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कर्नाटक में हलाल मीट बेचने वाले को पीटा गया, बीजेपी महासचिव ने 'आर्थिक जिहाद' बता डाला!

हिजाब विवाद के बाद हलाल विवाद का मंच तैयार?

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भाजपा नेता सीटी रवि और शिवमोगा एसपी बीएम लक्ष्मी प्रसाद (फोटो: आजतक)
1 अप्रैल 2022 (Updated: 1 अप्रैल 2022, 14:01 IST)
Updated: 1 अप्रैल 2022 14:01 IST
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हिजाब विवाद के बाद कर्नाटक में अब हलाल विवाद (Halal Meat Controversy) देखने को मिल रहा है. इसे लेकर कर्नाटक की राजनीति में हलचल शुरू भी हो गई है. बुधवार 30 मार्च को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने हलाल मीट पर एक बयान दिया था. कहा था कि उनकी सरकार हलाल मीट को लेकर आई आपत्तियों पर विचार करेगी. सरकार ने विचार करना शुरू भी नहीं किया होगा और कुछ लोगों को मनमर्जी करने की खुली छूट मिल गई. हुआ ये कि शिमोगा जिले में बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से एक मुस्लिम मीट विक्रेता की पिटाई कर दी. घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. उधर भाजपा महासचिव सीटी रवि (C T Ravi) पर आरोप लग रहा है कि वो इस मामले को हवा दे रहे हैं. उन्होंने अपने एक बयान में हलाल मीट को 'आर्थिक जिहाद' तक करार दिया है. मामला क्या है? आजतक से जुड़े नागार्जुन की रिपोर्ट के मुताबिक शिमोगा के एसपी बीएम लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि घटना बुधवार, 30 मार्च की ही है. शहर के होसमाने इलाके में कुछ बजरंग दल के कार्यकर्ता हलाल मीट के खिलाफ प्रचार कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक मुस्लिम मीट विक्रेता तौसीफ को धमकाते हुए कहा कि वो अपनी दुकान पर गैर-हलाल मीट ही बेचे. इस पर तौसीफ ने उन्हें कहा कि अभी ऐसा मीट तैयार नहीं है, लेकिन कुछ वक्त बाद वो इसकी व्यवस्था कर देगा. खबर के मुताबिक तौसीफ के इस जवाब से बजरंग दल के कार्यकर्ता भड़क गए. उन्होंने कथित तौर पर तौसीफ की पिटाई कर दी. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक उन पर बीच बचाव करने आए एक अन्य व्यक्ति से भी मारपीट करने का आरोप है. घटना की जानकारी पुलिस को मिली तो उसने पांच कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बताया कि मामले की जांच जारी है. क्या है बीजेपी का रुख? सीएम बोम्मई के बयान पर वापस आते हैं. उन्होंने कहा था,
'ये मामला अभी शुरू हुआ है. हमें इसका अच्छे से अध्ययन करना होगा. इसका नियमों से कोई संबंध नहीं है. ये एक प्रथा है जो जारी है. लेकिन अब इसे लेकर गंभीर आपत्तियां उठी हैं. हम उन पर विचार करेंगे.'
सीएम बोम्मई से पूछा गया था कि क्या हिंदू संगठन हलाल मीट के बहिष्कार पर जोर दे रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा था कि वो मामले की पूरी स्टडी करने के बाद ही कुछ बोलेंगे. हालांकि सत्तारूढ़ दल के दूसरे नेता संतुलित जवाब देने के मूड में नहीं दिखते. बीजेपी के महासचिव सीटी रवि ने मांस खाने वाले हिंदुओं से हलाल मीट न खाने की अपील की है. उनका ये बयान कर्नाटक के उगाडी त्योहार के कुछ दिनों बाद आया. इस त्योहार में राज्य के कुछ हिंदू भगवान को मांस चढ़ाकर नए साल का स्वागत करते हैं. वो मांस हलाल होता है या झटका ये स्पष्ट नहीं है, लेकिन बीजेपी महासचिव का कहना है कि हलाल मीट एक 'आर्थिक जिहाद' है. उनके मुताबिक इसका मतलब सिर्फ ये है कि मुस्लिम किसी दूसरे के साथ कोई व्यापार ना करें. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सीटी रवि ने कहा,
'जब वे (मुस्लिम) सोच सकते हैं कि हलाल मीट का इस्तेमाल होना चाहिए तो हम क्यों नहीं कह सकते कि इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए... जब मुस्लिम, हिंदुओं से गैर हलाल मीट खरीदने को तैयार नहीं होते हैं तो फिर हिंदुओं को क्यों उनसे मीट खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है?'
पूर्व सीएम ने की निंदा भाजपा नेता के इस रुख को कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने नफरत वाली राजनीति बताया है. उन्होंने कहा है,
'मैं इस सरकार से पूछना चाहता हूं कि आप इस राज्य को कहां ले जाना चाहते हैं? मैं हाथ जोड़कर हिंदू युवकों (बजरंग दल वाले) से विनती करता हूं कि राज्य के माहौल को खराब ना करें.'
कुमारस्वामी ने इस पूरे विवाद के लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया. कहा कि उसकी वजह से ही ऐसी पार्टी सत्ता में आई है और राज्य के लोगों को ऐसे दिन देखने पड़ रहे हैं.

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