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गौतम अडानी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका, अब 4 साल तक शुरू नहीं होगा

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की मार अब अडानी ग्रुप पर दिखने लगी है!

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adani group green hydrogen project stop
अडानी का बड़ा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया | प्रतीकात्मक फोटो: आजतक
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अभय शर्मा
6 जून 2023 (Updated: 6 जून 2023, 08:20 AM IST)
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अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research). इसने कुछ महीने पहले गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों पर कई आरोप लगाए थे. जिसके बाद Adani Group को भारी नुकसान हुआ. नुकसान इतना कि अब गौतम अडानी को अपना एक ड्रीम प्रोजेक्ट ही रोकना पड़ा है. Adani Group ने अब ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen Project) से जुड़ी अपनी योजना को फिलहाल टालने का फैसला किया है.

अब इस प्रोजेक्ट का क्या होगा?

गौतम अडानी ने जून 2022 में कहा था कि वो भारत में दुनिया का सबसे सस्ता ग्रीन हाइड्रोजन उपलब्ध करवाएंगे. उन्होंने अपनी इस योजना में 50 अरब डॉलर (तकरीबन 400 करोड़) के निवेश का ऐलान किया था. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अडानी ग्रुप का कहना है कि अब ग्रीन हाइड्रोजन बिजनेस का विस्तार 2026 या 2028 के बाद ही हो पाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि अगले दो सालों में इस प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग मिलना नामुमकिन लग रहा है. अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रॉबी सिंह ने इस बात की पुष्टि की है.

फंडिंग कहां फंसी?

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप को काफी नुकसान हुआ. अडानी इंटरप्राइजेज की तरफ से 20 हजार करोड़ का एफपीओ लाया गया था. एफपीओ से जुटने वाले फंड का एक बड़ा हिस्सा ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट में लगना था. लेकिन, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद एफपीओ को ही रद्द कर दिया गया. ऐसे में ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट के लिए फंड नहीं जुट सका. और जब फंड नहीं जुटा तो अडानी ग्रुप ने अपने इस प्रोजेक्ट को कुछ सालों के लिए टालने का फैसला कर लिया.

बता दें कि ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में अडानी ग्रुप की सीधी टक्कर मुकेश अंबानी से है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी इस सेक्टर में मोटा निवेश करने का ऐलान किया हुआ है.

अडानी ग्रुप की जांच जारी

बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया था. अकाउंट्स में हेरफेर का आरोप लगाया था. साथ ही अडानी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप भी लगाए थे.

हालांकि, हिंडनबर्ग के आरोपों को अडानी ग्रुप ने खारिज कर दिया था. लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर जमकर बवाल मचाया और जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी.

कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट 6 मई को सौंप दी. 19 मई को सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हुई. इंडिया टुडे के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह ने पहली नज़र में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है. साथ ही अडानी समूह की कंपनियों में गैरकानूनी तरीके से किए गए निवेश के सबूत नहीं मिले हैं. लेकिन, अपनी रिपोर्ट में SC की एक्सपर्ट कमेटी का ये भी कहना है कि कुछ चीजें हैं जिनकी जांच SEBI को तय करनी चाहिए.

उधर, 18 मई को अडानी-हिंडनबर्ग केस की जांच कर रही SEBI को कोर्ट ने जांच के लिए तीन महीने का वक्त और दे दिया. SEBI ने सुप्रीम कोर्ट से जांच पूरी करने के लिए छह महीने का वक्त मांगा था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

वीडियो: खर्चा-पानी: LIC को जबरदस्त मुनाफा, अडानी में निवेश की भी वैल्यू बढ़ी

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