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123456 जैसे पासवर्ड धरेगा तो मरेगा लल्लू

हैकर्स के निशाने पर आम-ओ-खास सब हैं.

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14 दिसंबर 2016 (Updated: 14 दिसंबर 2016, 03:38 PM IST) कॉमेंट्स
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piyushपीयूष पांडे टीवी पत्रकार और व्यंग्यकार हैं. उनकी एक किताब वाली है 'धंधे मातरम्'. इसे उन्होंने हमारे और आपकी खातिर लिखा है.
  मार्केट में एक नया बवाल आया है. ये बवाल है हैकर ग्रुप 'लीजन'. इसने पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का ट्विटर एकाउंट हैक किया. फिर भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का ट्विटर और ई-मेल खाता लीक कर कई राज फाश किए. हैकिंग से रवीश कुमार और बरखा दत्त जैसे पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट पर मिनटों तक कब्जा किया और अब दावा है कि संसद की साइट हैक की जाएगी. तो अंकल 'लीजन' डेंजरस हैं - इसमें शक नहीं और हैकर्स को गंभीरता से इसलिए लिए जाने की जरुरत है क्योंकि - - बीते साल ही 26,244 भारतीय वेबसाइट हैक हुई, जिसमें कई सरकारी वेबसाइट थीं.- इस साल पाकिस्तानी हैकर्स ने 7000 भारतीय वेबसाइट हैक करने का दावा किया है.- बीते महीने यानी नवंबर में ही स्विटजरलैंड, इटली, रोमानिया, दक्षिण अफ्रीका, लीबिया और मलावी स्थित भारतीय दूतावासों की वेबसाइट हैक की गई और दूतावास कर्मचारियों समेत उन देशों में रह रहे भारतीयों से जुड़ी तमाम गोपनीय जानकारी लीक कर दी गई. यानी हैकर्स के निशाने पर आम-ओ-खास सब हैं और अब हैकिंग का मतलब सिर्फ कंप्यूटर डेटा का चोरी होना या उससे छेड़छाड़ होना भर नहीं है. इज्जत-प्रतिष्ठा का तार-तार होना भी है, और अब तो एक कदम और आगे आर्थिक नुकसान भी है क्योंकि लोग डिजिटल मंचों के जरिए आर्थिक लेन-देने करने को मजबूर हैं, और उसके लिए सुरक्षा के इंतजाम क्या हो - ये न तो उन्हें पता हैं और न उन्हें किसी ने बताया है. तो बड़ा सवाल है कि - क्या हम लोग डिजिटल माध्यमों में सुरक्षा की गंभीरता को अभी नहीं समझ रहे?और क्या हैकर्स कभी भी किसी व्यक्ति या संस्थान के महत्वपूर्ण साइबर ठिकानों पर कब्जा जमा सकते हैं? दूसरे सवाल से सरकार को जूझना है, जिसे साइबर सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाना है लेकिन-पहला सवाल हम लोगों से जुड़ा है. पहले सवाल का जवाब है कि हम लोग साइबर सुरक्षा की गंभीरता को समझने में बड़े ढीले हैं. आलम यह कि साइबर सुरक्षा की पहली कवायद यानी पासवर्ड की अहमियत ही हम लोग नहीं समझते. आलम ये कि 123456 और 11111 जैसे पासवर्ड सबसे कॉमन हैं. दो साल पहले हैकिंग में 117 मिलियन लोगों का डेटा चोरी हुआ था, और इस डाटा के अध्ययन के बाद पासवर्ड संबंधी जो तथ्य सामने आया था, वो हैरान करने वाला था. इस अध्ययन के मुताबिक - - 123456 पासवर्ड को दुनियाभर में साढ़े सात लाख से भी ज्यादा यूजर्स ने इस्तेमाल किया था.- Password शब्द करीब डेढ़ लाख लोगों का पासवर्ड था.- 123456789 करीब एक लाख लोगों का पासवर्ड था.- 111111 करीब 70 हजार लोगों का पासवर्ड था.- Sunshine पासवर्ड करीब 30 हजार से ज्यादा यूजर्स इस्तेमाल कर रहे थे. हद तो ये कि मार्क जुकरबर्ग का ट्विटर एकाउंट बीते दिनों हैक हुआ तो खुलासा हुआ कि उनका पासवर्ड था- DaDaDa तो जनाब कैशलैस सोसाइटी की तरफ बढ़ते कदम के बीच सबसे पहली सावधानी पासवर्ड को लेकर बरतनी होगी और यकीन जानिए 123456 जैसे पासवर्ड धरोगे तो मरोगे लल्लू. पीयूष की आने वाली किताब 'धंधे मातरम्' -Dhandhe Mataram 3

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