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पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी की, तब भी किसके सहारे कानून से बचे हुए हैं कुमारस्वामी

जानिए, मुख्यमंत्री बनने जा रहे कुमारस्वामी दो पत्नी होने की वजह से फंस सकते हैं या नहीं.

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जब से एचडी कुमारस्वामी का मुख्यमंत्री बनना तय हुआ है, तब से राधिका सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं. लोग जैसे उनके नाम पर टूट पड़े हैं. सबको जानना है कि राधिका कौन हैं. उनका और कुमारस्वामी का रिश्ता क्या है. कि पहली पत्नी के होते हुए अगर कुमारस्वामी ने राधिका के साथ दूसरी शादी की, तो उन्हें सजा क्यों नहीं हुई. वो मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं? ऐसा इसलिए कि हिंदू मैरिज ऐक्ट में बहुविवाह की इजाजत नहीं. मगर इसमें कुछ शर्तें हैं. तस्वीर में बाईं तरफ हैं कुमारस्वामी,. दाहिनी तरफ राधिका हैं.
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स्वाति
22 मई 2018 (Updated: 22 मई 2018, 03:05 PM IST)
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एचडी कुमारस्वामी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. जब से उनका CM बनना तय हुआ है, तब से उनकी शादीशुदा जिंदगी का सोशल मीडिया पर खूब जिक्र हो रहा है. वजह ये है उनकी दो पत्नियां हैं. पहली पत्नी अनीता. दूसरी पत्नी राधिका. हालांकि उन्होंने कभी अपने मुंह से दूसरी शादी वाली बात कबूल नहीं की. लेकिन राधिका कई बार ऐसा दावा कर चुकी हैं. वो अपना नाम भी यूं ही लिखती हैं- राधिका कुमारस्वामी. कुमारस्वामी ने उनके दावे को न तो कभी खारिज किया. न कभी उसकी पुष्टि की.
सोशल मीडिया को बड़ी उलझन हो रही है. कि जब पहली शादी के पार्टनर के होते हुए दूसरी शादी करना गैरकानूनी है, तो कुमारस्वामी को जेल क्यों नहीं हुई. वो बचे क्यों हैं? कई मांग कर रहे हैं. कि सजा दो कुमारस्वामी को. जेल भेज दो. कई लोग लानत-मलालत कर रहे हैं. लोग कानून की ताकत पर भी सवाल उठा रहे हैं. लिख रहे हैं कि कानून होते हुए कुमारस्वामी क्यों बचे हुए हैं.
लोग कानून की ताकत पर भी सवाल उठा रहे हैं. लिख रहे हैं कि कानून होते हुए कुमारस्वामी क्यों बचे हुए हैं. ये भी लिखा जा रहा है कि चूंकि कुमारस्वामी के पास राजनीति की ताकत है, इसीलिए वो बचे हुए हैं.

कुमारस्वामी की शादी का विवाद पुराना है. कर्नाटक की राजनीति में इसे भले बड़ा मुद्दा न बनाया गया हो, लेकिन इसपर बातें होती रही हैं. अभी सरकार बनने के मौसम में एक बार फिर ये जिक्र छिड़ गया है. लोग क्या कह रहे हैं, इसका सैंपल हमने आपको दिखा दिया. अब ये जानिए कि कानून क्या कहता है इस बारे में.
 
पहले ये तस्वीर आई थी. छोटी सी थी तब राधिका की बच्ची. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि कुमारस्वामी उनके पति हैं. इसी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने मीडिया को ये तस्वीर थमाई. कुछ लोगों ने कहा कि राधिका ने जान-बूझकर ऐसा किया है. वो अपने लिए सिक्यॉरिटी खोज रही हैं. ऐसे इंतजाम कर रही हैं कि आगे चलकर कुमारस्वामी या किसी भी और के लिए उन्हें नजरंदाज करना मुश्किल हो जाए. 
पहले ये तस्वीर आई थी. छोटी सी थी तब राधिका की बच्ची. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि कुमारस्वामी उनके पति हैं. इसी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने मीडिया को ये तस्वीर थमाई. कुछ लोगों ने कहा कि राधिका ने जान-बूझकर ऐसा किया है. वो अपने लिए सिक्यॉरिटी खोज रही हैं. ऐसे इंतजाम कर रही हैं कि आगे चलकर कुमारस्वामी या किसी भी और के लिए उन्हें नजरंदाज करना मुश्किल हो जाए.

कानून क्या कहता है? हिंदू मैरिज ऐक्ट, 1955. हिंदू कैसे शादी करेंगे, शादी से जुड़े कौन से कानून उनपर लागू होंगे. इस सबका हिसाब-किताब इसमें है. अपने समय का बड़ा प्रगतिशील कानून माना जाता है. और उतना ही विवादित भी. क्योंकि कइयों को आपत्ति थी. कि ऐसा ही कानून मुसलमानों के लिए क्यों नहीं आया. खैर. इस कानून में दूसरी शादी और इससे जुड़े कानूनों का भी जिक्र था. इसके मुताबिक, दूसरी शादी करने के लिए जरूरी है कि आप पहली शादी के पार्टनर (पति या पत्नी) से तलाक लें. अगर आपने तलाक लिए बिना ऐसा किया, तो वो दूसरी शादी गैरकानूनी मानी जाएगी. मतलब उसकी कोई वैधता नहीं होगी. यानी कानून की नजर में एक वक्त में आपकी बस एक शादी जायज हो सकती है. इस कानून का उल्लंघन करने के दोषी पाए गए, तो इसकी सजा IPC के सेक्शन 494 और 495 में तय की गई है. दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल और जुर्माना भरने की सजा देने का कानून है.
राधिका ने 2014 में फिर से कुछ तस्वीरें शेयर कीं. ये उनकी बेटी के बर्थडे की फोटो थी. इनमें भी कुमारस्वामी उनके साथ नजर आ रहे थे.
राधिका ने 2014 में ये तस्वीरें शेयर कीं. ये उनकी बेटी के बर्थडे की फोटो थी. इनमें भी कुमारस्वामी उनके साथ नजर आ रहे थे.

दूसरी शादी हुई या नहीं, ये कैसे तय होगा? अदालत कैसे मानेगी कि दूसरी शादी हुई है? इसके लिए जरूरी है कि दूसरी शादी भी रीति-रिवाजों के साथ हुई हो. इसका सबूत हो कि शादी हुई है. ऐसा नहीं कि कोई कह दे कि फलां दो लोग पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं. या फलां दो लोगों ने मन ही मन एक-दूसरे को पति और पत्नी मान लिया. ऐसे नहीं चलेगा. बल्कि शादी का सबूत देना होगा. चूंकि ये हिंदू मैरिज ऐक्ट है, तो शादी भी हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक हुई हो. जैसे- मांग भरी गई हो. मंगलसूत्र पहनाया गया हो. कन्यादान हो. पुरोहित हो. मंत्र पढ़े गए हों. कहने का मतलब है कि ब्याह रीति-रिवाजों के साथ हुई हो. ये इस कानून का सबसे बड़ा छेद माना जाता है. अक्सर लोग इसका फायदा उठाकर बच जाते हैं.
एक और जरूरी शर्त अच्छा. मान लेते हैं कि आम और अनार पति-पत्नी हैं. सारी शर्तें पूरी करते हैं. (मसलन, दोनों सात साल से ज्यादा समय से अलग नहीं रह रहे) अब एक दिन आम ने दूसरी शादी कर ली. पूरे तौर-तरीके के साथ? अब बगल के गांव में रहने वाला अनानास कोर्ट चला गया. आम के खिलाफ बहुविवाह की शिकायत दर्ज करवा दी. तो क्या होगा? सजा हो जाएगी आम को? नहीं. किसकी शिकायत मानी जाएगी, इसका भी प्रावधान है. बस पीड़ित ही शिकायत कर सकता है. माने, बस अनार ही शिकायत दर्ज करवा सकती है. हां, अनार की तरफ से उसके पिता भी कंप्लेंट कर सकते हैं. क्योंकि अनार उनकी बेटी है.
कहते हैं कि राधिका के इंटरव्यू के बाद देवगौड़ा परिवार को ऐसा लगा कि काटो, तो खून नहीं. शायद कुमारस्वामी को भी इसकी उम्मीद नहीं रही होगी. अपनी तरफ से न तो उन्होंने कभी राधिका के दावे को खारिज किया और न ही कभी इसकी पुष्टि की.
कहते हैं कि राधिका के इंटरव्यू के बाद देवगौड़ा परिवार को ऐसा लगा कि काटो, तो खून नहीं. शायद कुमारस्वामी को भी इसकी उम्मीद नहीं रही होगी. अपनी तरफ से न तो उन्होंने कभी राधिका के दावे को खारिज किया और न ही कभी इसकी पुष्टि की.

