जिस केस में IPS अधिकारी भगोड़ा, उस केस के गवाह के बेटे को यूपी पुलिस ने फ़र्ज़ी मुक़दमे में फ़ंसा दिया?
महोबा के एक और व्यापारी का पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप
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महोबा के व्यापारी केशव और यूपी पुलिस (सांकेतिक). व्यापारी केशव ने कहा है कि पुलिस ने गवाह बदलने का दबाव डाला. और पुलिस ने आरोप ख़ारिज किए.

अब महोबा के एक और व्यापारी ने महोबा पुलिस पर उत्पीड़न और जान को ख़तरे का आरोप लगाया है. कबरई थाना क्षेत्र के ही विस्फोटक व्यापारी केशव बाबू सविता ने ये आरोप लगाए हैं. केशव इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत में प्रमुख गवाह हैं और उन्होंने कहा है कि पुलिस उन पर गवाही बदलने का दबाव डाल रही है.

मीडिया से बातचीत में केशव ने कहा है कि 25 दिसम्बर 2020 को उनका बेटा कमल शहर के परमार मेडिकल गया अपना ब्लड प्रेशर चेक कराने. वो पहले से ही दिल का मरीज़ है. वहां शराब के नशे में कमल का विवाद हो गया. व्यापारी केशव ने आरोप लगाया है कि कमल के साथ परमार मेडिकल पर मारपीट हुई. पुलिस मौक़े पर पहुंची. और उन्होंने लूट का फ़र्ज़ी मुक़दमा दर्ज करके कमल को गिरफ़्तार कर लिया. पुलिस ने भी कमल के साथ मारपीट की. दिल के मरीज़ कमल की तबीयत बिगड़ने लगी. तो उसे कानपुर रेफ़र कर दिया गया.
केशव ने कहा है कि बीते कई दिनों से उस पर गवाही बदले का दबाव पुलिस की तरफ़ से डाला जा रहा है. उन्होंने पुलिस पर उनके और उनके परिवार का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. ख़ुद की हत्या की आशंका जतायी. कोतवाल विजय कुमार सिंह पर आरोप लगाए कि कमल को अरेस्ट करने के बाद विजय कुमार सिंह ने कहा कि उसे नहीं छोड़ूंगा. बक़ौल केशव, विजय ने ख़ुद पर IPC की धारा 302 (हत्या) का मुक़दमा लिखवा देने का चैलेंज भी दिया.

स्थानीय सूत्र बताते हैं कि कमल की स्थिति गम्भीर है. कमल के शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं. इस बारे में महोबा पुलिस ने सफ़ाई भी दी है. सीओ कालू सिंह ने कहा है कि परमार मेडिकल में इलाज के दौरान कमल मारपीट करने लगा, साथ ही वहां से 5 हज़ार रुपए लूट लिए. इसको लेकर अधिष्ठाता डॉक्टर प्रशांत परमार ने शिकायत दर्ज कराई. पुलिस आरोपी कमल को लेकर कोतवाली आयी थी. कमल सीने में दर्द की शिकायत करने लगा. लेकिन हालत नाज़ुक होने पर उसे ज़िला अस्पताल ले जाया गया. फिर स्थिति बिगड़ने लगी तो कानपुर रेफ़र कर दिया गया. पुलिस ने उत्पीड़न के आरोपों को निराधार बताया है. साथ ही गवाही बदलने की बात पर दबाव की बात को भी पुलिस ने ख़ारिज किया है.
ग़ौरतलब है कि व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत में यूपी पुलिस ने SIT जांच के आदेश दिए थे. परिजनों के आरोप थे कि वीडियो वायरल करने के बाद इंद्रकांत त्रिपाठी एक प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करने जा रहे थे, जिसके पहले उनकी हत्या कर दी गयी. वहीं SIT ने अपनी जांच में ये निष्कर्ष निकाला कि IPS मणिलाल पाटीदार के दबाव के चलते इंद्रकांत त्रिपाठी ने ख़ुद को गोली मारकर आत्महत्या कर की. इस केस में केशव प्रमुख गवाह हैं, जिन्होंने SIT के सामने अपना बयान दर्ज कराया है.
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