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यहां मच्छर नहीं मिलते, साग के भाव में मछली जरुर मिल गई

तस्वीरों से किस्से सुनाने वाले पंकज दुबे फिर आए हैं, सिओल से नई-नई तस्वीरें लेकर. आप भी घूम आओ.

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6 जून 2016 (Updated: 6 जून 2016, 11:27 AM IST) कॉमेंट्स
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12279208_10153283513345678_8189060393647817802_nपंकज दुबे राइटर हैं. दो किताबें आई हैं इनकी. ‘लूजर कहीं का’ और ‘इश्कियापा’ अभी  सियोल में, सिओल फाउंडेशन ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर की तरफ से आयोजित एशिया की रेजीडेंसी में तीन लेखकों का चयन हुआ है. जिसमें भारत से उपन्यासकार पंकज दुबे भी हैं. ये कार्यक्रम ‘2016 एशियाई साहित्य और रचनात्मक कार्यशाला’ का हिस्सा है जिसका सब्जेक्ट है ’21वीं सदी में शहर और साहित्य’दी लल्लनटॉप के रीडर्स से पंकज दुबे ने प्रॉमिस किया था कि अपनी तस्वीरों के जरिये वो आपको किस्से सुनाएंगे. इस पिक्टोरीज सीरीज में तस्वीरों के साथ एक बहुत छोटी सी लल्लनटॉप कहानी जिसमे कोरिया की खिड़की से झांककर वहां की संस्कृति की, ज़िन्दगी की, और दिनचर्या की एक छोटी मगर प्यारी बात वो अपने पाठकों के लिए भेजते रहेंगे.  उनने अपने वादा निभाया. सीरीज का अगला हिस्सा ये रहा. 

1. कोरिया की बारिश 

कोरिया में बारिश को कुदरत का तोहफा मानने का रिवाज़ है. कहते हैं अगर बारिश के दिन शादी की जाए या कोई नया घर या फिर कोई भी नई चीज़ खरीदी जाए तो वो काफी शुभ होता है. बारिश की बूंदों को एक फेस्टिवल की तरह सेलिब्रेट करने का कोरियाई अंदाज़ काफी निराला है. image

2. रंग से खिले मुस्कान

कोरिया में हर उस कंकड़, पत्थर और लकड़ी के टुकड़े को रंग देने का फैशन है जिसे घर बनाने के काम में इस्तेमाल किया जाना है. इसमें परिवार के हर सदस्य की भागीदारी रहती है और वो तरह तरह के ब्राइट और खुशनुमा रंग से अपने आशियाने को रंग कर अपनी मुस्कराहट बिखेरते हैं . अपने अपने घरों में खुशहाली बुलाने का ये कोरियाई तरीका है. image (1)

3. साइकिल से री-साइक्लिंग

साउथ कोरिया में सड़कों और नदियों के किनारे साइकिल चलाने के लिए करीब 1000 मील की ट्रैक बनाई गई है. सिओल में कोई भी किराए पर साइकिल ले कर घूम सकता है. हमारी रेजीडेंसी में भी शहर की फेरी लगाने के लिए साइकिल मिली है ताकि हम अपनी हिंदुस्तानी आरामतलबी की री-साइक्लिंग कर सकें. फिटनेस की फिटनेस और पर्यावरण से मोहब्बत का मौका बेशुमार. image (2)

4 . कोरियाई बार्बेक्यू

कोरियाई जश्नों में बार्बेक्यू का शानदार ट्रेंड है. इसे यहां गोगिगुई कहते हैं. ये चिकन, पोर्क, बीफ और तरह तरह की मीट को बार्बेक्यू करने की कोरियाई शैली है. आमतौर पर ये बार्बेक्यू डिनर टेबल पर ही होता है. टेबल में चारकोल जला कर बार्बेक्यू करने की व्यवस्था होती है और साथ ही एक चिमनी लगी होती है ताकि धुंआ जश्न का मज़ा किरकिरा न कर पाए.कोरिया आकर कोई अगर गोगिगुई न करे तो समझ लीजिए कुछ अधूरापन है. image (3)

5 : दिलचस्प पहनावा

कोरिया में वैसे तो अबतक मच्छर मिले नहीं लेकिन अगर होते तो फिर मज़े में होते. दरअसल यहां लड़कियों के पहनावे का अंदाज़ इतना दिलचस्प है कि चारो तरफ उनकी बिना ढंकी टांगें बखूबी दिखेंगी. उनके पहनावे में टॉप, कार्डिगन और तरह तरह के ऊपरी लिबास की काफी अहमियत है . तो जो महिलाएं यहां आने के लिए पैकिंग शुरू कर चुकीं हैं वो प्लीज अपनी ऑफ शोल्डर ड्रेसेस रहने ही दें. image (4)

6 .बर्थडे केक की बजाय सी वीड सूप

कोरिया के ज़्यादातर लंच बॉक्सेस में सी वीड से बनी चीज़ें काफी चलन में हैं. यहां तक कि बर्थ डे केक के बदले भी सी वीड. ये एक तरह का समुद्री साग है. आयरन से भरपूर. प्रेग्नेंट महिलाओं में काफी पॉपुलर , ज़ाहिर है. इसे यहां के घरों में 'गुड लक' सिंम्बल की तरह भी देखते हैं. स्वाद का तो बस इतना समझ लीजिए कि साग के पैसों में मछली मिल गई. ;) image (6)
कैसा लगा? अपनी वाली नजर से सिओल देखकर. मान लो कुछ नहीं तो भी साढ़े चार हजार किलोमीटर तो होगा ही यहां से. और वहां से बैठ के कोई सिओल घुमा दे, मजा आएगा ही. वैसे इस सीरीज का पिछला हिस्सा देखा है न? ये रहा.  यहां मर्द करते हैं मेकअप और जूतों संग बाहर उतारा जाता है ईगो

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