92 साल पहले कैसा दिखता था इंडियन पासपोर्ट, केन्या का नाम देखकर सब हक्के-बक्के!
1931 का पासपोर्ट वायरल.
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पुराने बिलों और शादी के कार्ड से जुड़ी कई तस्वीरें (Social Media Viral Photos) सोशल मीडिया पर लोग अपलोड करते रहते हैं. इसमें से कई तस्वीरें वायरल भी हो जाती हैं. हाल ही में एक शादी के कार्ड की तस्वीर वायरल हुई थी. ये शादी का कार्ड 90 साल पुराना था. और उर्दू में लिखा गया था. अगर आपने ये खबर मिस कर दी हो तो यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं. अब ऐसी ही एक पुराने पासपोर्ट की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर वायरल हो रही है.
पासपोर्ट करीब 92 साल पुराना बताया जा रहा है. पासपोर्ट की ये तस्वीर अंशुमान सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने शेयर की है. तस्वीर उनके दादा जी के ब्रिटिश इंडियन पासपोर्ट की है. इसे पाकिस्तान के लाहौर में जारी किया गया था. अंशुमान के मुताबिक उस वक्त उनके दादा की उम्र 31 साल के लगभग रही होगी.
अंशुमान ने ट्वीट कर लिखा,
“मेरे दादा जी का ब्रिटिश इंडियन पासपोर्ट. ये साल 1931 में जारी किया गया था. तब उनकी उम्र 31 साल रही होगी.”
अंशुमान के ट्वीट के मुताबिक पासपोर्ट पंजाब राय नाम के शख्स का था. पासपोर्ट की वैलिडिटी भारत के अलावा केन्या में भी थी. सारी तस्वीरें खंगालने पर पता चलता है कि पासपोर्ट 3 जुलाई, 1936 तक वैलिड था. पासपोर्ट में पासपोर्ट होल्डर की तस्वीर भी नत्थी है. इसके अलावा पासपोर्ट पर उर्दू में हस्ताक्षर भी मौजूद हैं.
पासपोर्ट के एक पेज पर ये भी लिखा है कि भारत के वायसराय और गवर्नर-जनरल से अनुरोध है कि पासपोर्ट धारक को बिना किसी बाधा के गुजरने दिया जाए. इसके अलावा धारक को हर तरह की सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाए. ये सब कुछ पंजाब सरकार की मुहर के साथ पासपोर्ट में लिखा गया है.
अंशुमान सिंह के इस पोस्ट को अब तक 1 लाख से भी ज्यादा लोगों ने देखा है. वहीं इस पोस्ट को 17 सौ से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है. अंशुमान के इस पोस्ट पर कई तरह के कॉमेंट्स आए हैं. रिंपी बेरगामो नाम के एक यूजर ने भी अपने दादा जी के पासपोर्ट की फोटो शेयर कर दी. रिंपी ने ट्वीट कर लिखा,
“मेरे दादा जी, सरदार करतार सिंह का पासपोर्ट. ये मेरे मामा जी ने संभाल कर रखा था. पिछले साल उन्होंने मुझे ये दिया. इसमें इटली, नीदरलैंड, जर्मनी और बॉम्बे का वीजा स्टाम्प भी देखा जा सकता है.”
ट्विटर यूजर इमरान सईद ने अंशुमान से कहा कि वो कभी भी लाहौर का डोमिसाइल ले सकते हैं. उन्होंने लिखा,
“वाह ये अच्छा खजाना है. आप कभी भी लाहौर के डोमिसाइल का दावा कर सकते हैं.”
इसपर अंशुमान सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें लाहौर जाकर इसे विस्तार से देखना अच्छा लगेगा. लाहौर दादा जी को बहुत प्यारा था. जब भी बिजली कटौती के बाद घर में रोशनी आती थी तो दादा जी कहते थे, “लाहौर हो गया.”
सबा नाम की एक ट्विटर यूजर ने अंशुमान से कहा कि वो इसे किसी म्यूजियम को बेच दें. जिस पर अंशुमान ने जवाब देते हुए कही कि नहीं, उनके दादा जी उनके हीरो थे. वो इसे कभी बेच नहीं सकते.
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