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जब हज़ पे निकला दुनिया का सबसे अमीर आदमी!

इतिहास के सबसे अमीर शख्स, मनसा मूसा के पास कितनी दौलत थी?

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मनसा मूसा, इतिहास के सबसे अमीर आदमी का पत दुनिया को तब चला जब वो हज़ पर निकला (तस्वीर: getty)
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कमल
23 अगस्त 2023 (Updated: 22 अगस्त 2023, 07:24 AM IST) कॉमेंट्स
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मार्वल के सारे सूपरहीरो में सबसे ताकतवर कौन?

इस एक सवाल ने सालों से फैन ग्रुप्स में इन्फिन्टी वॉर छेड़ रखी है. इस आग में अपने हिस्से का तेल डालते हुए, एक और सवाल हम जोड़ देते हैं. मार्वल के सूरमाओं में सबसे अमीर कौन है? इस सवाल के जवाब में शायद आयरन मैन का नाम आए. लेकिन फिर ट'चाला उर्फ़ ब्लैक पैंथर है. जो एक पूरे साम्राज्य का राजा है. जिसके पास दुनिया की सबसे दुर्लभ धातु, वाइब्रेनियम का भंडार है. अब इसी लड़ाई को असलियत के धरातल पर लेकर आएं. साल 2023 में दुनिया का सबसे अमीर आदमी कौन है? 

बिला शक जवाब होगा, इलोन मस्क. जिन्हें उनके फैन असली आयरन मैन भी कहते हैं. लेकिन इतिहास की बात करें तो एक शख्स है जो इस आयरन मैन को पिछाड़ देता है. और सिर्फ आयरन मैन ही नहीं, बेजोस, अदानी, बिग गेट्स  - इन सब की संपत्ति भी मस्क के साथ जोड़ दी जाए तो वो भी इस शख्स के आगे कहीं नहीं ठहरते. इत्तेफाक देखिए, ये शख्स भी अफ्रीका का रहने वाला था. एक साम्राज्य का राजा था. और उसके पास दुनिया की सबसे कीमती धातु की खान थीं. कौन था इतिहास का सबसे अमीर आदमी. और उसके पास कितनी दौलत थी. चलिए जानते हैं. (richest man)

Mansa Musa का कारवां 

ये कहानी शुरू होती है साल 1324 से. उत्तर अफ्रीका के साम्राज्य माली से एक कारवां मक्का के लिए रवाना हुआ. मक्का जाने वालों की कमी नहीं थी. लेकिन जैसा कारवां माली से निकला था, उसकी बात ही कुछ और थी. 500 घोड़े, सोने से लदे हुए. आगे आगे चल रहे थे. 48 हजार आम और खास लोग, जिनमें से हर एक ने रेशम का चोगा पहना हुआ था. बीच में माली का राजा चल रहा था. और उसके साथ चल रहे थे 12 हजार गुलाम. इनके अलावा इस कारवां में ऊंटों का एक जत्था भी शामिल था. जिनके ऊपर सोने के ढेर रखे हुए थे. सोना दुनिया की सबसे कीमती चीज़ थी, और इसकी खानों पर माली साम्राज्य का आधिपत्य था.

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मनसा मूसा ने माली को अफ्रीका का सबसे ताकतवर साम्राज्य बना लिया था (तस्वीर: wikimedia Commons)

माली का राजा इतना अमीर था, कि उसने मक्का जाने से पहले, दूसरे राज्यों पर हमला किया, ताकि गुलाम इकठ्ठा किए जा सकें. इस राजा का नाम था, मनसा मूसा. हालांकि मूसा को मनसा और राजा, दोनों कहना दोहराव है. क्योंकि माली की भाषा में मनसा का मतलब राजा ही होता है. 2023 के हिसाब से माली एक छोटा सा देश है. लेकिन 15 वीं सदी तक ये बहुत बड़ी सल्तनत था. जिसमें मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया आते थे. इस इलाके में सोने की खदानें थीं. जिन्होंने इसके राजा को दुनिया का सबसे अमीर शख्स बना दिया. (mansa musa history)

