नेहरू का नाम लेकर सिंगापुर के PM क्या बोले कि भारत सरकार ने वहां के राजदूत को समन जारी कर दिया?
लोकतंत्र कैसे चलता है, इस विषय पर बोल रहे थे सिंगापुर के पीएम ली सीन लूंग.
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सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग का अपने देश की संसद में दिया भाषण हर तरफ चर्चा में है. इस भाषण में ली सीन लूंग ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया था. लेकिन उनके भाषण को लेकर मौजूदा भारत सरकार ने यहां सिंगापुर के राजदूत साइमन वोंग को तलब कर लिया है. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक सरकार के सूत्रों ने उसके इस कदम की वजह बताते हुए कहा है कि भाषण में सिंगापुर के प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी 'अनुचित' थी.
क्या बोले थे ली सीन लूंग?
खबर के मुताबिक बुधवार 16 फरवरी को सिंगापुर की संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने इस विषय पर बात की थी कि एक लोकतंत्र को किस तरह काम करना चाहिए. इसी के तहत उन्होंने कई पुराने चर्चित अंतरराष्ट्रीय नेताओं का नाम लिया. इनमें ली सीन लूंग ने जवाहरलाल नेहरू का भी उल्लेख किया. भाषण में सिंगापुर के प्रधानमंत्री वर्कर्स पार्टी के एक पूर्व सांसद के खिलाफ की गई शिकायतों को लेकर बनाई गई समिति की रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे थे. उसी दौरान उन्होंने ये टिप्पणी की,'स्वतंत्रता के लिए लड़ने और इसे जीतने वाले नेता विलक्षण साहस, संस्कृति और उत्कृष्ट क्षमता वाले असाधारण व्यक्ति होते हैं. वे संघर्षों से तप कर निकलते हैं और देश के नेता बनते हैं. डेविड बेन-गुरिओन्स, जवाहरलाल नेहरू और हमारे कुछ अपने नेता ऐसे ही हैं.'
ली सीन लूंग ने आगे कहा,
'हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेहरू का भारत अब ऐसा बन गया है, जहां लोकसभा में लगभग आधे सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें रेप और मर्डर के मामले भी शामिल हैं. हालांकि ये भी कहा जाता है कि इनमें से ज्यादातर आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.'
पीएम लूंग ने ये भी कहा कि सिंगापुर के लोग अपने नेताओं, सिस्टम और संस्थानों पर भरोसा कर सकते हैं, अगर सरकार के लोग ईमानदारी बरतते हैं और नियमों को समान रूप से लागू करते हैं. उन्होंने कहा,Singapore PM invokes Nehru to argue how democracy should work during a parliamentary debate whereas our PM denigrates Nehru all the time inside and outside Parliament
pic.twitter.com/B7WVhzxb9h — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 17, 2022
'अगर शासित और शासक दोनों सही मानदंडों और मूल्यों पर चलेंगे, तो हमारा लोकतंत्र परिपक्व, गहरा और अधिक लचीला हो सकता है. सिंगापुर फलता-फूलता रह सकता है. लेकिन यदि हम इन मानकों में ढील देंगे, झूठ को नजरअंदाज करेंगे तो ये सब बिखर जाएगा.'खबर के मुताबिक इस भाषण से जुड़ी खबरें सामने आने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने यहां सिंगापुर के राजदूत को समन जारी कर दिया है. उसका कहना है कि भारत और यहां की संसद के लिए सिंगापुर के पीएम की टिप्पणी गैरजरूरी थी.