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सेक्स रैकेट के आरोपी ये BJP नेता मोदी सरकार की सालगिरह पर बीफ पार्टी देने वाले थे

BJP में शामिल होने से पहले उग्रवादी थे बर्नार्ड मारक. पुलिस ने उनके ऊपर फॉर्म हाउस में सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाया है. साथ ही फार्म हाउस से आपत्तिजनक अवस्था में लोगों को पाए जाने और शराब और 500 कंडोम पैकेट्स बरामद करने की बात कही है.

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Bernard N Marak
Bernard N Marak. (फोटो: फेसबुक)
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25 जुलाई 2022 (Updated: 25 जुलाई 2022, 18:46 IST)
Updated: 25 जुलाई 2022 18:46 IST
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मेघालय (Meghalaya) के बीजेपी उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन मारक (Bernard N Marak) के ऊपर सेक्स रैकेट (Sex Racket) चलाने का आरोप लगा है. पुलिस ने उनके फॉर्म हाउस ‘रिंपू बगान’ (Rimpu Bagan) में रेड मारी थी. इस रेड के बाद पुलिस ने कहा कि 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही फॉर्म हाउस से छह बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. बताया गया कि इन छह नाबालिगों में चार लड़के शामिल हैं और दो लड़कियां.

इस कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए वेस्ट गारो हिल्स के SP विवेकानंद सिंह ने मीडिया को बताया कि 22 जुलाई की शाम को बर्नार्ड मारक के फॉर्म हाउस में रेड मारी गई. पुलिस अधिकारी के मुताबिक ये रेड इस साल फरवरी में दर्ज कराई गई एक शिकायत के आधार पर मारी गई थी. शिकायत एक स्थानीय बच्ची के लापता होने के बारे में थी. विवेकानंद सिंह ने बताया,

"बाद में हमें बच्ची का बयान मिला था. उसने बताया था कि रिंपू बगान के एक कमरे में उसका यौन शोषण किया गया. ये बयान फॉर्म हाउस में रेड का आधार बना."

SP विवेकानंद सिंह ने बताया कि रेड के दौरान पुलिस को फॉर्म हाउस में 68 पुरुष और महिलाएं मिलीं. साथ ही साथ पुलिस ने 36 गाड़ियां, 210 लीटर शराब और कंडोम के 500 पैकेट सीज किए. उन्होंने बताया कि लोग आपत्तिजनक अवस्था में थे और बच्चों को छोटे-छोटे गंदे और बदबूदार कमरों में बंद किया गया था. विवेकानंद सिंह ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने 73 लोगों को गिरफ्तार किया है और बर्नार्ड मारक के खिलाफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग (प्रिवेंशन) एक्ट, 1956 की अलग-अलग धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है.

इधर बर्नार्ड मारक ने इन आरोपों को साजिश बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तहत ये सब कर रहे हैं. मारक ने कहा कि CM ये सब ‘उतावलेपन’ में कर रहे हैं क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि वो अपनी साउथ तुरा सीट बीजेपी के हाथों हारने जा रहे हैं. मारक ने ये भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के करीबी पुलिस अधिकारियों को उन्हें मारने की सुपारी दी गई है.

BJP में आने से पहले उग्रवादी

बर्नार्ड मारक मेघालयल बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने पिछले साल तुरा से स्वायत्त जिला परिषद चुनाव जीता था. पिछले साल ही पार्टी ने उन्हें 2023 में होने जा रहे चुनाव के लिए गारो हिल्स क्षेत्र के पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया था. साल 2014 में मारक बीजेपी में शामिल हुए थे. इससे पहले वो एक मिलिटेंट यानी उग्रवादी थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2014 से पहले बर्नार्ड मारक गैरकानूनी अचिक नेशनल वॉलंटिर काउंसिल (ANVC) के सदस्य थे. ये संगठन गारो जनजाति समुदाय के लोगों के लिए 'अचिक लैंड' नाम से अलग राज्य बनाना चाहता है. इसके तहत असम के गारो समुदाय वाले क्षेत्र और मेघालय के वेस्ट खासी हिल्स जिले को एकसाथ लाने की बात संगठन की तरफ से कही जाती रही है.

