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मुस्लिम बुजुर्ग की दाढ़ी नोचने के ओवैसी के आरोपों पर कानपुर पुलिस ने ये कहानी बताई है!

ओवैसी के वायरल भाषण से जुड़ा है मामला!

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25 दिसंबर 2021 (Updated: 25 दिसंबर 2021, 06:49 IST)
Updated: 25 दिसंबर 2021 06:49 IST
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AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का विवादों से रिश्ता  बना रहता है. उनके बयान छाए रहते हैं. न्यूज़ चैनल, IT सेल, फैक्ट चेकर्स, खुद ओवैसी और उनके विरोधी किसी एक बयान से निवृत्त होते हैं, तब तक दूसरा वायरल हो जाता है. कल सोशल मीडिया पर दिन भर ओवैसी के ही एक बयान पर हंगामा मचा हुआ था. ये बयान ओवैसी ने कानपुर की एक सभा में 12 दिसंबर को दिया था. वायरल वीडियो में ओवैसी ने यूपी पुलिस को खूब खरी खोटी सुनाई और कानपुर देहात पुलिस पर बड़ा आरोप लगा दिया.
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कानपुर की सभा में बोलते ओवैसी. (फोटो क्रेडिट- AIMIM)
ओवैसी ने क्या आरोप लगाया था? ओवैसी ने अपने हैदराबादी लहज़े में गरजते हुए कहा,
"रसूलाबाद पुलिस स्टेशन में एक 80 साल के बुजुर्ग, मोहम्मद रफीक की दाढ़ी नोची गई और उन पर पेशाब किया गया. और ये हरकत करने वाले का नाम SI गजेंद्र पाल सिंह है. बताइए ये आपकी इज्ज़त है. अगर ये बात सच है तो शर्मिंदगी नहीं तकलीफ होती है. हमारी दाढ़ी से तुमको नफरत क्यों है. 80 साल के बूढ़े के साथ तुम ये हरकत करते हो. मैं उन पुलिस वालों से ये कहना चाहता हूं कि याद रखो मेरी इस बात को, हमेशा योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेगा. हमेशा मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेगा. और हम मुसलमान वक्त के ऐतबार से खामोश ज़रूर हैं मगर याद रखो हम तुम्हारे जुल्म को भूलने वाले नहीं हैं."
पुलिस ने क्या कहा? बीते 7 दिसंबर को कानपुर के भीकदेव गांव से रफ़ीक नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि मार्च के महीने में रफ़ीक की बहू ने उन पर घरेलू हिंसा करने का केस दर्ज कराया था. और जब इस मामले में SI गजेंद्र पाल सिंह और हेड कॉन्स्टेबल समर सिंह जब उनके घर पहुंचे तो रफ़ीक ने पुलिसवालों पर हमला कर दिया.
कानपुर देहात पुलिस ने ओवैसी के इन आरोपों को खारिज करते हुए बयान जारी किया है. द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक SHO प्रमोद शुक्ला ने कहा,
"हमने 67 साल के रफ़ीक को 7 दिसंबर को गिरफ्तार किया. रफ़ीक के पास से SI गजेंद्र पाल सिंह की पिस्तौल बरामद की गई है. फिलहाल रफीक जेल में बंद है. और रफ़ीक पर पहले से 7 केस दर्ज हैं."
ओवैसी ने सफाई में क्या कहा? बयान वायरल होने के बाद कल ओवैसी ने एक के बाद एक ट्वीट कर सफाई भी दी थी. ओवैसी ने कहा है कि कानपुर में दिए गए उनके भाषण को जानबूझकर तोड़ मरोड़कर सोशल मीडिया पर डाला गया है और ऐसे पेश किया गया है जैसे वो हिंदू समाज से आने वाले लोगों को धमकी दे रहे हों. ओवैसी ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कुछ लोग हरिद्वार में हुए धर्म संसद नाम के कार्यक्रम में लगे मुस्लिम समुदाय के नरसंहार के नारों से ध्यान हटवाना चाहते हैं.

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