The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Profile of former Mumbai police officer Pradeep Sharma, NIA arrests him in Mukesh Ambani antilia bomb scare case

113 एनकाउंटर करने वाले प्रदीप शर्मा को पुलिस ने एंटीलिया केस में अरेस्ट क्यों किया?

प्रदीप शर्मा पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद नेतागीरी में भी हाथ आजमा चुके हैं.

Advertisement
Img The Lallantop
मुंबई के टॉप कॉप रहे प्रदीप शर्मा मूल रूप से आगरा, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. (तस्वीर: आजतक)
pic
तनुश्री
17 जून 2021 (Updated: 17 जून 2021, 02:24 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
एंटीलिया और मनसुख मर्डर केस में गुरुवार, 17 जून को नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद उन्हें स्पेशल NIA कोर्ट में पेश किया गया. जहां कुछ देर की सुनवाई के बाद आदालत ने उन्हें 28 जून तक NIA की कस्टडी में भेज दिया. शर्मा के साथ NIA ने मनीष सोनी और सतीश त्रिभुतकर को भी अरेस्ट किया है. NIA ने अदालत में बताया कि मनसुख की हत्या में इन दोनों का भी हाथ है.
गिरफ्तारी से पहले प्रदीप शर्मा के अंधेरी ईस्ट के भगवान भवन अपार्टमेन्ट में रेड हुई. यहां कई घंटे तक उनसे पूछताछ भी हुई. एक दर्जन से भी अधिक संख्या में NIA के अधिकारियों ने शर्मा का घर खंगाला. सूत्रों के मुताबिक,  उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को NIA ने जब्त किया है. प्रदीप शर्मा पर एंटीलिया केस में सबूत मिटाने और साजिश में शामिल होने का आरोप है.
कौन हैं प्रदीप शर्मा?
कभी मुंबई के टॉप कॉप रहे प्रदीप शर्मा मूल रूप से आगरा, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका जन्म आगरा में ही हुआ था. हालांकि उनके पिता अंग्रेजी के प्रोफेसर थे, जिन्हें महाराष्ट्र के धुले में एक कॉलेज में नौकरी मिल गई थी. वह अपने परिवार को लेकर महाराष्ट्र चले गए और फिर वहीं बस गए. प्रदीप शर्मा धुले में ही पले बढ़े. उनकी पढ़ाई लिखाई भी वहीं पूरी हुई. उन्होंने एमएससी किया.
वर्ष 1983 में प्रदीप शर्मा का चयन महाराष्ट्र पुलिस सेवा में हो गया. इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा. प्रदीप की पहली पोस्टिंग मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में हुई थी. जहां वो कुछ समय रहे और इसके बाद उन्हें जुहू में पुलिस की स्पेशल ब्रांच में तैनात किया गया. वक्त का पहिया तेजी से घूमने लगा और प्रदीप शर्मा अपनी पहचान बनाने में जुट गए.
Pradeep Sharma प्रदीप शर्मा (फाइल फोटो)

1990 के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड का बोलबाला था. बेखौफ माफिया मुंबई पर राज करते थे. कानून और पुलिस उनके लिए मजाक था. तभी सरकार ने उन अपराधियों का सफाया करने के लिए एक विशेष टीम बनाई. जिसमें प्रदीप शर्मा समेत मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के कुछ चुनिंदा अफसरों को शामिल किया गया. इसके बाद ये टीम अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों के सफाए में जुट गई. एक के बाद एक अपराधी मुठभेड़ में मारे जाने लगे. इस टीम और टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा.
प्रदीप शर्मा बर्खास्त क्यों हुए थे?
प्रदीप शर्मा का नाम अखबारों की सुर्खियों में रहता था. कहते हैं कि प्रदीप शर्मा के नाम का आंतक अंडरवर्ल्ड पर दिखने लगा था. पुलिस विभाग में भी प्रदीप का रुतबा बढ़ गया. उन्हें तरक्की देकर मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में सीनियर इंस्पेक्टर बना दिया गया. तब तक उन्हें पुलिस सेवा में 25 साल हो चुके थे. उनके नाम 113 अपराधियों के एनकाउंटर थे. प्रदीप शर्मा का निशाना बनने वाले केवल बदमाश या अपराधी ही नहीं थे, बल्कि कई आतंकियों को भी उन्होंने ढेर किया था. अंडरवर्ल्ड के सबसे बड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कास्कर को भी प्रदीप ने ही गिरफ्तार किया था.
प्रदीप शर्मा और 26/11 के मुंबई हमले में शहीद हुए विजय सालसकर ने क्राइम ब्रांच में साथ काम करते हुए सुभाष मकाडवाला और अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी के गुरु श्रीकांत मामा को भी मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. इसके कुछ समय बाद प्रदीप शर्मा को क्राइम ब्रांच से एंटी नारकोटिक्स सेल में तैनात कर दिया गया था.
साल 2006 प्रदीप शर्मा के लिए परेशानी लेकर आया. अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के गुर्गे रामनारायण गुप्ता को प्रदीप शर्मा ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था. लेकिन जब जांच हुई तो वो मुठभेड़ फर्जी निकली. प्रदीप शर्मा गंभीर विवाद में घिर गए. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया. अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रदीप शर्मा को दोषी करार दिया और उन्हें साढ़े 3 साल कैद की सजा सुनाई. नतीजा ये हुआ कि महाराष्ट्र सरकार ने प्रदीप शर्मा को साल 2008 में पुलिस सेवा से बर्खास्त भी कर दिया.
Nia Raid At Pradeeep Sharma's Residence प्रदीप शर्मा के घर के बाहर NIA की टीम (फोटो-PTI)

