अपनी मौत से 2 दिन पहले महात्मा गांधी डॉ राम मनोहर लोहिया से कुछ ज़रूरी चर्चा करनाचाहते थे. लेकिन किसी वजह से वो हो नहीं पाई. ज़िंदगीभर के लिए एक फांस बनी लोहियाकी उस गलती का किस्सा. साथ ही दो और किस्से.