कुछ तस्वीरें चूल्हा जलाती, चारा डालती मां के नाम...
ये तस्वीरें आपको अपने गांव में ले जाएंगी.

मिलिए हरियाणा के रसूलपुर गांव की लाजवाब औरतों से. सुबह चार बजे उठकर काम करने लगती हैं. रात तक खत्म नहीं होते इनके ये काम. भैंस के चारे से लेकर दादाजी की चाय तक की फ़िक्र रहती है. पर अपने लिए रखी 'मूव' भूल जाती हैं. दिन-रात जी तोड़ मेहनत करतने के बाद भी इन्हें कोई अतिरिक्त इज्जत नहीं मिलती. इनके काम को काम नहीं माना जाता. और इनके नाम को नाम को नहीं. ये पूरी जिंदगी किसी की लुगाई, किसी की बहू या बेटी बनकर रह जाती हैं. हमारे देश के जाने कितने गांवों में कितनी औरतें इसी तरह काम करती रहती हैं. चलिए हरियाणा की ऐसी ही कुछ औरतों से मुलाकात करें.
1.
हम लुगाइयों ने कबे फुर्सत नहीं मिलती. घाम हो या छाया, जाड़ा हो या बारिश. हर मौसम मै म्हारा काम बढ़ जायै है. इब्ब लते तारे हैं फेर स्यानी डालनी भैंसया सै. जा ए छोरी चा बणा कै ल्या.(हम औरतों को कभी फुर्सत नहीं मिलती. धूप हो या छांव, सर्दी हो या बारिश. हर मौसम में काम बढ़ जाता है. अभी कपड़े उतार के लाई हूं, फिर भैंसों को चारा डालना है. तू चाय बना ला.)
2.
जीजी हुक्के बिना ना सरै. इब्ब चाहे तेरा दादा नाटे या थम. एक हुक्का का ही तो खर्चा सै मेरा. तेरे दादा की पेंशन कब काम आवेगी फेर. सारी उम्र खेतों में कमाए, इब म्हारी उम्र हुक्का पीण की ही सै.(हुक्के के बिना नहीं रहा जाता. अब चाहे तेरे दादाजी मना करें या तुम लोग. एक हुक्के का ही तो खर्चा है मेरा. और फिर तेरे दादा की पेंशन भी क्या काम आएगी. सारी उम्र हमने खेतों में काम किया. ये उम्र अब हुक्के पीने की ही है.)
3.
ए थारी भैंस नाट गी के? ऐ जल्दी ही नाट गी, बताय नुकसान हो गया यो तो, गर्मी में ढूध धार मिलणी भी मुस्किल ही सै. चाल इब्ब कोई ना दे तो म्हारे सै ले लिए.(तुम्हारी भैंस ने दूध देना बंद कर दिया? बड़ी जल्दी बंद कर दिया. ये तो नुकसान हो गया. अब गर्मी में दूध मिलना भी मुश्किल ही है. चल कोई नहीं, तुम हमारे घर से ले लेना.)
4.
बेटा म्हारी के फोटू खींचा सा के? म्हारी फोटू सुणी ना आवे. तू रहण दे. हम घाम मै बाजर काट काट के काले हो रै. फोटू बी काली काली आवेंगी(बेटा हमारी फोटो खींच रही है? सुंदर नहीं आएगी. रहने दे. धूप में बाजर काट-काटकर रंग काला पड़ गया है. फोटो भी काली ही आएगी.)
5.
ल्या मै काढ द्यू तेरे टिको. जिठानी का ही हक होया करै. थोड़ी या लुगड़ी ऊपर करिए, मखा.(ला, मैं लगा देती हूं टीका. जेठानी का हक़ होता है ये तो. ओढ़नी थोड़ी सी ऊपर करना जरा.)
6.
बड़ी जल्दी ली आई तू ते. हम ही लेट होगे आज काम के चक्कर मै. म्हारी गाय ये चोमासे आली ज्वार खाण में नखरे करे है. के करा इण डांगरा का.(तू तो बड़ी जल्दी लेकर आई. हम ही लेट हो गए आज काम के चक्कर में. हमारी गाय चारा खाने में है. क्या करें इन जानवरों का.)
