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किताब लिखकर कैसे कमाएं 50 लाख रुपये, ये रहा तरीका!

आपकी किताब अगर बुकर जीत जाती है तो मिलेंगे 50 लाख रुपये. इस बार का बुकर प्राइज आयरलैंड के लेखक पॉल लिंच को मिला है. उनकी किताब का नाम है- प्रॉफेट सॉन्ग. ये किताब एक ऐसे आयरलैंड की कहानी कहती है जो तानाशाही की चपेट में आता जा रहा है.

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booker prize 2023
बुकर प्राइज 2023 के लिए ये छह किताबें शॉर्टलिस्टेड थीं. (फ़ोटो/thebookerprizes.com)
30 नवंबर 2023 (Updated: 30 नवंबर 2023, 15:30 IST)
Updated: 30 नवंबर 2023 15:30 IST
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आयरलैंड की राजधानी डबलिन में बारिश हो रही है. ये एक अंधेरी, उदास शाम है. उसी शहर में एक वैज्ञानिक रहती हैं, एलिशा स्टैक. एलिशा के दरवाजे पर दस्तक हुई. उनकी निगाह दरवाजे पर अटक गई है. वैसे, दरवाजा एक बहुत क्रिटिकल जगह है. एक कदम आगे या पीछे करते ही आपकी दुनिया वैसी नहीं रहती जैसी पिछले पल थी. बहरहाल, एलिशा दरवाजे की ओर बढ़ती है. चटकनी की आवाज के उस पार, आयरलैंड की नई-नवेली बनी सीक्रेट पुलिस के कुछ अफसर उनके पति से बात करना चाहते हैं.

इसी लम्हे के बाद से ही स्टैक परिवार के लिए चीजें बिखरने लगती हैं. क्योंकि जिंदगी महज कला फिल्म का एक गीत भर नहीं है कि कोई समेटने के लिए हर वक्त मौजूद हो ही. आयरलैंड की सत्ता एक ऐसी सरकार के पास है, जो निरंकुश होती जा रही है. हर जगह हिंसा और अव्यवस्था फ़ैल गयी है. एलिशा इस डरावने ख्वाब से दो-चार हो रही है, जहां सोसाइटी ढह रही है, उसके मूल्यों का पतन हो रहा है. स्टैक परिवार भी हक्का-बक्का है कि जिन लोकतान्त्रिक मूल्यों के सहारे उन्होंने शुरुआत की थी, अब वे कहीं खो गए हैं.

अब अचानक हम ये कहानी क्यों सुनाने लगे? क्योंकि ये कहानी, जिस किताब से निकली है. उसे मिला है Booker Prize. बुकर अंग्रेजी साहित्य की दुनिया में एक बड़ा पुरस्कार माना जाता है. पिछले पांच दशक से फिक्शन माने, कल्पना वाले वाले साहित्य में ये अवॉर्ड दिया जाता है. जैसे उपन्यास. इस अवॉर्ड की वजह से फिक्शन की किताबों को काफी पढ़ने वाले मिले हैं. हर साल ये अवॉर्ड अंग्रेजी में लिखे गए एक बढ़िया काम को दिया जाता है. दरअसल, मूल भाषा कोई भी हो सकती है बस उसका अनुवाद अंग्रेजी में होना चाहिए. शर्त ये भी है कि किताब यूके और आयरलैंड से ही छपी हो.

बुकर प्राइज की जूरी, जिस पर ये अवार्ड देने की जिम्मेदारी थी (फोटो/-thebookerprizes.com)
 

 

पुरस्कार जीतने वाले हर व्यक्ति को 50,000 पाउंड मिलते हैं. भारतीय मुद्रा के लिहाज से देखे, तो बनेंगे साढ़े 52 लाख रूपये. इसके अलावा शॉर्टलिस्ट की गई 6 किताबों के हर लेखक को, 2500 पाउंड मिलते हैं, माने, भारतीय मुद्रा में बनेंगे 2 लाख 64 हजार रूपये. 