आंकड़ों में बात करने से पहले दूसरों कीआंखों देखी जान लेते हैं. मक्का जाते हुए 13 जुलाई 1324 को मनसा मूसा का कारवां मिस्र की राजधानी काइरो की सीमा तक पहुंचा. यहां मूसा ने गीजा के पिरामिड के पास तीन दिन तक कैम्प डाला. इसके बाद नील नदी पार करते हुए वो काइरो में दाखिल हुआ. काइरो के लोगों ने जब ये कारवां देखा,. उन्होंने तुरंत इसकी खबर बादशाह तक भिजवाई. काइरो के सुल्तान का नाम था, अल-मलिक अल-नसीर. अल नसीर ने अपना एक नुमाइंदा मनसा मूसा के पास भिजवाया. नुमाइंदे ने मूसा से कहा कि बादशाह उससे मिलना चाहते हैं. लेकिन मूसा ने मिलने से इंकार कर दिया. उसने जवाब दिया, "मैं सिर्फ मक्का जाने आया हूं, किसी से मुलाक़ात करने नहीं".

इतना सोना बांटा कि बर्बाद हो गई इकॉनमी 

मनसा मूसा अब तक पूरे मध्य पूर्व में फेमस हो चुका था. क्योंकि जहां से वो गुजरता था, वहां सोना बांटते हुए चलता था. उसके बारे में ऐसी बातें चलती थीं कि वो हर हफ्ते एक मस्जिद बनाता है. उसके पास अथाह पैसा है. इतना सोना, जितना किसी के पास हो सकता था. इतिहासकार शिहाब अल उमरी के अनुसार, "दौलत का ऐसा प्रदर्शन मिस्र में पहले कभी देखा नहीं गया था".

उसकी ऐसी शानो शौकत देखकर काइरो का सुल्तान उससे मिलने के लिए बेकरार था. लेकिन मनसा मूसा बार बार इंकार करता रहा. आखिर में सुल्तान के नुमाइंदे को इस इंकार की वज़ह समझ आई. दरअसल सुल्तान से मुलाक़ात का नियम था कि उसके सामने झुककर सुल्तान के हाथ को चूमना पड़ता था. नुमाइंदे ने मूसा की खूब लानत मलानत की. और अंत में उसे सुल्तान से मिलने के लिए राजी कर लिया. मनसा मूसा और सुल्तान की मुलाकात हुई. लेकिन मूसा ने सुल्तान के आगे झुकने से साफ़ इंकार कर दिया. फिर भी सुल्तान ने मूसा को अपने बगल में बिठाया और दोनों में काफी देर तक बातचीत हुई.

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मनसा मूसा हर हफ्ते में एक मस्जिद बनवाता था (तस्वीर: wikimedia commons )

सुल्तान ने मूसा और उसके पूरे कारवां के रहने का इंतज़ाम करवाया. उनकी आवभगत की. ये देखकर मूसा इतना खुश हुआ कि उसने अपने साथ लाए सोने का एक बड़ा हिस्सा काइरो वासियों में बांट दिया. बदले में उसे कई सारे तोहफे मिले. जिन्हें लेकर वो आगे बढ़ गया.

कहते हैं मूसा ने काइरो में इतना सोना बांटा कि पूरा शहर सोने से भर गया. सोना अमूल्य धातु थी. मुश्किल से मिलती थी. इसने काइरो के लोगों को मालामाल कर दिया. लेकिन इससे एक दिक्कत भी खड़ी हुई. इकोनॉमिक्स का बेसिक सिद्धांत. अचानक मार्केट में पैसा ज्यादा हो जाए, और रिसोर्स उतने की रहें तो महंगाई बढ़ती है. मूसा ने काइरो में इतना सोना बांटा की काइरो में महंगाई रातों रात आसमान तक पहुंच गयी और अर्थ व्यवस्था को दोबारा पटरी में आने में 12 साल लग गए.

मनसा मूसा के पास कितना पैसा था? 