कोर्ट में जा चुका है ये मामला 2011 में कर्नाटक के एक वकील ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उसने अदालत से कहा था कि कुमारस्वामी की सांसदी रद्द कर दी जाए. आधार था ये ही शादी वाला मामला. सबूत के तौर पर वकील ने राधिका के इंटरव्यू का हवाला दिया. 2010 के इस इंटरव्यू में राधिका ने मीडिया से कहा था. कि 2006 में कुमारस्वामी के साथ उनकी शादी हुई थी. और इस शादी से उनको एक बेटी भी है. इस बेटी के बर्थडे की एक तस्वीर भी जारी की थी राधिका ने. तस्वीर में कुमारस्वामी उनके साथ नजर आ रहे थे. इस सबके बावजूद अदालत ने तब ये अपील खारिज कर दी थी. कहा कि सबूतों की कमी है.
पहले भी ऐसे मामले हो चुके हैं नेताओं के साथ
कुमारस्वामी पहले नेता नहीं हैं, जिनके मामले में ये बात उठी हो. उनकी पांत में और भी कुछ नाम हैं. कुछ चर्चित मामले याद दिला देते हैं आपको.
करुणानिधि ने तीन शादियां की थीं. पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी की. और फिर दूसरी पत्नी के रहते हुए ही तीसरी शादी कर ली.
करुणानिधि ने तीन शादियां की थीं. पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी की. और फिर दूसरी पत्नी के रहते हुए ही तीसरी शादी कर ली.

करुणानिधि: करुणानिधि की पहली पत्नी थीं पद्मावती. 1944 में वो गुजर गईं. इसके चार साल उन्होंने दूसरी शादी की. दूसरी पत्नी का नाम था दयालुअम्मल. 60 के दशक में उन्हें रजतीअम्मल नाम की महिला से मुहब्बत हो गई. एक चुनाव प्रचार के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी. करुणानिधि ने उनके साथ शादी कर ली. खास तरीके से. इस तरीके का नाम था- स्वयं मर्यादा कल्याणम्. कल्याणम् का मतलब शादी. ऐसी शादी, जिसमें दो लोग बिना किसी पंडित-पुरोहित के बस बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर ब्याह कर लेते हैं. कहते हैं कि करुणानिधि दोनों पत्नियों को खुश रखते थे. एक के साथ सुबह गुजारते. दूसरी के साथ शाम. करुणानिधि की दो शादियों पर भी कई सवाल उठे. मगर बात वहीं आकर खत्म हो जाती है. जब तक पहली पत्नी शिकायत नहीं करती, तब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकती.
मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालवी देवी की मौत हुई 2003 में. उनकी मौत के बाद मुलायम ने झट से साधना गुप्ता को पत्नी का दर्जा दे दिया.
मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालवी देवी की मौत हुई 2003 में. उनकी मौत के बाद मुलायम ने झट से साधना गुप्ता को पत्नी का दर्जा दे दिया.

मुलायम सिंह यादव: मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी थीं मालती देवी. इन्हीं के बेटे हैं अखिलेश यादव. मालती देवी 2003 में गुजर गईं. मगर उनके जिंदा रहते हुए ही मुलायन ने साधना गुप्ता से शादी कर ली थी. 90 के दौर में मुलायम और साधना एक-दूसरे के संपर्क में आए. साधना का अपने पति से तलाक हो चुका था. प्रतीक यादव उनकी पहली शादी के बेटे हैं. कुछ लोग कहते हैं कि मुलायम की मां काफी बीमार रहती थीं. साधना ने उनकी बड़ी सेवा की. इसकी वजह से वो मुलायम के और करीब आ गईं. कहते हैं कि साल 2000 आते-आते प्रतीक के स्कूल फॉर्म में अभिभावक के नाम की जगह मुलायम का नाम लिखवा दिया गया. हालांकि 2003 में पहली पत्नी के रहते हुए तक मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी नहीं कहा. कहा हो या न कहा हो, मालूम पूरी दुनिया को था. कि साधना उनकी पत्नी ही हैं. 23 मई, 2003 को मुलायम ने आधिकारिक तौर पर साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दे दिया. चूंकि उनकी पहली पत्नी की ओर से कोई शिकायत नहीं हुई, इसलिए तमाम विवादों के बावजूद वो बचे रहे.
टी आर बालू पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं.
टी आर बालू पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं.

