The Lallantop
Advertisement

जब गाय बनी सबसे बड़ी मेडिकल स्टोर

दवाइयों की कमी हुई तो राजा पृथु ने पृथ्वी को धनुष लेकर दौड़ाया.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
लल्लनटॉप
23 अगस्त 2016 (Updated: 23 अगस्त 2016, 11:03 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
एक राजा हुए थे पृथु. गुड गवर्नेंस वाले राजा. प्रजा के हित का ध्यान रखने वाले. बात तब की है, जब हर जगह भुखमरी और अराजकता फैली थी और इससे निपटने के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे या विशेष पैकेज की मांग जैसे विकल्प नहीं खुले थे. बिल्लाई प्रजा पृथु के पास पहुंचकर बोली, पृथ्वी सारी मेडिसिन यानी औषधियां लील गई है. अब प्रजा के लिए हो रही है दवा की शॉर्टेज. प्लीज हेल्प महाराज. पृथु को आया गुस्सा. बाण लिया और दौड़ पड़े पृथ्वी के पीछे. घबराई पृथ्वी ने फौरन गेटअप बदला और बन गई गाय. पर पृथु ने पीछा नहीं छोड़ा. आखिर में पृथ्वी ने पृथु से बोल ही दिया, राजा एक लेडी को मारने का पाप करोगे क्या? पृथु ने हाजिरजवाबी से कहा कि विलेन के मरने से अगर पब्लिक में खुशी फैलती है तो यही सही. पृथ्वी ने झट से कहा, ठहरो राजा. एक आइडिया है. मैंने जो औषधियां खाई हैं, उन्हें मैं दूध की तरह बाहर निकाल सकती हूं, बस एक बछड़े का जुगाड़ कर लीजिए. आप मुझे यानी अपनी पृथ्वी को समतल कर दीजिए, मैं हर जगह दूध गिराकर औषधियां बो दूंगी. पृथु बोले, हां आइडिया तो अच्छा है, रुको. पृथु ने फटाफट सारा अरेंजमेंट किया और गाय रूपी पृथ्वी ने वाया दूध सारी औषधियां बोनी शुरू कर दीं. फिर क्या था. राक्षस, देवता, सर्प, मुनि, पर्वत, गंधर्व सबसे अपना डिब्बा लेकर पहुंच लिए. पृथ्वी ने सबको दूध दिया. उनका पोषण किया. इसलिए पृथ्वी या गाय को सबको जन्म देने वाली, पोषण करने वाली कहा गया. विष्णु पुराण, तेरहवां अध्याय

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement