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तारीख: ‘जलियांवाला बाग के कसाई’ का इंडिया की सबसे फेमस शराब से क्या रिश्ता है?

कंपनी के मालिक थे नरेन्द्रनाथ मोहन और कम्पनी का नाम था ‘डायर मीकिन ब्रूरीज़ लिमिटेड’. इस नाम जलियांवाला बाग़ के कसाई ‘रेजीनल्ड डायर’ का नाम भी शामिल था.

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30 सितंबर 2022 (Updated: 29 सितंबर 2022, 17:17 IST)
Updated: 29 सितंबर 2022 17:17 IST
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साल 1960. देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू शिमला के लिए निकलने वाले थे. इस बीच उन्हें एक उद्योगपति का सन्देश मिला, शिमला आएं तो सोलन में बसी हमारी फैक्टरी में भी आएं. नेहरू इंडस्ट्रीलाइजेशन के समर्थक थे. इसी कारण शायद उद्योगपति को लगा हो कि नेहरू पधारेंगे. नेहरू शिमला गए, सोलन भी गए. लेकिन सिर्फ उस फैक्ट्री में नहीं गए जहां का खास निमंत्रण मिला था. ये शराब बनाने की ब्रूरी थी. लेकिन नेहरू के ना जाने का कारण दूसरा था. 
कंपनी के मालिक थे नरेन्द्रनाथ मोहन और कम्पनी का नाम था ‘डायर मीकिन ब्रूरीज़ लिमिटेड’. इस नाम जलियांवाला बाग़ के कसाई ‘रेजीनल्ड डायर’ का नाम भी शामिल था. इसलिए नेहरू ने जाने से इंकार कर दिया. असर ये हुआ कि कंपनी का नाम बदल दिया गया. और 1967 में इसका नाम हो गया, मोहन मीकिन लिमिटेड. कंपनी का नाम शायद कम लोगों ने सुना हो. लेकिन इसका एक प्रोडक्ट है जिसका नाम लगभग सभी लोगों को पता होता है - ओल्ड मॉन्क. पेट फुलाए बुड्ढे वाली ये बोतल कबाड़ में बेचने पर 25 पैसे मिल जाया करते हैं. क्या है ओल्ड मॉन्क की कहानी और इसका रेजीनल्ड डायर से क्या रिश्ता है. देखिए वीडियो. 

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