The Lallantop
Advertisement

इंडिया के दिग्गज फिल्ममेकर ने बांग्लादेश की सबसे चर्चित हस्ती पर बनाई है फिल्म

श्याम बेनेगल ने 87 साल की उम्र में कोरोना के दौरान इस फिल्म की शूटिंग पूरी की.

Advertisement
Img The Lallantop
पहली तस्वीर में एक रैली के दौरान शेख मुजिबुर रहमान. बीच में उनके ऊपर बन रही फिल्म का पोस्टर. आखिरी तस्वीर फिल्ममेकर श्याम बेनेगल की.
font-size
Small
Medium
Large
22 मार्च 2022 (Updated: 22 मार्च 2022, 15:58 IST)
Updated: 22 मार्च 2022 15:58 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
इंडिया के सबसे काबिल और दिग्गज फिल्ममेकर्स में गिने जाने वाले श्याम बेनेगल की नई फिल्म आ रही है. इसका नाम है- Mujib: The Making of a Nation. ये बांग्लादेशी लीडर शेख मुजीबुर्रहमान की बायोपिक है. बांग्लादेश की आज़ादी में उनका बड़ा हाथ था. उन्हें 'बंगबंधु' के नाम से भी जाना जाता था, जिसका मतलब होता है बंगाल का दोस्त. 'मुजीब' को इंडिया की नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और बांग्लादेश फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने मिलकर बनाया है.
क्या किया था शेख मुजीबुर्रहमान ने?
शेख मुजीबुर्रहमान ने अवामी लीग पार्टी की स्थापना की थी. ये बांग्ला लोगों की पार्टी थी. इसी पार्टी ने ईस्ट पाकिस्तान को अलग देश बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया था. 1970 में पाकिस्तान के पहले डेमोक्रेटिक इलेक्शन में उनकी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की. मेजॉरिटी हासिल करने के बावजूद उन्हें पाकिस्तान में सरकार नहीं बनाने दी गई. इस चीज़ से नाराज़ आबादी के एक बड़े हिस्से ने असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया. देशभर में प्रोटेस्ट होने लगे. 7 मार्च, 1971 को ढाका के रामना रेस कोर्स में मुजीब ने 10 लाख लोगों के सामने एक भाषण दिया. इस स्पीच में उन्होंने बांग्लादेश की आज़ादी की घोषणा कर दी. ईस्ट पाकिस्तान में हो रहे प्रोटेस्ट के जवाब में पाकिस्तानी आर्मी ने 'ऑपरेशन सर्चलाइट' शुरू किया. इस ऑपरेशन के पहले फेज़ में मुजीब को गिरफ्तार कर पश्चिमी पाकिस्तान की किसी गुमनाम जगह पर कैद कर दिया गया. देश में कत्ल-ए-आम मच गया. मुजीब की गैर-मौजूदगी में लाखों लोगों ने गुरिल्ला आर्मी 'मुक्ति बाहिनी' जॉइन कर ली. उन्होंने भारतीय सेना की मदद से पाकिस्तानी आर्मी को हरा दिया. और ऐसे एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ.
7 मार्च, 1971 की ऐतिहासिक रैली के दौरान 10 लाख लोगों को संबोधित करते शेख मुजिबुर रहमान.
7 मार्च, 1971 की ऐतिहासिक रैली के दौरान 10 लाख लोगों को संबोधित करते शेख मुजीबुर्रहमान.


बांग्लादेश की आज़ादी के बाद पाकिस्तान पर इंटरनेशनल प्रेशर काफी बढ़ गया. इसकी वजह से उन्हें मुजीब को छोड़ना पड़ा. 1972 में मुजीब बांग्लादेश लौटे और देश के पहले प्रधानमंत्री बने. 15 अगस्त, 1975 को बांग्लादेशी आर्मी के कुछ अफसरों ने तख्तापलट की कोशिश की. इस प्रोसेस में 15 अगस्त की सुबह शेख मुजीबुर्रहमान समेत उनकी फैमिली के कई सदस्यों की हत्या कर दी गई. पिलहाल उनकी बिटिया शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं.
शेख मुजिबुर रहमान को करिश्माई पर्सनैलिटी और शानदार वक्ता के तौर पर जाने जाते थे.
शेख मुजीबुर्रहमान को करिश्माई पर्सनैलिटी और शानदार वक्ता के तौर पर जाने जाते थे.


फिल्म का नाम 'बंगबंधु' से बदलकर 'मुजीब' क्यों किया गया?
श्याम बेनेगल ने वेराइटी को दिए इंटरव्यू
में बताया कि पहले इस फिल्म का नाम 'बंगबंधु' था. क्योंकि पब्लिक उन्हें उसी नाम से जानती थी. मगर फिर उन्होंने शेख हसीना से बात की. शेख हसीना ने उन्हें बताया कि 'बंगबंधु' नाम काफी ज़्यादा इस्तेमाल हो चुका है. इसलिए उन्हें इस फिल्म का नाम 'मुजीब' रखना चाहिए. फिल्म का नाम बदलने के पीछे की एक वजह ये भी थी कि शेख मुजीबुर्रहमान को उनके आखिरी 6 सालों में 'बंगबंधु' नाम से जाना गया. जबकि ये फिल्म उनकी पूरी लाइफ को कवर करती है.
श्याम बेनेगल डायरेक्टेड फिल्म 'मुजिब' का पहला पोस्टर.
श्याम बेनेगल डायरेक्टेड फिल्म 'मुजीब' का पहला पोस्टर.


'मुजीब- द मेकिंग ऑफ अ नेशन' श्याम बेनेगल के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि की तरह है. उन्होंने 87 साल की उम्र में कोविड-19 पैंडेमिक के दौरान फिल्म को पूरा किया. फिल्म की शूटिंग खत्म हो चुकी है. फिलहाल पोस्ट-प्रोडक्शन का काम चल रहा है. मई में होने वाले कान फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म का टीज़र रिलीज़ किया जाएगा.
फिल्म 'मुजिब' के फर्स्ट लुक लॉन्च के मौके पर फिल्म के पोस्टर के साथ फिल्ममेकर श्याम बेनेगल.
फिल्म 'मुजीब' के फर्स्ट लुक लॉन्च के मौके पर फिल्म के पोस्टर के साथ फिल्ममेकर श्याम बेनेगल.


फिल्म में कौन करेगा 'मुजीब' का रोल?
'मुजीब' को इंडिया और बांग्लादेश की अलग-अलग लोकेशंस पर शूट किया गया है. फिल्म की कास्टिंग का प्रोसेस भी जटिल था. क्योंकि बांग्लादेशी लोगों की भाषा, पश्चिम बंगाल में बोली जाने वाली बांग्ला से थोड़ी अलग होती है. इसलिए श्याम बेनेगल इस फिल्म में बांग्लादेशी एक्टर्स को ही कास्ट करना चाहते थे. इस फिल्म में 'मुजीब' का टाइटल कैरेक्टर प्ले किया है अरिफिन शुवु ने. उन्हें फिल्म 'ढाका अटैक' के लिए बांग्लादेश नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है. उनके साथ 'डूब- नो बेड ऑप रोजेज़' फेम एक्ट्रेस नुशरत इमरोज़ तिशा, फज़लुर रहमान बाबू, चंचल चौधरी और नुसरत फारिया जैसे एक्टर्स ने भी इस फिल्म में काम किया है. फिल्म की रिलीज़ डेट अभी घोषित नहीं की गई है.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement