इस बड़े फुटबॉलर ने मुस्लिमों के समर्थन में पोस्ट लिखी, चाइना ने उसका मैच ही बैन कर डाला
मेसुत ओज़िल की सोशल मीडिया पोस्ट से हुआ बवाल.
Advertisement

China President Xi Jinping और Footballer Mesut Ozil
दरअसल ओज़िल ने अपने सोशल मीडिया पर चाइना के उइगर मुसलमानों के समर्थन में लंबी पोस्ट लिखी थी. उन्होंने उइगरों से सहानुभूति जताते हुए इस मसले पर चुप्पी साधे बैठे मुस्लिम देशों को आड़े हाथ लिया था. इस पोस्ट के बाद चाइना के सरकारी ब्रॉडकास्टर CCTV ने उनकी टीम आर्सनल के मैच का ब्रॉडकास्ट ऐन वक्त पर रोक दिया. आर्सनल और मैनचेस्टर सिटी के बीच होने वाला यह मैच प्रीमियर लीग के बड़े मैचों में से एक था. लेकिन CCTV ने इसे रोककर इसकी जगह एक पुराना मैच दिखाया.
# मामला क्या है?
चीन पर लगातार आरोप लगते हैं कि वह उइगर मुसलमानों के साथ ज्यादती कर रहा है. चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों पर चीन भरोसा नहीं करता. कहा जाता है कि इसकी सबसे बड़ी वजह उइगरों का धर्म है. चीन उनकी ‘इस्लामिक’ पहचान खत्म करना चाहता है. चीन फरमान निकालता है कि उइगर रोज़ा नहीं रख सकते. दाढ़ी नहीं बढ़ा सकते. बुर्का नहीं पहन सकते. कुरान नहीं सीख सकते. मस्जिद नहीं जा सकते. बच्चों के इस्लामिक नाम नहीं रख सकते. धार्मिक तौर-तरीके से शादी नहीं कर सकते.उन्हें सूअर का मांस खाने और शराब पीने को भी मजबूर किया जाता है. उइगरों पर जबरन हान चीनियों के साथ शादी करने का भी दबाव बनाया जाता है. ये असल में ‘ऐथनिक क्लीनजिंग’ का एक तरीका है. शिनजियांग में रहने वाले बहुत सारे उइगरों और कज़ाकों के परिवार सरहद पार कजाकिस्तान में रहते हैं. मगर चीन इन उइगरों को सरहद पार के अपने रिश्तेदारों से बात नहीं करने देता. अगर वो फोन पर भी बात कर लें, तो उन्हें पकड़कर कैंप में बंद कर दिया जाता है.
लेकिन पूरी दुनिया चीन के इन अत्याचारों को इग्नोर करती है. गाहे-बगाहे जब कोई इनके पक्ष में बोलता है तो चाइना उसके खिलाफ कड़े कदम उठाता है. चीन के इंग्लिश डेली ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट किया कि ओज़िल द्वारा चीन की शिनजियांग पॉलिसी की आलोचना ने फैंस और फुटबॉल चलाने वाले लोगों को निराश किया है.Soccer star Mesut Özil's outrageous comment on #Xinjiang
— Global Times (@globaltimesnews) December 16, 2019
disappointed his Chinese fans. His online fan club was suspended. Broadcast of an #Arsenal
match was canceled. The episode has destroyed Özil's image and Arsenal and the Premier League may have to pay the price. pic.twitter.com/YilKR52wFx
# ओज़िल की पोस्ट
ओज़िल ने अपनी पोस्ट में उइगर लोगों को 'योद्धा, जो उत्पीड़न का विरोध करते हैं' कहकर संबोधित किया था. एक धार्मिक मुस्लिम ओज़िल ने लिखा था,
'(चाइना में) क़ुरान जलाई जा रही है, मस्जिदें बंद की जा रही हैं, इस्लाम की शिक्षा देने वाले स्कूल, मदरसों को प्रतिबंधित किया गया, धार्मिक शिक्षा देने वालों को एक-एक कर मारा गया, भाइयों को जबरदस्ती कैंप भेजा गया. इन सबके बावजूद मुस्लिम शांत हैं, उनकी आवाज़ नहीं सुनी जा रही. सालों बाद जो चीज याद रखी जाएगी वह तानाशाहों का अत्याचार नहीं बल्कि उनके मुस्लिम भाइयों की चुप्पी होगी.'
ओज़िल ने काफी लंबी पोस्ट लिखी थी. इस पोस्ट में उन्होंने शिनजियांग को पूर्वी तुर्किस्तान के नाम से संबोधित किया था. शिनजियांग की आज़ादी की मांग करने वाले लोग चीन के इस स्वायत्त प्रांत को इसी नाम से बुलाते हैं.