साल 2004 में अलग अचिक लैंड की मांग धीमी पड़ गई थी. वजह ये रही है कि ANVC ने तत्कालीन केंद्र सरकार और मेघालय सरकार के साथ शांति समझौता कर लिया. हालांकि, साल 2012 में ये मांग फिर से तेज होने लगी. इस समय तक अचिक नेशनल वॉलंटियर काउंसिल का एक दूसरा समूह वजूद में आ चुका था. ANVC- B नाम से. ये समूह बातचीत के खिलाफ था.

बर्नार्ड मारक साल 2012 तक ANVC के प्रवक्ता रहे. इसके बाद वो ANVC-B के अध्यक्ष बन गए. बताया गया कि जब ANVC ने सरकारों के साथ शांति समझौता कर लिया, तो समूह का एक बड़ा काडर पीछे छूट गया. बर्नार्ड मारक ने ANVC-B का गठन कर इस काडर को जगह दी. हालांकि, दो साल बाद इस समूह ने भी हथियार डाल दिए और बर्नार्ड मारक बीजेपी में शामिल हो गए.

बीफ पार्टी विवाद

तीन साल बाद यानी 2017 में बर्नार्ड मारक ने पार्टी छोड़ दी. उस समय वो बीफ पार्टी विवाद में फंस गए थे. दरअसल, उस समय केंद्र सरकार ने पूरे देश के अलग-अलग एनीमल मार्केट्स में जानवरों की कटाई के लिए उनकी बिक्री पर रोक लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया था. उस समय बर्नार्ड मारक वेस्ट गारो हिल्स जिले के बीजेपी अध्यक्ष थे. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर जिले में बीफ फेस्ट आयोजित करने की घोषणा की थी. फिर केंद्र के नोटिफिकेशन के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी से इस्तीफा देते हुए बर्नार्ड मारक ने कहा,

“मैं इसलिए पार्टी छोड़ रहा हूं क्योंकि बीजेपी हमारे ऊपर अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश कर रही है. आखिर इसमें क्या गलत है कि हम तीसरी सालगिरह का उत्सव अपने पारंपरिक तरीके से मनाना चाहते हैं?”

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक मारक ने कहा था,

"गारो लोगों कि हित में बीफ पर पार्टी के रवैये के विरोध में मैंने इस्तीफा दिया है. मैंने इस्तीफा दिया है क्योंकि पहले मैं एक ईसाई और गारो हूं. पार्टी ने जो कदम उठाए हैं, खासकर गारो हिल्स में, वो यहां के लोगों के हित में नहीं हैं."

मारक ने न्यूज एजेंसी IANS को बताया था,

पूर्वोत्तर के राज्यों में उत्सव मनाने का अलग तरीका है. गारो हिल्स में उत्सव के मौके पर एक गाय काटी जाती है. इसलिए हम मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर बीफ पार्टी आयोजित करना चाहते थे.

इधर इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने उस समय कहा था कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के उत्सव के लिए किसी जानवर को कैसे काटा जा सकता है, जबकि नोटिफिकेशन जानवरों को काटने के खिलाफ ही जारी किया गया है.

मुख्यमंत्री पर निशाना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारक साल 2019 में फिर से बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने पार्टी के नेता के तौर पर तुरा में काम करना शुरू किया. साउथ तुरा में मारक ने खुद को मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के प्रतिद्वंदी के तौर पर प्रोजेक्ट करना शुरू किया.

बीते साल बर्नार्ड ने कोनराड संगमा और उनकी बहन अगाथा संगमा पर उनके चुनावी क्षेत्रों में झूठे प्रोजेक्ट चलने का आरोप लगाया. अगाथा संगमा तुरा से NPP की लोकसभा सांसद हैं. मारक ने दावा किया था कि RTI के जरिए पता चला है कि कोनराड संगमा के विधानसभा क्षेत्र साउथ तुरा और उनकी बहन अगाथा संगमा के होमटाउन तुरा में झूठे प्रोजेक्ट चल रहे हैं और लोगों के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है. साल 2021 में मारक ने गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद चुनाव में तुरा से जीत हासिल की.

वीडियो- असम और मेघालय के CM ने अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए

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