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ओवैसी का बयान - "पहलू खान और अखलाक की तरह कन्हैयालाल की हत्या भी आतंक है"

ओवैसी ने कहा कि उदयपुर की घटना राजस्थान पुलिस की नाकामी है.

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Asaduddin Owaisi on Udaipur murder
उदयपुर हत्याकांड पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान
29 जून 2022 (Updated: 29 जून 2022, 15:42 IST)
Updated: 29 जून 2022 15:42 IST
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या को आतंकी घटना करार दिया है. ओवैसी ने कहा कि जिस तरह से पहलू खान और अखलाक को मारा गया, उसी तरह कन्हैया लाल की हत्या भी आतंक है. मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,

जिस तरह से पहलू खान को मारा गया, वो भी आतंक है. जिस तरह से अखलाक को मारा गया, वो भी आतंक है. जिस तरह से राजस्थान में जो हत्या हुई थी, वो भी आतंक है और ये भी आतंक है.

'राजस्थान पुलिस थोड़ा चौकस रहती, तो ये नहीं होता'

उदयपुर में हुई हत्या की आलोचना करते हुए उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

ये जुर्म है. किसी को भी अख्तियार नहीं है कि वो अपने हाथ में कानून लेकर किसी का कत्ल करे. हम उम्मीद करते हैं कि राजस्थान की सरकार उस पर सख्त एक्शन लेगी.

हालांकि, ओवैसी ने कहा कि उदयपुर की घटना राजस्थान पुलिस की नाकामी है. उन्होंने कहा,

मैं ये मानता हूं कि अगर राजस्थान की पुलिस थोड़ा चौकस रहती, तो ये वाक्या नहीं होता. कन्हैया लाल को धमकियां मिल रही थीं, और उस पर दोनों समाज को बैठाकर बातचीत भी हुई थी. 

ओवैसी ने तेलंगाना पुलिस का उदाहरण देते हुए कहा कि नूपुर शर्मा को मिली धमकियों के मामले में वहां की पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की थी और धमकी देने वालों को गिरफ्तार किया था. उनके मुताबिक अगर ऐसा राजस्थान में भी होता तो शायद इस घटना को रोका जा सकता था.

'समाज में कट्टरता बढ़ रही है'

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओवैसी ने वीडियो बनाकर हत्या को अंजाम देने के और मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि देश में कट्टरता कैसे फैल रही है. उन्होंने कहा कि कट्टरता सब समाज में बढ़ रही है. ओवैसी ने अपनी पार्टी की ओर से उदयपुर में हुई हत्या की सख्त आलोचना करते हुए कहा कि अगर कोई विरोध करना है, तो वो संविधान के दायरे में रहकर शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विरोध करना आपका अधिकार है, लेकिन अगर कोई कानून अपने हाथ में लेगा, तो ये गलत है.

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