काइरो से मक्का होते हुए मूसा माली लौट गया. अब तक उसकी दौलत के किस्से पूरी दुनिया में फ़ैल चुके थे. यूरोप के राज्यों ने उसके बारे में और जानकारी इकठ्ठा करनी शुरू की. यूरोप से लोग सिर्फ इस वास्ते माली आए ताकि ये देख सकें कि उसके बारे में जो कहा गया है, वो कितना सच है. तब दुनिया के इस हिस्से में ट्रेवल करने के लिए एक नक़्शे का इस्तेमाल किया जाता था. जिसे कैटलन एटलस कहा जाता था. माली का वैभव देख यूरोप वासियों ने न सिर्फ माली को इस एटलस में शामिल किया, बल्कि मनसा मूसा की एक तस्वीर इस एटलस में जोड़ी गई. जिसमें उसे एक सोने की गेंद पकड़े दिखाया गया था.

मक्का की यात्रा के बाद ही पहली बार मूसा की कहानी कागजों में उतारी गई. मनसा मूसा साल 1312 में माली की गद्दी पर बैठा. उसके राजा बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है. मूसा से पहले मुहम्मद इब्न कू, माली का राजा था. उसकी तमन्ना थी की वो अटलांटिक महासागर की यात्रा करे. लिहाजा एक रोज़ वो हजारों गुलामों को लेकर समंदर की यात्रा पर निकला और कभी लौटा ही नहीं. उसके बाद मूसा ने माली की गद्दी संभाली. उसने अपने साम्राज्य का खूब विस्तार किया. खूब सारी इमारतें बनवाई जिनमें कई मस्जिदें भी थी. टिम्बकटू की जिंगारेबेर मस्जिद मूसा की बनाई कई मस्जिदों में से एक है, जो 21 वीं सदी में भी सही सलामत बची हुई है.

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मनसा मूसा के पास कितनी दौलत थी, इसका ठीक ठीक हिसाब नहीं लगाया जा सका (तस्वीर: wikimedia commons ) 

मूसा ने लगभग 25 सालों तक माली पर राज किया. उसकी मौत कब हुई, इसका ठीक ठीक ब्यौरा मालूम नहीं है. अधिकतर इतिहासकार मानते हैं कि उसकी मौत 1337 के आसपास हुई होगी. इतनी कहानी सुनने के बाद एक सवाल अभी भी बाकी रह जाता है. मनसा मूसा के पास आखिर दौलत थी कितनी? (mansa musa wealth)

मूसा के बारे में अरबी स्त्रोतों में जो लिखा है, उनके अनुसार हज़ की यात्रा पर मूसा अपने साथ कुल 18 टन सोना लेकर गया था. जिसकी 21 वीं सदी में कीमत बैठती है, 975 मिलियन डॉलर यानी लगभग आठ हजार करोड़ रूपये. लोगों की अमीरी का ब्यौरा देने वाली वेबसाइट सेलेब्रिटी नेटवर्थ के अनुसार मूसा के पास 400 बिलियन डॉलर के बराबर दौलत थी. यानी लगभग 32 लाख करोड़ रूपये. तुलना के लिए 2023 में इलोन मस्क की संपत्ति करीब 16 लाख करोड़ है. 

हालांकि अधिकतर इतिहासकार मूसा की दौलत के इस आंकड़े से इत्तेफाक नहीं रखते. इसका मतलब ये नहीं कि उसके पास कम दौलत थी. यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन के इतिहास के प्रोफ़ेसर रुडोल्फ़ वेयर कहते हैं, कल्पना कीजिए एक इंसान के पास कितनी दौलत हो सकती है. और उसे दो से गुणा कर लीजिए. मूसा के बारे में सारे ऐतिहासिक आंकलन बस इसी बात को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वो दुनिया का सबसे अमीर आदमी था. कितना अमीर, ये आंकड़ों में नहीं बताया जा सकता.

वीडियो: तारीख: तीन बार फांसी के बावजूद ये शख्स जिंदा कैसे बचा?

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