तारीख: खाइयों में कूद जर्मन सेना को सरेंडर के लिए मजबूर करने वाले गबर सिंह नेगी की कहानी
आज ही के दिन 1895 को गबर सिंह नेगी का जन्म हुआ था.
प्रथम विश्व युद्ध में भारत के कई जवान, ब्रिटेन के पक्ष में युद्ध में शामिल हुए. हजारों वीरगति को प्राप्त हुए और इनमें से बहुत से ऐसे थे, जिन्हें कभी घर लौटना भी नसीब नहीं हुआ. उत्तराखंड के टिहरी जिले में एक क़स्बा है, चम्बा. मसूरी से कुछ 50 किलोमीटर दूर इस कस्बे में हर साल 21 अप्रैल को एक मेला लगता है. वक्त ने इस मेले को महज औपचारिकता में तब्दील कर दिया है. लेकिन पहले इस मेले की बड़ी धूम हुआ करती थी. गढ़वाल राइफल्स के अफसर एक मार्च निकालते थे. और आसपास के गांवों के लड़कों को सेना में भर्ती भी किया जाता था. मेला जिस शख्स की याद में लगता है, उसका नाम है गबर सिंह नेगी. गढ़वाल राइफल्स का एक जवान जो प्रथम विश्व युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुआ. और जिसे विक्टोरिया क्रॉस से नवाजा गया. आज ही के दिन यानी 21 अप्रैल, 1895 को गबर सिंह नेगी का जन्म हुआ था. देखें वीडियो.