रिचर्ड डॉकिंस कौन हैं, जिनके नाम का जावेद अख्तर को अवॉर्ड मिला है?
'मीम' शब्द से भी इनका अनोखा कनेक्शन है.
Advertisement

बाईं तरफ रिचर्ड डॉकिंस, दाईं तरफ आवेद अख्तर. (तस्वीर: ट्विटर/इंडिया टुडे)
कौन हैं ये रिचर्ड डॉकिंस?
ब्रिटिश वैज्ञानिक हैं. इवॉल्यूशन यानी क्रमिक विकास पर इनका काम है. मशहूर नास्तिक हैं. ऑक्सफ़ोर्ड से पढ़े हैं और उसके बाद वहीं कई साल तक पढ़ाया भी. 1976 में इन्होंने एक किताब लिखी थी, जिसका नाम था 'द सेल्फिश जीन'. इसमें उन्होंने बताया कि किस तरह से क्रमिक विकास में जीन्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. एक दूसरे से प्रतियोगिता करते हुई ये जीन्स सर्वाइव करने की कोशिश करते हैं. जो बच जाते हैं, वो ही आगे विकास का हिस्सा बनते हैं.

इनकी और भी किताबें हैं. जैसे 'द गॉड डेलूजन'. यानी ईश्वर का भ्रम. इस किताब में वो कहते हैं कि किस तरह से भगवान या किसी ऊपरी शक्ति का अस्तित्व नहीं है. और जो लोग उसमें भरोसा करते हैं, वो भ्रम का शिकार हैं.
वो वैज्ञानिक, जिसने मीम शब्द पॉपुलर कर दिया
आज हम मीम्स इंटरनेट पर देखते हैं. कई तरह के. एक तस्वीर पर कई अलग अलग तरीकों से मीम बनते हैं. इस शब्द को नाम देने वाले वैज्ञानिक रिचर्ड डॉकिंस ही हैं. इनके मीम शब्द का मतलब किसी भी ऐसी कल्चरल चीज से है, जो एक आइडिया या आइडिया के समूह को बार-बार दुहराता दिखता है. ये हर बार एक तरह कॉपी नहीं किए जाते, तो इनमें बदलाव आते रहते हैं. इससे बनते हैं नए मीम, जो शायद पिछले मीम्स की तरह खुद को दुहराने की कोशिश करते हैं. इनमें से कुछ ऐसा करने में सफल रहते हैं, कुछ नहीं. क्रमिक विकास के इसी दुहराव को क्लियर करने के लिए डॉकिंस ने ये शब्द दिया था.

कुछ साल पहले वो काफी विवादों में फंसे थे, जब उन्होंने धर्मों की आलोचना करते हुए कहा था,
मुस्लिमों और दूसरे धार्मिक समूहों का तुष्टिकरण बंद करिए. किसी भी तरह की धार्मिक प्रिविलेज को पूरी तरह ख़त्म किया जाना चाहिए. उन स्कूलों से सरकारी सहायता वापस ले लीजिए, जो बच्चों को एक खास धर्म का पालन करना सिखाते हैं. धार्मिक संस्थानों को अपने-आप चैरिटेबल स्टेटस मिल जाने के अधिकार को ख़त्म कीजिए. बिशपों के ऑटोमेटिकली हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में बैठने का अधिकार भी खत्म होना चाहिए.
Arabic word for "sea" is masculine, so women who swim in sea punished for adultery. http://t.co/dnWgjo56Fv
— Richard Dawkins (@RichardDawkins) December 4, 2013
One of many brilliant fatwas.
इस तरह के विवाद रिचर्ड डॉकिंस के नास्तिक विचारों की वजह से होते रहते हैं. कट्टर धार्मिक लोग उन्हें कतई पसंद नहीं करते. 2006 में इन्होंने Richard Dawkins Foundation for Reason and Science (RDFRS) नाम के फाउंडेशन की स्थापना की. आज कई जगहों पर लेक्चर देने जाते हैं. प्रोफ़ेसर एमेरिटस के पद पर हैं.I've read that Arabic is the most beautiful language. I questioned that aesthetically & was bizarrely accused of racism. So I deleted it.
— Richard Dawkins (@RichardDawkins) October 20, 2014
वीडियो: आजकल फोन करते समय जो कॉलर ट्यून सुनाई जाती है, वो इनकी आवाज़ है