अब बात उस किताब की जिसे बुकर मिला. ये उपन्यास अपने पाठक के सामने एक खरी चुनौती पेश करता है. जिसमें मिलावट की कोई गुंजाइश नहीं है. वो पूछता है कि जब आपका देश निरकुंशता की जकड़ में जा रहा हो, तो क्या आप देश छोड़ देंगे? क्या आप अपने परिवार को मुसीबत में डालेंगे सिर्फ इसलिए कि आप जवाबी लड़ाई लड़ सकें? लेखक पॉल लिंच कहते हैं कि इस कहानी का जन्म हुआ सीरिया युद्ध और उसके बाद आए शरणार्थी संकट से.

ये भी पढ़ें: 'आत्मा झकझोरने वाला'... आयरिश लेखक पॉल लिंच को 'प्रोफेट सॉन्ग' के लिए मिला बुकर प्राइज

ये उपन्यास पॉपुलिज्म और निरंकुशवाद की भी पड़ताल करता है, जो इन दिनों  दुनिया भर में फ़ैल रहा है. उपन्यास का शीर्षक है- ‘प्रॉफेट सॉन्ग’. बुकर प्राइज की जूरी ने लिंच को अवॉर्ड देते हुए कहा कि उनके पास एक कवि हृदय है. वे अपने पाठकों के पढ़ने के अनुभव को भी परखते हैं. ये दिखता है, जब वे अपनी पंक्तियों में लगातार दुहराव रचते हैं. हमने आर्ट के बारे में तो बता दिया, अब आर्टिस्ट को भी जान लीजिए.

पॉल लिंच कौन हैं?

साल 1977 में आयरलैंड के लिमरिक में जन्मे पॉल लिंच डबलिन में रहते हैं. साल 2007 से 2011 तक उन्होंने आयरलैंड के संडे ट्रिब्यून न्यूजपेपर में बतौर मुख्य फिल्म आलोचक काम किया है. वे सिनेमा पर लगातार लिखते रहे हैं. इससे पहले उनके पांच उपन्यास आ चुके हैं. जिनमें से मुख्य हैं, बियोंड दी सी, दी ब्लैक स्नो और रेड स्काई इन मॉर्निंग. प्रॉफेट सॉन्ग को लिखने के बारे में लिंच बताते हैं कि वो छह महीने से जिस किताब पर काम कर रहे थे वो पूरी नहीं हो रही थी. फिर एक शुक्रवार की दोपहरी किसी अहाते में उन्होंने तय किया कि वो अब ये किताब नहीं लिखेंगे. कैलेंडर पर कुछ दिन पलटते हैं, अगले सोमवार से लिंच के लैपटॉप पर वो किताब जन्म ले चुकी थी, जिसके बारे में मैं लिख रहा हूं और आप पढ़ रहे हैं.  

बुकर प्राइज के साथ लेखक पॉल लिंच (फोटो/thebookerprizes.com)

 

कैसे मिलता है बुकर?

अगर आप इंस्टा पर लम्बी पोस्ट लिखते हैं, कुछ छिटपुट अनुवाद किया है. या फिर रील्स की बनाई है स्क्रिप्ट और करना चाहते हैं बुकर का फारम अप्लाई, तो नहीं मिलेगा बुकर पुरस्कार. हो गया धप्पा. क्यों? क्योंकि कोई भी लेखक, अनुवादक या एजेंट को ये अनुमति नहीं है कि वो बुकर में अप्लाई करें. सिर्फ प्रकाशक ही अपने यहां से छपी किताबों के नाम भेजते हैं. इसके बाद बैठती है अनुभवी लोगों की जूरी, जो देती है ये अवॉर्ड. साल 2023 के लिए ये अवार्ड 26 नवंबर को लंदन के ओल्ड बिलिंसगेट में दिया गया.  

अज्ञेय अपनी एक कविता में लिखते हैं, 

“जो पुल बनाएंगे वे अनिवार्यत: पीछे रह जाएंगे.” 

