क्या है स्टॉकहोम सिंड्रोम जो फिल्म में आलिया को हो गया था?
ये कहीं-कहीं और कभी-कभी होता है. बता के नहीं होता. अंधा होता है.
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फोटो - thelallantop
ये सब कुछ यूं ही नहीं होता. साइकोलॉजी में इस 'प्यार' के लिए एक टर्म है. स्टॉकहोम सिंड्रोम. इसमें किडनैप होने वाले को किडनैपर से लगाव सा हो जाता है. सुनने में बड़ा अजीब सा लगता है कि ऐसा कैसे हो सकता है? किडनैपर तो कान के नीचे बजाने लायक होता है, उससे लगाव?

पर ये चीज दुनिया में मौजूद है. इंसानी दिमाग कुछ ऐसे ही काम करता है. आप बता नहीं सकते कि कौन कब क्या करेगा. स्टॉकहोम सिंड्रोम नाम मिला था 23 अगस्त 1973 की एक घटना की वजह से.
उस दिन स्वीडन में एक बैंक डकैती हुई थी. दो लोग मशीन गन ले के घुसे थे. घुसते ही बोले कि पार्टी तो अभी शुरू हुई है. बैंक के लोग डर गए. फिर सोचे कि ये लोग चले जायेंगे कुछ देर में. पर हुआ कुछ ऐसा कि मामला 6 दिन खिंच गया. 23 अगस्त से लेकर 28 अगस्त तक. बैंक के स्टाफ बैंक के ही वॉल्ट में बंधुआ बने बैठे थे. और डकैत पुलिस से मोलाई कर रहे थे.

बैंक वॉल्ट में बंद लोग
बाहर लोग चिंतित थे कि अन्दर के स्टाफ कितने दर्द में होंगे. क्या सोच रहे होंगे. पर जब स्टाफ बाहर आये तो उनके मन में कोई गुस्सा नहीं था. डकैतों से उनको बड़ी सहानुभूति हो गई थी. इतनी कि एक स्टाफ ने तो एक डकैत से सगाई कर ली. एक दूसरे स्टाफ ने चंदा लगाकर फंड बनवाया. ताकि डकैतों का केस लड़ा जा सके.

पुलिस निशाना लेते हुए
अब ऐसा नहीं है कि जिस किसी को किडनैप कर लो उसको प्यार हो जायेगा किडनैपर से. ये कहीं-कहीं और कभी-कभी होता है. बता के नहीं होता. अंधा होता है.इसके लक्षण किडनैपिंग के अलावा दूसरी बातों में भी देखे जाते हैं. जैसे इंजीनियरिंग के छात्रों में. जब आप पूछेंगे कि रैगिंग कैसी लगती थी. तो बोलेंगे कि सर, बड़ा मजा आता है. सीनियर लोगों ने जिंदगी जीना सिखा दिया. जबकि सच्चाई ये थी कि उनको कई बार नंगा कर पीटा भी जाता था. फिर ये लक्षण रिश्तों में भी देखे जाते हैं. कई जगह हम लोग ये देखते हैं कि पति-पत्नी में मार मची हुई है. हम सोचते हैं कि ये लोग एक-दूसरे से अलग क्यों नहीं हो जाते. क्योंकि कुछ भी जाए, दोनों साथ ही रहते हैं.