The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Vineet Singh Bahubali Leader From Mirzapur Set To Elected Unopposed As MLC

विनीत सिंह के आगे सपा प्रत्याशी पीछे हटा, कभी अखिलेश के एडिटेड फोटो के लिए मिली थी 'सजा'

पूर्वांचल के बाहुबली विनीत सिंह बीजेपी की तरफ से MLC प्रत्याशी हैं.

Advertisement
Img The Lallantop
बाएं से दाएं. बीजेपी के MLC प्रत्याशी विनीत सिंह और 2016 में बनाया गया एक कार्टून. (फोटो: सोशल मीडिया)
pic
मुरारी
24 मार्च 2022 (Updated: 25 मार्च 2022, 05:42 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
मई, 2016 की बात है. 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को एक साल से भी कम का समय बचा था. ऐसे में बसपा के एक बाहुबली नेता के फेसबुक पेज पर अपलोड हुआ एक एडिटेड फोटो राजनीतिक गलियारों में भूचाल ले आया. फोटो शेयर किया बाहुबली नेता श्यामनारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह ने. उसमें ऊपर की ओर बाईं तरफ उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती नजर आ रही थीं. दूसरी तरफ श्यामनारायण सिंह हैं. बीच में बसपा का प्रतीक चिह्न हाथी है जिस पर लिखा था- आ रहा है गज-राज. हंगामा इसलिए हुआ क्योंकि उस हाथी के सामने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दौड़ता हुआ दिखाया गया था. आगे बढ़ने से पहले वो एडिटेड फोटो देख लीजिए.
साल 2016 में सामने आया एक कार्टून. (फोटो: सोशल मीडिया)
साल 2016 में सामने आया फोटो. (फोटो: सोशल मीडिया)

फोटो में ये दिखाने की कोशिश हुई कि समाजवादी पार्टी की सरकार अब जा रही है और बसपा की सरकार आ रही है. बताया जाता है कि इस एडिटेड फोटो की खबर अखिलेश यादव तक पहुंची. फिर विनीत सिंह के खिलाफ एक के बाद एक मुकदमे दर्ज किए गए. उन्हें जेल जाना पड़ा. हालांकि, विनीत सिंह का कहना था कि इस फोटो से उनका कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन अब कहा जा रहा है कि उन्होंने अपना बदला चुकता कर लिया है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में इस समय विधान परिषद चुनाव की चर्चा है. आगामी 9 अप्रैल को विधान परिषद की 36 सीटों के लिए मतदान होगा. इन सीटों पर सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच है. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनाव को ना लड़ने का फैसला लिया है.
इस बीच बीजेपी ने मिर्जापुर-सोनभद्र सीट से बाहुबली श्यामनारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह को मैदान में उतार दिया है. खबरें हैं कि विनीत सिंह का एमएलसी बनना लगभग तय हो चुका है क्योंकि उनके विरोधी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रमेश सिंह यादव ने अपना पर्चा वापस ले लिया है. चोलापुर के हिस्ट्रीशीटर बाहुबली विनीत सिंह मूल रूप से वाराणसी के चोलापुर से संबंध रखते हैं. वो चोलापुर थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं. इसके अलावा उनके खिलाफ वाराणसी के अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज हैं. इनमें अपहरण और रंगदारी वसूलने से लेकर हत्या और हत्या के प्रयास तक के मामले शामिल हैं.
जानकार बताते हैं कि विनीत सिंह पूर्वांचल के बाकी बाहुबलियों की तरह 90 के ही दशक से एक्टिव हो गए थे. आरोप लगते हैं कि विनीत सिंह ने बिहार के किडनैपिंग सिंडिकेट को संस्थागत तरीके से चलाया. किडनैपिंग के साथ-साथ रंगदारी, बालू-गिट्टी की कालाबाजारी और रियल स्टेट से अकूत दौलत कमाई. इसी दौरान उनकी दूसरी बाहुबलियों से प्रतिद्वंद्विता भी रही जो जानलेवा हमलों तक भी पहुंची.
Dhananjay Singh (1)
बाहुबली नेता धनंजय सिंह दो बार विधायक और एक बार सांसद रहे. (फोटो: फेसबुक)