हमें लगा कि बुकर के बारे में तो आप जान ही चुके हैं. लिंच का प्रोफाइल भी अब तक आपकी आंखों के आगे तैर गया होगा. इस बरस के बुकर प्राइज में 13 किताबें लॉन्गलिस्ट में थीं. लॉन्गलिस्ट माने, जितनी किताबें आईं उनमें से जो किताबें छंटनी के बाद चुनी जाती हैं, उसे लॉन्गलिस्ट कहते हैं. इसे बुकर डोजन भी कहा जाता है. अब इस लॉन्गलिस्ट के बाद भी 6 किताबें शॉर्टलिस्ट की गई थीं. शॉर्टलिस्ट माने कि एक लम्बी लिस्ट से कुछ किताबें छांट ली जाती हैं. फिर उनमें से एक किताब को अवॉर्ड मिलता है. पॉल लिंच की किताब “प्रॉफेट सॉन्ग” जिसे बुकर पुरस्कार मिला, इसके अलावा जो पांच किताबें थी, उनका एक छोटा सा ब्यौरा हम आपके सामने रख रहे हैं:-

 बुकर पुरस्कार से सम्मानित प़ॉल लिंच की किताब (फ़ोटो/thebookerprizes.com)

1.) 
किताब= बी स्टिंग 
लेखक= पॉल मुर्रे 
प्रकाशक= हामिश हैमिल्टन

डिकी का कार का बिजनेस हुआ करता था. धंधा मुनाफे में था. लेकिन इन दिनों गल्ले में कमाई नहीं आ रही. डिकी इस मुश्किल परिस्थिति से जूझने के बजाय, जंगलों में अपने दिन बिता रहा है. और बना रहा है एक बंकर, वो भी ऐसा वैसा नहीं. डिकी की तैयारी है कि जब कयामत का दिन आए, जब दुनिया ख़त्म हो, तो वो उस बंकर में छिपकर बच सके. डिकी की इन सब हरकतों से उसकी पत्नी इमेल्डा, बहुत गुस्से में है. उसने एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर अपने गहने बेच दिए हैं. 

डिकी और इमेल्डा की किशोर बेटी कास पर भी इस सबका बुरा असर पड़ा है. कास, जो अब तक क्लास की टॉपर हुआ करती थी. अब ये तय कर बैठी है कि वो फाइनल एग्जाम तक के लिए बिंज-ड्रिंक करेगी. माने, लगातार शराब पिएगी. इस कहानी में एक किरदार और है- 12 बरस का एक बच्चा. पीजे नाम का. पीजे, इलाके के ही एक मनोरोगी ईयर्स मोरन के कर्ज तले डूब चुका है और अब भागने की फिराक में है. उसका तो प्लान भी फाइनल स्टेज में है.

तो पॉल मर्रे के इस शानदार उपन्यास में त्रासदी भी है, और है हास्य का पुट. डिक का परिवार मुसीबत में है. लेकिन ये सब बिगड़ा कैसे? और अगर कहानी पहले लिख ली गयी थी तो क्या अब भी समय है एक हैप्पी एंडिंग खोजने का? आप अपनी खोज बीनने, इस उपन्यास में दाखिल हो सकते हैं.

2.)
किताब= वेस्टर्न लेन
लेखक= चेतना मारु 
प्रकाशक= पिकाडोर

11 बरस की गोपी जबसे रैकेट पकड़ने लायक हुई, तबसे स्क्वॉश खेल रही हैं. गोपी की मां की मौत के बाद उनके पिता ने उसे एक खतरनाक ट्रेनिंग प्रोग्राम में एडमिशन दिला दिया. धीरे-धीरे वो अपनी बहनों से अलग एक जीवन जीने लगी. इसके बाद खेल ही उनकी दुनिया बन गया. उसकी रिदम, ड्राइव, गेंद की ईको, गेंद सर्व करना, यही सब उसके जीवन की रौशनी बन गया था. लेकिन कोर्ट में वो अकेली नहीं है, उनके साथ है जेड, अभूतपूर्व टैलेंट से भरा हुआ एक 13 बरस का लड़का. गोपी उन खिलाड़ियों के साथ है, जो उससे पहले आ गए थे. गोपी आश्चर्य से भर गई है. आगे गोपी की जिंदगी कैसे बीतती है, उपन्यास इसकी पड़ताल करता है. लेखिका चेतना भारतीय मूल की हैं और लंदन में रहती हैं.

3.)
किताब= दिस अदर ईडन
लेखक= पॉल हार्डिंग
प्रकाशक= हंचीसन हेनमन

ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित ये किताब “दिस अदर ईडन” एक एप्पल आइलैंड की कहानी कहती है. जो अमेरिका की तटीय सीमा से लगा हुआ है. अब वहां कुछ ऐसे लोग रहने आ गए हैं, जिनका समाज से झगड़ा हो गया है, उन्हें समाज से निकाला जा चुका है. निकाले गए लोगों ने वहां घर भी बना लिया है.

