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गुजरात हाईकोर्ट ने कहा-लोगों को उनकी पसंद का खाने से कैसे रोक सकते हैं?

अहमदाबाद में नॉन वेज स्टॉल जब्त करने के मामले में कोर्ट ने की टिप्पणी.

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अहमदाबाद नगर निगम ने नॉनवेज फूड बेचने वालों के ठेले और बाकी चीजें जब्त कर ली थीं. (फोटो-PTI)
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9 दिसंबर 2021 (Updated: 9 दिसंबर 2021, 13:57 IST)
Updated: 9 दिसंबर 2021 13:57 IST
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गुजरात का अहमदाबाद शहर. यहां अहमदाबाद नगर निगम ने 15 नवंबर को सड़कों के किनारे नॉनवेज की बिक्री पर बैन लगा दिया था. निगम के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. गुरुवार, 9 दिसंबर को गुजरात हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने अहमदाबाद नगर निगम को फटकार लगाई. कहा कि आप लोगों को उनकी पसंद की चीजें खाने से कैसे रोक सकते हैं? लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, जस्टिस बीरेन वैष्णव की बेंच ने कहा,
आपको नॉनवेज खाना पसंद नहीं है, यह आपकी मर्जी है. आप यह कैसे तय कर सकते हैं कि लोगों को बाहर क्या खाना चाहिए?
कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को कोर्ट में पेश होने को कहा है. कोर्ट के कमेंट किया,
आप कैसे तय कर सकते हैं कि लोगों को क्या खाना चाहिए. चूंकि आप सत्ता में हैं, इसलिए ऐसा कर रहे हैं? कल आप तय करेंगे कि मुझे अपने घर के बाहर क्या खाना चाहिए? कल कहेंगे कि मुझे गन्ने का रस नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे शुगर हो सकता है या कॉफी मेरे स्वास्थ्य के लिए खराब है.
कोर्ट अहमदाबाद के स्ट्रीट वेंडरों की ओर से दायर एक याचिका सुनवाई कर रहा था. स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का नियमन) अधिनियम, 2014 और इसके तहत बनाए गए नियमों को लागू नहीं करने को चुनौती दी गई है. याचिका दायर करने वाले ज्यादातर वे लोग हैं जो अंडे का स्टॉल लगाते हैं तो कुछ नॉनवेज और सी फूड बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं. याचिका में कहा गया है कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही उनके ठेले, खाना बनाने का सामान और अन्य कच्चा माल जब्त कर लिया गया. याचिका में कहा गया है कि जब तक कोई व्यक्ति दूसरे के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है, भूमि के कानून का उल्लंघन नहीं करता है, तब तक वह कुछ भी बेचने के लिए स्वतंत्र है. क्योंकि इस तरह के अधिकार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा वहन किया गया है. याचिका में कहा गया है कि अहमदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया जाए कि वह किसी भी फेरिवाले या विक्रेता को सड़कों से न भगाएं और स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 और उसके तहत बनाए गए नियम के प्रावधानों का पालन किए बिना स्ट्रीट वेंडर्स की कोई गाड़ी या अन्य सामान जब्त ना करें. वहीं दूसरी ओर अहमदाबाद नगर निगम का दावा है कि सड़कों पर नॉनवेज बेचने से रोकने का अभियान इसलिए चलाया गया है, क्योंकि सड़कों पर नॉनवेज बेचने से स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होता है. यह अस्वच्छ है और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है. दरअसल गुजरात के वडोदरा, राजकोट और अहमदाबाद जैसे शहरों में खुली जगहों पर नॉनवेज फूड आइटम नहीं बेचने का फरमान जारी हुआ था. इन शहरों के नगर निगम ने कहा है कि जिन भी दुकानों पर नॉनवेज बिकता है, फिर चाहे वे स्थायी दुकानें हों, रेहड़ी हों, सभी को Non-Veg को ढक कर रखना होगा. नगर निगम का ये भी कहना था कि इन दुकानों से निकलने वाला धुआं सेहत के लिए नुकसानदेह होता है. वहीं राज्य के कई शहरों में इस तरह के नियमों के लागू होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा था कि यहां सवाल वेज या नॉनवेज का नहीं है. लोगों को पूरी स्वतंत्रता है वो जो भी खाना चाहें खा सकते हैं. लेकिन जो भी खाद्य पदार्थ (Non-Veg) बिक रहा है, वो साफ और सुरक्षित हो, साथ ही सड़कों पर इन दुकानों की वजह से ट्रैफिक को किसी तरह की दिक्कत ना हो.

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