टी आर बालू: DMK के नेता थे. टी आर बालू. उन्होंने चुनाव के समय इलेक्शन कमीशन को अपना हलफनामा दिया. उसमें पत्नी के नाम की जगह दो नाम लिखे. रेणुका देवा और पोरकोदी. इसकी वैधता कुछ नहीं है. क्योंकि कानूनन तो आप एक समय में एक ही इंसान के पति या पत्नी हो सकते हैं.
जब स्मिता पाटिल ने राज बब्बर से शादी की, तब उनकी काफी आलोचना हुई. उन्हें घर तोड़ने वाली कहा गया.
जब स्मिता पाटिल ने राज बब्बर से शादी की, तब उनकी काफी आलोचना हुई. उन्हें घर तोड़ने वाली कहा गया.

राज बब्बर: राज बब्बर की पहली पत्नी थीं नादिरा. फिर उनकी जिंदगी में आईं स्मिता पाटिल. दोनों की मुलाकात हुई फिल्मी सेट पर. फिल्म का नाम था- भीगी पलकें. फिर और भी बार मिलना हुआ. अफेयर हो गया. खूब चर्चे हुए. स्मिता और राज का रिश्ता नादिरा के लिए आसान बात नहीं थी. बहुत लड़ाई-झगड़ा हुआ. एक बार स्मिता ने कहा भी था. कि ये पूरा अरेंजमेट किसी नरक की तरह है. राज बब्बर और स्मिता ने शादी भी कर ली. नादिरा ने राज से रिश्ता नहीं तोड़ा मगर. बोलीं कि जब तक राज को घर पर मेरी जरूरत है, तब तक मैं नहीं जाऊंगी. उसको स्मिता से मुहब्बत करनी है, तो करे. मुझे अब फर्क नहीं पड़ता. फिर 1986 में स्मिता गुजर गईं. जब वो ही चली गईं, तो उनका रिश्ता क्या बचा रहता. वैसे ये जब की बात है, तब राज बब्बर राजनीति में नहीं आए थे. मगर अब तो वो फुल-टाइम नेता हैं. इसीलिए नेताओं से जुड़े दूसरी शादी वाले विवाद में उनका जिक्र किया है.
कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का फैसला किया. मुख्यमंत्री का पद कुमारस्वामी को मिलेगा. जेडीएस ने चुनाव के वक्त दावा किया था. कि नतीजे आने के बाद वो किंगमेकर बनेंगे. तब उनको पता नहीं था. कि राजनीति की मजबूरी उन्हें किंगमेकर नहीं, किंग बना देगी.
कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का फैसला किया. मुख्यमंत्री का पद कुमारस्वामी को मिलेगा. जेडीएस ने चुनाव के वक्त दावा किया था. कि नतीजे आने के बाद वो किंगमेकर बनेंगे. तब उनको पता नहीं था. कि राजनीति की मजबूरी उन्हें किंगमेकर नहीं, सीधे किंग ही बना देगी.

तीन लोगों के बीच का मामला है ये फिलहाल कुमारस्वामी के खिलाफ फिलहाल कोई सबूत नहीं. उनकी पहली पत्नी ने कोई कानूनी शिकायत नहीं की कभी. इसका मतलब फिलहाल जो भी है, वो तीन लोगों के बीच का मसला है. कुमारस्वामी, उनकी पहली पत्नी और राधिका. जब तक ये आपसी मर्जी से होता है और किसी को कोई शिकायत नहीं होती, तब तक इस पर सिर खपाने का कोई मतलब नहीं बनता. कोई और कुछ कर भी नहीं सकता. बाकी जहां तक मुख्यमंत्री बनने की योग्यता का मामला है, तो वैसे भी, कानून की देवी आंखों पर पट्टी बांधकर रखती हैं. खुद कुछ नहीं देखती हैं. उनको दिखाना पड़ता है. उनकी नजर में तो जब तक कुमारस्वामी दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक निर्दोष ही हैं.


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