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मोदीजी, आपमें इतना दम नहीं कि कानपुर को 'इस्मार्ट' बना दें

ठग्गू, ग्रीन पार्क, तो हमाए यहां. राजेश सिरबास्तौ एडबोकेट यहां के. क्या स्मार्ट बनाएंगे आप?

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Source: Indianrailinfo
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प्रतीक्षा पीपी
21 सितंबर 2016 (Updated: 20 सितंबर 2016, 04:38 AM IST) कॉमेंट्स
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डिअर मोदी जी, माना कि आप प्रधानमंत्री हैं. बहुत बड़े आदमी हैं. तुरई की सब्जी भी चांदी की पिलेट में खाते होंगे. देश के लिए बड़े बड़े काम कर रहे होंगे. वो क्या कहिते हैं, बिकास. देस का बिकास कर रहे होंगे. लेकिन आज आपने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती की है. कसम ठग्गू की कुल्फी की. आप होंगे बहुब्बड़े परधानमंत्री. लेकिन क्या है न. हम कनपुरिया हैं. और आज हमारे दिल को आपने ऐसा जखम दिया है, कि दैनिक जागरण के पहिले पन्ने में छपने वाली हर मुस्कुराती फोटो से अब बिसवास उठ गया है जउन अहे. यहां दर्द हुआ है. यहां. कलेजे के बीचोंबीच. समझे? दिन का खाना खा के अउंघा रहे थे कि देखे कानपुर अब इस्मार्ट सिटी बनने जा रहा. माफ़ करियेगा कमल को बोट हमाए घर वाले भी देते हैं. भगवान झूठ न बुलवाए लेकिन इस्मार्ट बनने की जरूरत उन्हें होती है जो घोंघे होते हैं. कानपुर जैसे शहरों को नहीं. अउर हम हल्की बात नहीं कर रहे. कुछ जानते हैं आप कानपुर के बारे में?

देश नहीं, दुनिया नहीं, एशिया की सबसे बड़ी चीजें हैं हमारे पास

गोबिंद नगर का नाम सुने हौ? एशिया की सबसे बड़ा विधानसभा छेत्र रहा है. गंदे नाले में गिरें इलेक्सन कमीसन वाले. काट के दो विधानसभा बना दिए अब उसको. और आप नरेंद्र मोहन सेतु के बारे में सुने हो? वही गोल चौराहे के ऊपर वाला. सालों लगे थे बनने में. एशिया का सबसे बड़ा पुल है. हैलट अस्पताल के बारे में सुने हो? एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल है. मरीजन की लाइन लगी रहती है कसम से भर्ती नहीं मिलने पाती. हमारे मेडिकल कालेज में, कउन नाम से है याद नहीं आ रहा, एशिया के सबसे जादा डाक्टर निकलते हैं वहां से. आपकी कैबिनेट वाले हर्षवर्धन भी यहीं पढ़ पढ़ पड़ा हुए हैं. ये बड़े बड़े गढ़हे पड़ जाते लौंडन के एडमीसन के लिए पढ़ाई करते करते. कानपुर सेंट्रल का प्लेटफार्म नंबर एक, जो अभी साल दो साल पहले नया बनाया गया है, एशिया का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है. इत्ता बड़ा कि आदमी एक कोने से दूसरे कोने तक जाता है तो पेशाब लग आती है. और बड़े चौराहे पे अपना जेड इस्क्वायर. एशिया का सबसे बड़ा मॉल है. जउन तुम्हें जूते लेने हों, जिन्स लेनी हो, महंगे कपड़े लेने हो, इरिज-फिरिज सब मिल जता है वहां. एक्कै छत के नीचे. सिर्फ इत्ता नहीं. आपको मजदूर मितरों की बड़ी चिंता रहती है. इहां उहां झाड़े रहिते हो उनकी बातें. पता भी है. कानपुर में एसिया की सबसे बड़ी लेबर कलोनी है. शास्त्री नगर में. सिंधी पार्क, काली मठिया, विजय नगर, गंदा नाला, फजल गंज...कहां कहां तक नहीं फइली है ये. खुद कानपुर एशिया का सबसे बड़ा शहर है. ये इल्ली-दिल्ली तो सब सरकार के अंडर हैं न. शहर तो कानपुर है. अब कहोगे कि इन सब बातों का सबूत दिखाओ. तो सुनो. हम भी कनपुरिये हैं. जो झूठ कहि रहे हों तुमसे, हमाई जबान कटके अलग हो जाए. हल्की बात हम कहितै नहीं.

क्या नहीं दिया कानपुर ने?

