The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Adani Group investigations sin...

अडानी पर SEBI का सुप्रीम कोर्ट में बड़ा खुलासा, कहा- '2016 से नहीं हुई जांच...'

क्यों चाहिए अडानी की जांच के लिए और वक्त सेबी ने बताया?

Advertisement
Adani Group 2016 factually baseless Sebi informs Supreme Court.jpg
अडानी की जांच में छह महीने क्यों लगेंगे अब पता चला | फ़ाइल फोटो: आजतक
pic
अभय शर्मा
15 मई 2023 (Updated: 16 मई 2023, 13:56 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) में सुप्रीम कोर्ट में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने एक बड़ी जानकारी दी है. सोमवार, 15 मई को SEBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि Adani Group की किसी भी लिस्टेड कंपनी की जांच 2016 से SEBI नहीं कर रही है, इस तरह के सभी दावे गलत हैं.

क्या 51 कंपनियों में SEBI का नाम है?  

इंडिया टुडे से जुड़े संजय शर्मा की एक रिपोर्ट के मुताबिक SEBI ने कोर्ट में दिए गए अपने एक हलफनामे में बताया है कि 51 कंपनियों की जांच साल 2016 से अब तक की गई है. ये जांच इन लिस्टेड कंपनियों द्वारा ग्लोबल डिपॉजिटरी रीसीट (GDR) जारी करने से संबंधित है. लेकिन, इन 51 कंपनियों में एक भी अडानी समूह की लिस्टेड कंपनी नहीं है. यानी साफ है कि अडानी ग्रुप की किसी भी कंपनी के खिलाफ जांच लंबित या पूरी होने की बात आधारहीन है.

SEBI ने क्यों मांगा जांच के लिए और वक्त? 

SEBI ने हलफनामे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद शुरू हुए अडानी ग्रुप की जांच को लेकर भी जानकारी दी है. एजेंसी ने बताया है कि क्यों उसे जांच के लिए छह महीने का और समय चाहिए. एजेंसी के मुताबिक हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिन 12 संदिग्ध ट्रांजैक्शन का जिक्र किया गया है, वो काफी जटिल हैं. ये लेन-देन दुनिया के कई देशों में स्थित फर्म्स से जुड़े हैं. सेबी का ये भी कहना है कि इन सभी 12 लेन-देन से जुड़े आंकड़ों की जांच और नतीजों की पड़ताल करने में अभी काफी समय लगेगा. और इसलिए उसे जांच के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय चाहिए. SEBI के मुताबिक निवेशकों की सिक्योरिटी और मार्केट के साथ न्याय करने के लिए ये समय मिलना बेहद जरूरी है.

वहीं न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने कोर्ट को हलफनामे में ये भी बताया है कि उसने 11 विदेशी रेग्युलेटर्स से इस संबंध में जानकारी के लिए संपर्क किया है. और उनसे पूछा है कि क्या अडानी समूह ने अपने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयरों के संबंध में किसी भी मानदंड का उल्लंघन किया है?

हालांकि, 12 मई को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सेबी के छह महीने का समय मांगने पर कहा था कि इतना ज्यादा समय देना सही नहीं होगा. इस मामले पर 16 मई को फिर सुनवाई होगी.

वीडियो: खर्चा पानी: अडानी को पैसा उधार मिलेगा या नहीं?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement