हरभजन के किस सवाल पर एमएस धोनी ने साध ली चुप्पी?
भज्जी ने खोली बीसीसीआई की पोल.
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टीम इंडिया के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने बड़ा बयान दिया है. हरभजन सिंह ने कहा है कि उन्हें एमएस धोनी ने टीम से बाहर होने की वजह नहीं बताई. यहां तक कि BCCI से भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इतना ही नहीं, भज्जी ने ये भी कहा है कि BCCI के कुछ अधिकारी चाहते थे कि उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जाए.
संन्यास के ऐलान के बाद हरभजन सिंह ने Zee News को दिए इंटरव्यू में अपने करियर से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिये. भज्जी से जब पूछा गया कि उन्होंने 417 टेस्ट विकेट हासिल किये. अगर BCCI से या सिस्टम से मदद मिलती तो ये 617 भी हो सकते थे. इस पर भज्जी ने कहा,
31 साल की उम्र में मैंने 400 विकेट ले लिए थे. मैं आराम से 100-150 विकेट और ले सकता था. लेकिन कौन आपके फेवर में है कौन नहीं ये पता नहीं चलता है. आप खुद सोचिए अगर मैं एक दिन विकेट लूं और अगले दिन ड्रॉप हो जाऊं तो कैसा लगेगा. इसका मलाल हमेशा रहेगा. मैं अपनी मर्जी से जाता तो अच्छा लगता. लेकिन मुझे साइड लाइन किया गया, इग्नोर किया गया.हरभजन सिंह ने इस जवाब में आगे कहा,
सेलेक्टर्स ने मुझे जवाब तक नहीं दिया. मिलने की कोशिश की लेकिन उन्होंने सीनियर खिलाड़ी को बाहर कर दिया. उन्होंने मेरे साथ जो किया, इसका अहसास शायद आगे कभी उन्हें हो. ऊपर वाला बैठा है, वो इंसाफ करेगा. जिंदगी सिर्फ क्रिकेट नहीं है, लंबी रेस है. मेरे लिए क्रिकेट ज़िंदगी जीने का ज़रिया था. मुझे एहसास हो गया कि कौन लोग साथ देने की बात करते हैं लेकिन पीछे जा कर छुरा घोंपते हैं.
गौर हो कि हरभजन सिंह ने अपना आखिरी टेस्ट 2015 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था. अपने टेस्ट करियर में भज्जी ने कुल 103 मुकाबले खेले. 417 विकेट झटके. उन्होंने बल्ले से भी योगदान दिया. दो शतक और नौ अर्धशतक की मदद से 2224 रन बनाए. इंटरव्यू में भज्जी से पूछा गया कि उस वक्त एमएस धोनी कप्तान थे और वो चाहते तो साथ दे सकते थे. इसपर पूर्व स्पिनर ने कहा,All good things come to an end and today as I bid adieu to the game that has given me everything in life, I would like to thank everyone who made this 23-year-long journey beautiful and memorable. My heartfelt thank you 🙏 Grateful .https://t.co/iD6WHU46MU
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) December 24, 2021
ये कप्तान से भी ऊपर का मामला है. BCCI के अधिकारी चाहते थे कि ऐसा ही होना चाहिए. कप्तान कभी भी BCCI से बड़ा नहीं हो सकता है, क्योंकि वो हमेशा कप्तान से, गेम से बड़े रहते हैं. ऐसा लगता है कि खिलाड़ी BCCI की नींव होते हैं. अगर खिलाड़ी बिखर जाएंगे तो BCCI भी मज़बूत नहीं रह सकती है. उन दिनों तो मुझे लगता था कि BCCI ने कहा, WE ARE THE REAL BOSS और उन्होंने ऐसा ही किया. अगर आप गुड बुक्स में नहीं हैं तो आपका हश्र यही होगा. मैं कहूंगा जो मेरे साथ हुआ वो किसी और के साथ न हो.हालांकि हरभजन सिंह ने कई बार एमएस धोनी से टेस्ट टीम से बाहर से किये जाने का कारण भी पूछा. लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इस पर भज्जी को खूब निराशा हुई. इस पर हरभजन ने कहा,
मैंने कप्तान धोनी से पूछने की कोशिश की, लेकिन मुझे कोई कारण नहीं बताया गया. मुझे एहसास हुआ कि इसका कारण पूछने का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि अगर आप पूछते रहते हैं और कोई जवाब नहीं देता है, तो इसे छोड़ देना ही बेहतर है.बताते चलें कि हरभजन सिंह भारतीय क्रिकेट के लेजेंड हैं. लंबे समय तक उन्होंने टीम इंडिया की सेवा की. अपने दम पर कई यादगार मैच भी जिताए. लेकिन उन्हें विदाई मैच खेलने का मौका नहीं मिला. टीम इंडिया के लिए भज्जी ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला साल 2016 में UAE के खिलाफ खेला. टेस्ट में 417 विकेट चटकाने के अलावा उन्होंने 237 वनडे मैचों में 269 विकेट और 28 T20I मुकाबलों में 25 विकेट हासिल किये. हरभजन सिंह 2007 T20 विश्वकप और 2011 क्रिकेट विश्वकप जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा भी थे.