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अधिकारी का फोन डैम में गिरा, ढूंढने के लिए 21 लाख लीटर पानी बहा दिया, जब फोन मिला तो...

कई घंटे तलाशी के बाद जब फोन नहीं मिला तो फूड इंस्पेक्टर ने डैम का पानी खाली करने के लिए डीजल पंप मंगाया. तीन दिन तक पंप चला.

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21 lakh liter water removed from dam in Chhattisgarh in search of food inspector phone
पंप लगाकर डैम का लाखों लीटर पानी बहाया. (फोटो- आजतक)
26 मई 2023 (Updated: 26 मई 2023, 15:54 IST)
Updated: 26 मई 2023 15:54 IST
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छत्तीसगढ़ में एक अधिकारी ने अपना खोया मोबाइल ढूंढने के लिए कई लाख लीटर पानी फिजूल करवा दिया. ये अफसर अपने दोस्तों के साथ पार्टी इन्जॉय कर रहा था. वहां उसका मोबाइल पानी में गिर गया. बाल्टी या छोटे-मोटे गड्ढे के पानी में नहीं. बल्कि एक डैम के हिस्से में जहां झोंक के पानी भरा था. आरोप है कि फोन की तलाश में अफसर ने ऐसी खलबली मचाई कि डैम का लाखों लीटर पानी बहा दिया गया. मामला सामने आते ही विभाग ने कार्रवाई कर संबंधित अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है.

क्या था मामला?

आजतक की संवाददाता सुमी राजाप्पन की रिपोर्ट के मुताबिक मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का है. यहां परलकोट डैम बना है. 21 मई को कोयलीबेड़ा ब्लॉक में पोस्टेड फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास अपने दोस्तों के साथ घूमने और पार्टी करने निकले थे. वो दोस्तों के साथ डैम के ऊपर घूम रहे थे, तभी उनका सैमसंग एस23 मोबाइल फोन पानी में जा करा. इसके बाद आसपास के ग्रामीणों और कई गोताखोरों को मोबाइल की तलाशी में लगाया गया.

नहीं मिला तो पंप लगाया गया

कई घंटे तलाशी के बाद जब फोन नहीं मिला तो फूड इंस्पेक्टर ने डैम का पानी खाली करने के लिए डीजल पंप मंगाया. तीन दिन तक पंप चला. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कथित तौर पर 21 लाख लीटर से ज्यादा पानी डैम से निकाल दिया गया. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक राजेश विश्वास ने बताया,

“मैंने अपने खर्चे पर डीजल पंप मंगाया और पानी खाली कराया. इसमें कुल 7-8 हजार रुपए का खर्च आया था. दो-चार पाइप की मदद से मैंने पानी खाली कराया.”

पानी खाली कराने की बात सिंचाई विभाग के अफसरों तक पहुंची तो पंप को बंद करवाया गया. हालांकि, तब तक साहब का फोन मिल गया था. जो कि काम भी नहीं कर रहा था. 

मामले को लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी आरसी धीवर ने कहा कि नियम के अनुसार मौखिक तौर पर पांच फीट तक पानी खाली करने की इजाजत दी गई थी. लेकिन दस फीट पानी खाली कर दिया गया. इस पर राजेश ने बताया,

“मैंने पानी खाली कराने के लिए मौखिक इजाजत ली थी. मैंने लोकल पंचायत से भी बात की तो उन्होंने बताया इस पानी को इस्तेमाल नहीं किया जाता है. बस तीन फीट पानी खाली किया गया. इसमें मैंने किसी भी तरह के पद का लाभ नहीं उठाया है.”

फोन में विभागीय जानकारी थी!

रिपोर्ट के मुताबिक जब फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास से पूछा गया कि फोन की ऐसी क्या जरूरत थी, तो उन्होंने बताया कि फोन में कुछ अहम विभागीय जानकारी मौजूद थी. राजेश ने आगे बताया कि फोन ज्यादा गहराई में नहीं गिरा था इसलिए उन्होंने उसे ढूंढने का प्रयास किया.

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