अभिजीत सिंगर, तो हमाए यहां के. राजू सिरबास्तौ, तो हमाए के. राजीब सुकुल से ले के सिर परकास जैसवाल तक बड़े-बड़े नेता, तो हमाए यहां के. सुनील गावस्कर, सचिन के चचा, जब इधर आते थे मैच खेलने, उनका ससुराल, तो यहां पे. रितिस रौसन हों या सारुक्खान, जबतक हमाए गुरदेव पैलेस में प्रीमियर न करें, पिक्चर हिट नहीं होती. एक पिक्चर बताओ जिसका यहां प्रीमियर हुआ हो और वो फ्लॉप हो गई हो. पिच्चर से याद आया. बताओ जो कभी कहीं दो बालकनी वाली टाकीज देखे हो तो. देवकी घूम आओ तुम. लौंडे या तो आईआईटी निकालते हैं या देवकी निकल लेते हैं. और ये मल्टिप्लेक्स की जो संस्कृति आ गई है. इसके बहुत पहले एक्कै मैदान में गुरदेव और पम्मी चले रहैं.  औ अमीसा इधर आए थे कहो न प्यार है के लिए. पिक्चर ने कितना कमाया, आपौ जानते हैं. और तो और जिनको एफयेम ने 900 रुपिया की चुंगी लगाई थी, राजेश सिरबास्तौ एडबोकेट, पंकज यादौ के दोस्त, वो भी यहीं के हैं. यादौ ने अब तक उनका जात आय प्रमाणपत्र का पइसा नहीं लौटाया है. सो मच. सो मच और मैडम रितु महेश्वरी की मुहब्बत पर सवाल उठाने लोहा सिंह कटियाबाज, उनको न भूलिएगा. हम उनका नाम पदम अवॉर्ड के लिए भेज रहे हैं वइसे भी.

बिकास की बात करो

4 बिग बाजार हैं यहां. मॉल तो समझो हर गली में. जो झूठ कहें, तो हमारी गर्दन कट के आपके पांव में गिर जाए. एक हॉल में 4-4 स्क्रीन हैं पिक्चर देखने के लिए. और अब तो लाइनौ में नहीं लगना पड़ता, कंप्यूटर से टिकस बन जाती है. रेव 3. उत्तर प्रदेश में बनने वाला पहला मॉल. स्वरुप नगर जाओ, तिलक नगर जाओ. बड़े, बड़े घर. चोरी-चकारी का कौनो डर नहीं. लड़कियन भी अब छोटी स्कर्ट पहन के निकल सकती हैं. दिल्ली होता तो छिड़ जातीं.

कल्चर की बात करो

चाट खाओ ब्रिजवासी की. कुल्फी खाओ ठग्गू की. नमकीन खाओ पहलवान की. कचौड़ी भीखाराम की. और वो राम पेड़े वाला. सड़क पर ठेला लगा के शुरू किया था. ठग्गू की 4 ब्रांच हो गईं. अम्ताबच्चन के लौंडे अभसेक की सादी में क्विंटल भर सप्लाई हुई थी. कलकत्ता के लोग मिलते हैं तो कहते हैं लड्डू तो हम ऑर्डर पे बनारसी से मंगवाते हैं. ये तो बस खाने का कल्चर है. पढ़ाई लिखाई में हम सबसे आगे. IIT, तो हमाए यहां. ये सब सान, अरिजीत, सिरया घोसाल, गाने आते हैं लाजपत भवन में.

बात सुंदरता की

गंगा बैराज में एक शाम बिता के आओ, इत्ती शांति जी खुस्स हो जाता है. लौटते में कंपनी बाग वाले ठेके से बियर उठा लेना. लइका भाग के काजू वाली पतली मोमिया भी कार में दे जाता है. आप तो देश के लिए विवाहित होकर भी सिंगल रहे. तो पार्टनर की का कहें. अजीत डोभाल के साथ ही मोती झील में बोटिंग करि आओ. जेके मंदिर घूमो. देखो किसी मैरिज ब्यूरो  से ज्यादा रिश्ता रोज शाम यहां तय होता है. बताओ. पनकी वाले बाबा की किरपा से. कोई कमी है हमाए यहां?

इतिहास हमारा सबसे पुराना

अंग्रेजन के खिलाफ तो जो यहां प्लानिंग हुई, वो हुई. ब्रह्मा जी का इकलौता मंदिर, वाल्मीकि जी का आश्रम, सीता जी की रसोई, सब यहां बिठूर में. नाना साहब ने जिस कुएं में काट-काट अंग्रेजन को फेंका था, वो कानपुर में. लाल इमली का कंबल आज तक आर्मी को सप्लाई होता है. एल्गिन मिल, तो हमाए यहां. भइया ईस्ट का मेनचेस्टर था. अइसेहिन नहीं. मोदी जी, माफ़ करिएगा. आपकी सरकार की औकात नहीं जो हमें इस्मार्ट बना दें. काहे से हम हैं इस्मार्ट. हमेशा से रहे हैं. कानपुर अपने आप में एक सभ्यता है. उसको कोई 'सिटी' नहीं बना सकता. कहा सुना माफ़. लेकिन कोई हल्की बात करे हमाए सहर को लेके तो गुस्सा आती है. जो बात है वो बात है. बाकी हम मौड़ी हैं. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाली योजना से आई हैं. तो गुस्सा जलूल जलूल मत करना. और जो फिर भी आए तो दायीं दाढ़ में राजश्री दबा लेना. सब सिद्ध हो जावेगा.

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