15 अगस्त 2016 (Updated: 15 अगस्त 2016, 07:31 AM IST) कॉमेंट्स
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कनाडा का स्विमिंग चैम्पियन. सैंटो कॉन्डोरेली. जब भी स्विमिंग के किसी भी इवेंट में उतरने वाला होता है, अपने बाप को ढूंढता है. जैसे ही वो उन्हें देख लेता है, उनकी ओर एक भद्दा इशारा करता है. उसके पापा भी उसके ही जैसे हैं. तुरंत ही वो भी अपनी उंगली उठा देते हैं. दोनों जैसे बातें करते हों आपस में. सैंटो तुरंत स्विमिंग करने चला जाता है.
सैंटो और उसके पापा जोसेफ़ कॉन्डोरेली के बीच में ये तुकबंदी आज की नहीं है. ये चली आ रही है सालों से. तब से, जब सैंटो बच्चे थे. जोसेफ़ और उनकी पत्नी के बीच में जब अलगाव हुआ, तब सैंटो मात्र 5 साल के थे. जोसेफ़ ने अपने घर के पिछवाड़े में ही एक स्विमिंग पूल बनाया और सैंटो को ट्रेनिंग देने लगे.
जोसेफ़ के अनुसार सैंटो 'आदमियों' के बीच पला-बढ़ा था. और इससे वो काफी 'टफ लड़का' बन गया था. सैंटो की ये टफनेस स्विमिंग पूल में उसके पैशन से मिल गयी. और फिर जो मिला वो था - स्पीड. सैंटो जल्द ही रेसों को जीतने लगा. वो जल्द ही बड़े-बड़े कम्पटीशनों में भी जाने लगा. यहीं दिक्कत आनी शुरू हुई. उसे डर लगता था. वो नर्वस हो जाता था. दरअसल सैंटो शरीर के हिसाब से रेस में शामिल बाकी एथलीट्स से छोटा था.
सैंटो बताते हैं, "छोटा होने की वजह से मैं हमेशा सहम जाता था. रेस से ठीक पहले मुझे बहुत डर लगता था." इसकी वजह से उसके पापा जोसेफ़ को चिंता होने लगी. उन्हें लगा कि किसी भी तरह से सैंटो को उसके डर से निजात दिलाना ही पड़ेगा.
जोसेफ़ ने कहा, "मैंने उससे कहा कि अब बहुत हुआ. जब तुम स्विमिंग ब्लॉक पर चढ़ते हो, उस वक़्त अपने दिमाग से सब कुछ निकाल दो और पानी में ऐसे तैरो, जैसे तुम्हारे आस-पास कोई भी नहीं है. उसने मुझसे पूछा कि ऐसा कैसे करें. और मैंने कहा, बस माचिस लगा दो सबकी. और इसीलिए उसने मेरी ओर देखा और हम दोनों ने बीच की उंगली दिखाई. इसके बाद वो रेस पर रेस जीतता गया." यहां ये बता दिया जाए कि माचिस लगाने के पीछे जो असल मायने हैं उन्हें परिस्थितिवश साफ़-साफ़ लिखा नहीं जा सकता है.
इन दोनों की जुगलबंदी की एक मशहूर कहानी भी है. 2012 में जब सैंटो 17 साल के थे, उन्होंने स्पीडो जूनियर नैशनल चैंपियनशिप 100 मीटर फ्रीस्टाइल के लिए क्वालीफ़ाई कर लिया. जब वो इवेंट के लिए आये तो उनका नाम पुकारा जा रहा था. उसी वक़्त उनकी तरफ़ कैमरा भी देख रहा था. उन्हें ये बात नहीं मालूम थी. वो बिज़ी थे, अपने पापा को खोजने में. उन्हें जैसे ही पापा दिखे, उंगली दिखा दी. फिर तैरने चले गए. इधर हुआ ये कि टीवी पे बैठे सभी लोगों को लगा कि जब उनका नाम पुकारा गया, तो उन्होंने टीवी कैमरे की ओर ये इशारा किया. लोग और खुद सैंटो के कोच खूब नाराज़ हुए. बाद में सैंटो को माफ़ी मांगनी पड़ी. साथ ही उन्होंने अपने और अपने पापा के बीच की इस रस्म के बारे में भी बताया.
सैंटो रियो ओलंपिक में मेन्स 100 मीटर फ्रीस्टाइल स्विमिंग में 47.88 सेकंड के साथ चौथे नम्बर पर आये हैं.
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