#HayırlıCumalarDoğuTürkistan
🙏🏼 pic.twitter.com/dJgeK4KSIk
— Mesut Özil (@MesutOzil1088) December 13, 2019
# चाइना का गुस्सा
ओज़िल की पोस्ट सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गई. इससे चाइनीज अथॉरिटी काफी गुस्सा हुई और तुरंत ही उन्होंने आर्सनल और मैनचेस्टर सिटी के बीच होने वाले मैच का ब्रॉडकास्ट कैंसल कर दिया. रॉयटर्स के मुताबिक उन्होंने इसकी जगह एक पुराना फुटबॉल मैच दिखाने का फैसला किया.इसके बाद आर्सनल द्वारा चाइना के ट्विटर- वीबो पर खुद को ओज़िल के बयान से अलग करने के बाद फैंस ने वहां भी जमकर भड़ास निकाली. आर्सनल ने वीबो पर लिखा- 'उन्होंने जो भी कहा वह पूरी तरह से ओज़िल की व्यक्तिगत राय है. एक फुटबॉल क्लब के रूप में आर्सनल हमेशा से राजनीति में ना पड़ने के सिद्धांत का पालन करता है.' रॉयटर्स के मुताबिक क्लब के एक प्रवक्ता ने उनसे कहा कि चाइनीज ब्रॉडकास्टर द्वारा मैच प्रसारित ना करने पर क्लब कोई कमेंट नहीं करना चाहता.
रिपोर्ट्स के मुताबिक वीबो पर ट्रेंड हुए टॉप टॉपिक्स में से एक - 'ओज़िल ने अनुचित बयान जारी किया' को बाद में हटा लिया गया. बताते चलें कि वीबो पर ऐसा होना आम बात है. वहां अक्सर ही संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा को सेंसर कर दिया जाता है.
# तुर्की से संबंध
तुर्की (Turkey) का नाम तुर्किश (Turkic) लोगों पर रखा गया है जो सेंट्रल एशिया से माइग्रेट होकर बसे थे. यह उइगर समुदाय का घर माना जाता है और ये लोग शिनजियांग की हालत के बारे में लगातार चिंता जाहिर करते रहते हैं.Mesut Ozil chose morals over money & was well aware how China would react. His fan club of 30,000 registered members has been closed, his name scrubbed from the internet. Premier League wrote to Arsenal offering support/advice if needed @TheAthleticUK
— David Ornstein (@David_Ornstein) December 16, 2019
#AFC
https://t.co/tOJsuNQRAg
# चाइना फुटबॉल असोसिएशन का पक्ष
इस मामले पर चाइनीज फुटबॉल असोसिएशन ने सरकारी न्यूज आउटलेट द पेपर से कहा कि वे ओज़िल के बयान से 'नाराज़ और निराश' थे. असोसिएशन ने ओज़िल के बयान को अनुचित करार दिया. द पेपर ने असोसिएशन के किसी अनाम ऑफिशल के हवाले से लिखा,'ओज़िल के कमेंट्स निश्चित तौर पर उन फैंस के लिए दुखी करने वाले हैं जो उन्हें करीब से फॉलो करते हैं, इसके साथ ही उनके कमेंट्स ने चाइनीज लोगों की भावनाओं को भी आहत किया है. यह कुछ ऐसा है जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते.'
# ओज़िल और विवाद
मूल रूप से तुर्किश मुस्लिम ओज़िल जर्मनी के नागरिक हैं. खुद को जितना जर्मन उतना ही टर्किश मानने वाले ओज़िल जर्मनी के सबसे सफल फुटबॉलर्स में से एक हैं. ओज़िल एक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम यानी कि ऐसे मुस्लिम हैं जो धार्मिक कामों में काफी रुचि लेते हैं. हर मैच से पहले ओज़िल दुआ करते हैं. इसके साथ ही वह रमजान में रोजे भी रखते हैं. मैदान से बाहर की अपनी गतिविधियों के लिए ओज़िल कई बार विवादों में घिर चुके हैं.फीफा वर्ल्ड कप 2018 से ठीक पहले तुर्की के प्रेसिडेंट रेसेप तय्यप एर्डोगन के साथ फोटो खिंचाने के लिए भी ओज़िल की आलोचना हुई थी. ओज़िल और उन्हीं के जैसे तुर्किश मूल के जर्मन फुटबॉलर इके गुंडोवान ने ब्रिटेन आए एर्डोगन के साथ फोटो खिंचवाई थी. इस फोटो के सामने आने के बाद फुटबॉल फैंस के साथ जर्मनी के नेताओं ने भी ओज़िल की निंदा की थी.

Recep Tayyip Erdogan के साथ Mesut Ozil (फाइल फोटो, गेटी से साभार)
इन नेताओं में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी शामिल थीं. जर्मनी में रहने वाले लगभग 12 लाख तुर्किश मूल के लोग तुर्की के चुनावों में वोट डालने के योग्य हैं. जर्मनी ने एर्डोगन को चुनाव प्रचार के लिए जर्मनी आने से प्रतिबंधित किया था. इसके चलते ओज़िल द्वारा एर्डोगन से मुलाकात करने पर जर्मनी में काफी गुस्सा देखा गया था.
इसके बाद जर्मनी वर्ल्ड कप 2018 के पहले ही राउंड से बाहर हो गया. इस करारी हार के बाद ओज़िल ने नेशनल टीम छोड़ने का फैसला किया. ओज़िल ने तुरंत प्रभाव से इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी. ओज़िल ने इस फैसले के पीछे जर्मन फुटबॉल असोसिएशन द्वारा उनके साथ किए जा रहे दोहरे व्यवहार को जिम्मेदार ठहराया था. ओज़िल आरोप था कि उनके साथ नस्लीय आधार पर भेदभाव किया जाता है.
जानें फीफा वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर्स के बारे में सबकुछ