ऐसा ही मामला 4 अक्टूबर 2002 को सामने आया था. तत्कालीन विधायक और बाहुबली धनंजय सिंह पर हमला हुआ. आरोप लगा अयोध्या से समाजवादी पार्टी के विधायक और बाहुबली अभय सिंह और विनीत सिंह पर. बताया जाता है कि उस रोज धनंजय सिंह के काफिले पर फिल्मी स्टाइल पर हमला हुआ. वाराणसी के नादेसर इलाके में टकसाल सिनेमा के पास बोलेरो और मोटरसाइकल सवार हमलावरों ने धनंजय सिंह के काफिले को घेर लिया. खूब गोलियां चलीं. जवाब में धनंजय सिंह ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोलीबारी की. चार लोग घायल हुए. धनंजय सिंह बच गए.
कुछ साल बाद गजब हुआ. धनंजय सिंह और विनीत सिंह की दोस्ती हो गई. जानकार बताते हैं कि ये दोस्ती इतनी बढ़ी कि दोनों ने एक दूसरे की चुनावी मदद की. जहां विनीत सिंह ने जौनपुर और आसपास के इलाकों में हुए जिला पंचायत चुनावों में धनंजय सिंह की मदद की, वहीं एमएलसी चुनाव में धनंजय सिंह ने विनीत को मदद पहुंचाई. बसपा की टिकट पर बने MLC विनीत कुमार की सबसे पहली पॉलिटिकल एंट्री 2006 की बताई जाती है. उस साल वो वाराणसी के सहकारी बैंक के चेयरमैन बने. फिर 2010 में बसपा के टिकट पर मिर्जापुर-सोनभद्र सीट से एमएलसी निर्वाचित हुए. अगली बार यानी 2016 के चुनाव में विनीत सिंह ने अपने बड़े भाई त्रिभुवन सिंह को इस सीट से खड़ा किया. त्रिभुवन सिंह के खिलाफ खड़ी हुईं बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की पत्नी रामलली मिश्रा. इस चुनाव में त्रिभुवन सिंह को हार का सामना करना पड़ा.
साल बीता तो 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हुए. विनीत सिंह ने इन चुनावों में चंदौली की सैयदराजा सीट से पर्चा भरा. बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर. उनके सामने थे बाहुबली बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह. ट्विस्ट ये था कि विनीत सिंह उस समय जेल में बंद थे. बताया जाता है कि बृजेश सिंह के कहने पर झारखंड पुलिस ने उनके खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया था. इसी मामले में उन्हें जेल भेज दिया गया.
बीजेपी नेता सुशील सिंह. (फोटो: फेसबुक)
बीजेपी नेता सुशील सिंह. (फोटो: फेसबुक)

जेल से चुनाव लड़ते हुए विनीत सिंह ने सैयदराजा सीट से करीब 65 हजार वोट हासिल किए. हालांकि, इतने वोट उन्हें जीत दिलाने के लिए काफी नहीं थे. विनीत सिंह दूसरे नंबर पर रहे. इस हार के बाद विनीत की करीबियां बीजेपी से बढ़ गईं. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले विनीत सिंह बीजेपी में शामिल हो गए. जानकार बताते हैं कि बीजेपी के साथ विनीत सिंह की बढ़ती नजदीकियां एक ट्रेंड का ही हिस्सा रहीं. उस ट्रेंड का, जिसके तहत बाहुबली सत्ता के साथ कदमताल करने लगते हैं. प्रतिष्ठा का सवाल पूर्वांचल विनीत सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में चंदौली लोकसभा सीट से बीजेपी के तत्कालीन उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय के लिए चुनाव प्रचार किया. महेंद्र पांडेय को जीत मिली. इसी दौरान उनकी नजदीकियां बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह से बढ़ीं. मिर्जापुर इलाके में विनीत सिंह का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है. दैनिक भास्कर से हुई बातचीत में विनीत सिंह ने बताया था,
"साल 2011 में मैंने अपनी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ाया, जिसमें वो भारी मतों से जीतीं. 2016 में फिर से अध्यक्ष पद के चुनाव थे और हमारे क्षेत्र में सामान्य सीट थी. उस समय सपा की सरकार थी और सपाइयों का बोलबाला था. लेकिन मिर्जापुर मेरी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था. तब मैंने फिर से अपनी पत्नी प्रमिला सिंह को प्रत्याशी बनाने का फैसला किया. उन्होंने भी सपोर्ट किया और चुनाव जीतीं. उनकी टक्कर सपा नेता पारो यादव से थी. वो एक कद्दावर नेता की पत्नी हैं. प्रमिला 33 वोट हासिल कर विजयी रहीं और उनकी विपक्षी पारो कुल 10 वोट जुटा पाईं. पूरे पूर्वांचल में बसपा ने मिर्जापुर की एकमात्र सीट जीती."
विनीत सिंह को लग्जरी गाड़ियों का शौक है. वो 0009 नंबर की गाड़ियों से चलते हैं. साथ ही साथ फिटनेस में उनकी खास रुचि है. वो ब्लैक बेल्ट हैं. विनीत सिंह को खुद को बाहुबली कहा जाना भी पसंद नहीं है. उनका कहना है कि पिछले 12 साल से उनके ऊपर कोई आरोप नहीं लगा है बस जनता का प्यार मिला है.

Advertisement