'हलाल' को लेकर हिमालया के खिलाफ ट्रेंड चलने पर लोग पतंजलि को क्यों खींच लाए?
'हलाल सर्टिफिकेट' पर हिमालया ने क्या जवाब दिया है?
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हलाल विवाद के बीच बीते दिनों सोशल मीडिया पर 'बायकॉट हिमालया' ट्रेंड कर रहा था. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई, जिसमें हिमालया फार्मास्युटिकल कंपनी (Himalaya Pharmaceutical Company) हलाल नीति का पालन करने की बात कह रही है. यहां इस्तेमाल हुए 'हलाल' शब्द को लोगों ने मांस से जोड़ दिया और इस तरह ट्विटर पर बायकॉट हिमालया ट्रेंड करने लगा. सोशल मीडिया पर हिमालया के खिलाफ चल रहे इस कैम्पैन में एक्टर परेश रावल (Paresh Rawal) भी शामिल हो गए.
एक्टर और भाजपा नेता परेश रावल ने 1 अप्रैल को एक ट्वीट किया,
"#बायकॉट हिमालया"
परेश रावल के ट्वीट का स्क्रीनशॉट (ट्विटर)
आपको बात दें कि परेश रावल ने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया है, हमने उनके ट्वीट का स्क्रीनशॉट अपनी खबर में लगाया है. उनके इस ट्वीट के कुछ घंटों बाद ही कंपनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी. हिमालया ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा,
"आपका धन्यवाद परेश रावल. हमें नहीं पता कि आप हिमालया जैसे एक 90 साल पुराने स्वदेशी ब्रांड से क्यों नफरत करते हैं, लेकिन परेश जी हम आपको प्यार करते हैं. आपकी नई मूवी शर्मा जी नमकीन के लिए बधाई!"
Thank You @SirPareshRawal
We don’t know what reasons you have to hate a swadeshi brand like #Himalaya
with a legacy of over 90 years, but we love you, Paresh Ji! ❤️ Good luck with the release of your new movie! 🎥#SharmajiNamkeen
— Himalaya Wellness Company (@HimalayaIndia) April 1, 2022
कंपनी ने और क्या कहा?
इस बायकॉट कैम्पैन की शुरुआत एक वायरल फोटो से हुई है, जिसमें कंपनी हलाल नीति को मानने की बात करती है. फोटो के मुताबिक, कंपनी कहती है कि वो इस्लामिक नियमों, शरिया का पालन करते हुए ही अपने सभी हर्बल और केमिकल उत्पादों का निर्माण करती है. कंपनी कहती है कि उसके उत्पादों में ऐसे किसी भी पदार्थ का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिसको इस्लाम में प्रतिबंधित माना गया है.
सोशल मीडिया पर हिमालया की हलाल पॉलिसी की वायरल फोटो (ट्विटर)
'हलाल' का जिक्र मिलने पर लोगों को लगा कि हिमालया अपने प्रोडक्टस में मांस का इस्तेमाल करता है. इस वजह से ट्विटर पर हिमालया के खिलाफ ट्रेंड चलने लगा. इस पूरे विवाद पर कंपनी ने इन सभी अफवाहों का खंडन करते हुए एक बयान जारी किया है. एक ट्वीट में कंपनी की तरफ से लिखा गया,
"हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हिमालया के किसी भी उत्पाद में मांस नहीं है, जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है. ये दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है. हलाल प्रमाणीकरण का यह मतलब नहीं है कि किसी भी प्रोडक्ट में animal-derived ingredients का इस्तेमाल हुआ है. आयात करने वाले देशों का ये नियम शाकाहारी प्रोडक्टस पर भी लागू होता है. इन देशों में निर्यात करने वाली सभी कंपनियों को ये पॉलिसी माननी होती है."
pic.twitter.com/9iCRhuQUbc
— Himalaya Wellness Company (@HimalayaIndia) April 1, 2022
पतंजलि की फोटो वायरल इधर कुछ यूजर्स ने हिमालया के खिलाफ चलाए जा रहे ट्रेंड पर सवाल उठाते हुए पतंजलि समेत कई भारतीय ब्रांड्स के हलाल सर्टिफिकेट की फोटो को शेयर किया.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पतंजलि की हलाल सर्टिफिकेट की तस्वीर (फोटो: ट्विटर)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हलाल विवाद में पतंजलि का नाम सामने आने के बाद कंपनी ने हलाल प्रमाणपत्र पर अपना पक्ष रखा है. कंपनी के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियां यह प्रचार कर रही हैं कि स्वामी रामदेव के पतंजलि प्रतिष्ठान ने हलाल मीट के निर्यात के लिए हलाल प्रमाणपत्र लिया है, लेकिन असल में यह दुष्प्रचार है. कंपनियां चाहती हैं कि भारत में पतंजलि के उत्पादन बिकने बंद हो जाएं. वास्तव में यह प्रमाणपत्र अरब देशों में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्यात के लिए लिया गया है.