मोदी सरकार को पैसा चाहिए था. आरबीआई ने दिया भी. 1.76 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किया. इसके लिए सरकार ने आरबीआई पर दबाव भी बनाया था. सरकार को और पैसे चाहिए थे. पर बिमल जलान कमेटी बनने के बाद कमेटी ने और पैसा देने से मना कर दिया. क्योंकि कमेटी को इसमें रिस्क लगा. आरबीआई को हर हाल में 4.5 से 5.5 फीसद पैसा रखना पड़ता है. जो रिस्क फंड के अंतर्गत आता है.