साल 1792 में बेंजामिन हनी, जो अब तक एक गुलाम थे, वो इस आइलैंड में अपनी आइरिश पत्नी जिनका नाम है पेशेंस, उनके साथ रहने आए हैं. सौ बरस बाद हनी के वंशज उस जगह बच जाते हैं और उनके आस पास अलग-अलग तरह के लोग रहने लगते हैं. सब सामान्य चल रहा था कि एक दिन होता है सभ्यता का अतिक्रमण. इसमें अधिकारी निर्णय लेते हैं कि वे इस आइलैंड की “सफाई करेंगे”. मिशनरी के एक स्कूल टीचर ने एक सांवले लड़के को बचाने की सोची है. और बाकी के लोग, वे क्या करेंगे? वे अधिकारियों के सामने सरेंडर कर देंगे या फिर…. इसके लिए आपको पढ़नी होगी ये किताब.

4.)
किताब= इफ आई सर्वाइव यू 
लेखक= जोनाथन एसकॉफ्रे 
प्रकाशक= 4th इस्टेट

साल 1979 में टॉपर और सान्या किंग्स्टन से मायामी भाग आए हैं. कारण है, राजनीतिक हिंसा, जिसने किंग्स्टन को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. लेकिन उन्हें बहुत जल्द इस बात का एहसास हो जाता है कि अमेरिका भी उन्हें बाहें फैलाकर स्वीकार नहीं करेगा.

ट्रेलनी, जो उनका सबसे छोटा बेटा है. उसे समाज हमेशा एक शक और भ्रम की नजर से देखता है. उनका सबसे बड़ा बेटा है, डेलनो, जो अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कोशिश कर रहा है. और किसी भी कीमत पर ये हासिल करना चाहता है. दोनों भाई जैसे-जैसे अपनी राह की मुश्किलें हटाने की कोशिश करते हैं, वो पाते हैं कि इस मुसीबत में वो और गहरे धंसते जा रहे हैं. रेसिज्म, आर्थिक मुश्किलें, एक के बाद एक ये उनके ऊपर आती चली जाती हैं. क्या इन दोनों भाइयों के बीच हो रही इस लड़ाई और अपमान से परिवार बिखर जाएगा?  

5.) 
किताब= स्टडी फॉर ओबिडिएंस 
लेखक= सारा बर्नस्टिन 
प्रकाशक= ग्रांटा बुक्स

एक आम सी कहानी है. एक महिला है, जो अपनी जन्म की जगह से, दूर उत्तर के किसी देश रहने चली गयी है, क्योंकि उसे अपने भाई का ख्याल रखना है. क्योंकि भाई की पत्नी उससे अलग हो गयी है. लेकिन जैसे ही ये बहन आती है, दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की सीरीज शुरू हो जाती है. एक भेड़ की मौत हो जाती है. नवजात मेमना मर जाता है. आलू खराब हो जाते हैं. और इसके बाद पड़ोसियों को लगता है कि ये सब उनके नए मेहमान के आने की वजह से हुआ है. महिला को महसूस हो जाता है कि उसके प्रति दुर्भावना बढ़ रही है. हालांकि, घर में वो अपने भाई का बड़े ही दुलार से ख्याल रखती है. लेकिन वो फिर भी बीमार पड़ने लगता है. आगे क्या रोचक मोड़ आएगा, ये न्यौता है इस किताब का.

पिछले साल ये पुरस्कार मिला था, भारत की रहने वाली रेत समाधि की लेखिका, गीतांजलि श्री की. इस किताब का अनुवाद किया था, डेजी रॉकवेल ने. हम तो जा रहे हैं, प्रॉफेट सॉन्ग पढ़ने. आपकी दराज़ के ऊपर कौन सी किताब मिलेगी, हमें कॉमेंट बॉक्स में बताइए.

वीडियो: बुकर प्राइज़ जीतने वालीं गीतांजलि श्री ने 'टूम ऑफ सैंड' के अनुवाद की ये कहानी सुना दी!

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