पाकिस्तान को अफगानिस्तान ने बुरा लपेटा, रक्षा मंत्री और ISI चीफ को वीजा देने से ही मना कर दिया
पाकिस्तानी अधिकारी काबुल में एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने का प्लान बना रहे थे. इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और अन्य मुद्दों पर चर्चा करना था.

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के दरमियान तनाव के बीच एक नया विवाद सामने आया है. तालिबान शासित अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ उसकी खूफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के चीफ आसिम मलिक और दो अन्य सीनियर अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर दिया है. पिछले तीन दिनों में तीसरी बार वीजा की अर्जी खारिज की गई है.
बैठक का प्लान था!अफगानिस्तान की न्यूज एजेंसी TOLOnews की रिपोर्ट के मुताबिक ये पाकिस्तानी अधिकारी काबुल में एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने का प्लान बना रहे थे. इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और अन्य मुद्दों पर चर्चा करना था. हालांकि, अफगानिस्तान ने इन अधिकारियों के वीजा एप्लीकेशन को खारिज कर दिया. जिसे पाकिस्तान के लिए एक बड़े कूटनीतिक झटके के रूप में देखा जा रहा है.
अफगानिस्तान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने भी इस बात की पुष्टि की है. मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान के एयरस्पेस के उल्लंघन के कारण पाकिस्तानी डेलिगेशन की काबुल यात्रा के अनुरोध को रद्द कर दिया गया है. मुजाहिद ने कहा,
“उन्होंने (पाकिस्तान) अपने उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल को अफगानिस्तान आने के लिए कहा था, लेकिन एयरस्पेस के उल्लंघन के कारण अफगानिस्तान ने यात्रा की इजाजत नहीं दी और उनके अनुरोध को ठुकरा दिया.”
इस मामले में अभी तक पाकिस्तानी अधिकारियों की तरफ से औपचारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं आई है.
पाकिस्तान ने किया हमलाइससे पहले गुरुवार, 9 अक्टूबर की रात पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के एयरस्पेस का उल्लंघन करते हुए हवाई हमले किए. इसके जवाब में शनिवार, 11 अक्टूबर को अफगानिस्तान की सेना ने डूरंड लाइन के पास जवाबी कार्रवाई की. अफगानिस्तान का दावा है कि इन हमलों में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 30 घायल हुए. इतना ही नहीं, अफगानिस्तान ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की 25 मिलिट्री पोस्ट उसके नियंत्रण में आ गईं.
ट्रंप मध्यस्थता के लिए कूदेउधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सब कुछ ठीक करने की बात दोहरा दी. इजराइल जाते वक्त ट्रंप ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की पेशकश करते हुए कहा,
"मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध चल रहा है. मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच भी युद्ध चल रहा है. मैंने कहा, मुझे वापस आने तक इंतजार करना होगा. मैं एक और युद्ध सुलझा रहा हूं. क्योंकि मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूं. और ऐसा करना मेरे लिए सम्मान की बात है."
दूसरी ओर, चीन ने दोनों देशों से अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है. चीन ने दोनों पक्षों के बीच संयम और शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा,
"दोनों देश चीन के दोस्त और एक-दूसरे के पड़ोसी हैं. आर्थिक और सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा देना और आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करना पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों के हित में है."
बता दें कि 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने के अफगानिस्तान के दावे को पाकिस्तान ने खारिज कर दिया था. पाकिस्तानी सेना ने रविवार, 12 अक्टूबर कहा था कि उसके कम से कम 23 सैनिक मारे गए हैं. पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने 200 से ज्यादा तालिबानी सैनिकों को मारा है.
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