7.
ज्योति न्यू करूं के? बिरा मनै ना बेरा यो पोज वोज के हो सै. तू जल्दी खींच ले. ए देख आंधी चढ़ आई, जल्दी जल्दी करके घर चालणा सै. बस हटा ल्यूं इब?(ज्योति ऐसे करूं क्या? मुझे नहीं आता ये पोज़-वोज. तू जल्दी खींच ले. आंधी आती दिख रही है. जल्दी-जल्दी काम खत्म करके घर चलते हैं. हटा लूं अब?)
8.
तेरे ब्याह खातर इंढी बना दयू. जिऊं-मरूं बाद में. इब्ब तो हाड़-गोडे चालै हैं मेरे. नहीं तो बाहर बाज़ार ते ल्याणी पड़ेंगी तेरी मां नै. (तेरी शादी के लिए 'इंढी' बना रही हूं. जीना-मरना होता रहेगा. अभी तो हड्डियों में जान है. मैं नहीं बनाऊंगी तो तेरी मम्मी को बाजार से लानी पड़ेगी.)
9.
बस कोई इब ढंग का सा छोरा मिल जाय. मेरी सारी टेंसन दूर हो ज्यागी. मेरी बीमारी तो देखी जायगी. बाद मै दिखा ल्यांगा डाक्टर नै. तू पाछे-पाछे घाल ले, खड़ी क्यू सा?(बस अब एक ढंग का लड़का मिल जाए. मेरी सारी टेंशन खत्म हो जाएगी. बीमारी तो चलती रहेगी. बाद में दिखाते रहेंगे डॉक्टर को. तू बाजर को डालती जा, खड़ी क्यों है?)
10.
जल्दी जल्दी पग धर ल्यो. भूख लाग री सै. ए बबली के घर चा पीवंगे. बुढ़ापे मै को बरत बडुले हों ना . बहू अपने आप कर लेंगी. (जल्दी-जल्दी चल लो. भूख लग रही है. बबली के घर चाय पिएंगे अब बुढ़ापे में व्रत नहीं होते. बहू कर लिया करेंगी.)
11.
बाबा ने चक ना पड़े. देख ले फेर गयो बाहर हांडन. बुढ़ापा मै किते पड़ वड जायगो. पर ना. इबके तेरे फूफाजी नै आण दे. ये अख़बार बंद करवाउंगी. आंख्या का तयोर चल्या जावैगा. चाल , हो गया नोहरे का काम. चाट बी चढ़ गई.(बाबा को आराम नहीं है. मना करने पर भी गए बाहर घूमने. बूढ़े हो गए हैं. कहीं गिर गए तो. तेरे फूफाजी को आने दे इस बार. अखबार भी बंद करूंगी. आंखों की रोशनी जार रही है. सारा दिन अख़बार पढ़ने से. चल, हो गया काम खत्म.)
12.
जाड़ा लाग रया सै तो बेटा चूल्हे कनै सी हो ले. गाम मै ज्यादा सर्दी होवै सै सहर ते.(ठंड लग रही है तो चूल्हे के पास बैठ जा. गांव में ठण्ड ज्यादा होती है. शहरों में कम.)
13.
अरै आपां ही रहगा. दुनिया नै नलाव कर लियो. लै, फटाफट करा लेवां आपां बी.(अरे! हम ही रह गए. सबने कर लिया 'नलाव'. हम भी जल्दी-जल्दी खत्म कर लें.)
14.
बर्तन मांज लिए तू, मै आऊ जब तक. फेर नहा-धो लिए. ज्योत करते ही आ जाउंगी मै. अर अंकित की रोटी धरी सी रसोई मै ही. ठीक सै? (बर्तन साफ़ कर लेना जब तक मैं आऊं. फिर नहा लेना. पूजा करते ही आजाउंगी. अंकित के लिए खाना रसोई में रखा है. ठीक है?)