राजनीति की तरफ हो गया. यूएनपी पार्टी से जुड़ने के कुछ वक्त बाद ही वो बियागामा के मतदाताओं की मदद से संसद के लिए चुने गए. सिर्फ 28 साल की उम्र में उन्‍हें उप-विदेश मंत्री का पद दिया गया था. उस वक्त उनके चाचा जे आर जयवर्धने श्रीलंका के राष्ट्रपति थे. इसके बाद उन्हें युवा मामलों और रोजगार मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. रानिल श्रीलंका में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री बने. बताया जाता है कि उनकी काम करने की क्षमता ने बहुत कम समय में कई नेताओं को प्रभावित किया था.

1989 में विक्रमसिंघे को उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और सदन का नेता बनाया गया.  साल 1993 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति रानासिंघे प्रेमदासा को एक आत्‍मघाती हमले में लिट्टे आतंकियों ने मार दिया था. उनकी मौत के बाद प्रधानमंत्री डीबी विजीतुंगा को कार्यवाहक राष्‍ट्रपति बनाया गया. फिर 7 मई 1993 को विक्रमसिंघे पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने.

नवंबर 1994 में उन्हें विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया था. वो दो बार राष्ट्रपति चुनावों में यूएनपी के उम्मीदवार बने, लेकिन हार गए. 20 जुलाई, 2022 को सांसद चुनाव के माध्यम से विक्रमसिंघे को श्रीलंका के 9वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया. इसके साथ ही विक्रमसिंघे ने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति मानक को समाप्त करने और उन्हें संबोधित करते हुए "महामहिम" के स्टाइल को हटाने का फैसला किया है. 

हालांकि पद संभालते ही रानिल का विरोध शुरू हो गया है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रानिल विक्रमसिंघे के चुनाव जीतने के बाद राजधानी कोलंबो में फिर से प्रदर्शन हो रहे हैं. ये प्रदर्शनकारी रानिल विक्रमसिंघे का विरोध कर रहे हैं. 

देखें वीडियो- दुनियादारी: श्रीलंका में लोगों के सब्र का बांध क्यों टूटा?

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

लल्लनटॉप चुनाव यात्रा : पीएम मोदी से मुलाकात और टिकट बेचने के आरोपों पर चिराग के कैंडिडेट ने क्या बता दिया?

लल्लनटॉप चुनाव यात्रा : धारा 370 और राहुल गांधी पर खगड़िया के CPI (M) उम्मीदवार ने क्या बता दिया?
महाराष्ट्र की मशहूर पैठणी साड़ी को बनाने में क्यों लगते हैं डेढ़ साल?
छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं खत्म होगी कोयले की राख? बुजुर्ग ने बता दिया
लल्लनटॉप चुनाव यात्रा : मुलायम सिंह यादव के 'शिष्य' ने अखिलेश यादव के बारे में क्या बता दिया?
लल्लनटॉप चुनाव यात्रा : कांग्रेस के मैनिफेस्टो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केजरीवाल पर बिहार के इस कॉलेज में जमकर बहस हो गई!

Advertisement

Advertisement

Advertisement