इसके बाद उनके खिलाफ और भी मामले सामने आए. लेकिन वर्ष 2013 में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया. 4 साल वो विभाग में वापसी के लिए जद्दोजेहद करते रहे. साल 2017 में उन्हें महाराष्ट्र पुलिस सेवा में वापस ले लिया गया. हालांकि इस बीच उन पर अंडरवर्ल्ड के साथ मिलीभगत के आरोप भी लगे. बाद में अदालत ने उन्होंने बेकसूर मान लिया.
वर्ष 2019 में प्रदीप शर्मा ने अचानक पुलिस सेवा से वीआरएस ले लिया. इसके बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया और शिवसेना की सदस्यता ले ली. शिवसेना ने प्रदीप शर्मा को मुंबई की नालासोपारा सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा. लेकिन वो चुनाव हार गए. उन्हें बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार क्षितिज ठाकुर ने मात दे दी. प्रदीप शर्मा ने 35 साल पुलिस में काम किया. इस दौरान उन्होंने सुर्खियां भी बंटोरी और विवादों में भी रहे. अब प्रदीप शर्मा अपनी एनजीओ चलाते हैं. अगर प्रदीप शर्मा 2019 में वीआरएस नहीं लेते, तो मई 2020 में महाराष्ट्र पुलिस से उनका रिटायरमेंट होता.
प्रदीप शर्मा जांच एजेंसी के रडार पर कैसे आए?
बताया जा रहा है कि मनसुख के मर्डर से कुछ दिन पहले सचिन वझे और एक शख्स के बीच अंधेरी इलाके में स्थित एक बैठक हुई थी, प्रदीप शर्मा भी इसी इलाके में रहते हैं. जांच एजेंसी को आशंका है कि मीटिंग सचिन वझे और शर्मा के बीच हुई. इसके अलावा एक सीसीटीवी फुटेज में सचिन वझे और विनायक शिंदे बांद्रा वर्ली सी लिंक पर कार में बैठे दिखाई दिए. एजेंसी का मानना है कि ये दोनों अंधेरी में शर्मा से मिलने ही जा रहे थे. क्योंकि मनसुख हिरेन को जिस नंबर से कॉल कर बुलाया गया, उसका आखिरी लोकेशन भी अंधेरी का जेबी नगर था.
Nia2 NIA की टीम रेड के बाद प्रदीप शर्मा के घर से कई चीजें अपने साथ ले गई है. (फोटो-PTI)

सचिन वाझे, शिंदे समेत कई अधिकारियों से प्रदीप शर्मा के रहे हैं संपर्क
सचिन वाझे पर एंटीलिया केस का मुख्य सूत्रधार होने का आरोप है. 15 मार्च को NIA ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को गिरफ्तार कर लंबी पूछताछ की थी. जिसमें सचिन वाझे ने कई खुलासे किए थे. पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा और सचिन वाझे की नजदीकी किसी से छिपी नहीं है. प्रदीप शर्मा पर कई आरोप लगे हैं. इसके अलावा मनसुख हिरेन की हत्या के केस में गिरफ्तार पूर्व कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे भी प्रदीप शर्मा का करीबी रहा है. वहीं हाल ही में संतोष सेल्लार और आनंद जाधव की गिरफ्तारी हुई थी. उसमें प्रदीप शर्मा का भी नाम सामने आया. बताया जा रहा है प्रदीप शर्मा का संतोष सेल्लार से गहरी दोस्ती थी.
क्या है एंटीलिया मामला?
बता दें कि 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो बरामद हुई थी, जिसमें 20 जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरा नोट मिला था. इस मामले की जांच एनआईए कर रही है.
Mukesh Ambani मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोक से भरी मिली थी मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो कार (फाइल फोटो-इंडिया टुडे)

इस घटना के बाद एक नाम सामने आया था. वो था मनसुख हिरेन का. बता दें कि मनसुख हिरेन मुंबई से सटे ठाणे जिला में गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स का बिजनेज चलाते थे और ठाणे के डॉ आंबेडकर रोड पर स्थित विकास पाम्स नाम की सोसाइटी में रहते थे. मनसुख उस समय चर्चा में आए थे, जब एंटीलिया के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी कार मिली थी, जो मनसुख की थी.
इस घटना के बाद से मनसुख से मुंबई पुलिस ने कई बार घंटों तक पूछताछ की थी. हिरेन ने दावा किया था कि कार उनकी है, लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी. इस मामले में उस समय पेंच आया जब 5 मार्च को हिरेन का शव ठाणे में कलवा क्रीक में मिला. हिरेन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वझे को दी थी और उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी.

Advertisement