The Lallantop
Advertisement

वेस्टइंडीज के इन दो क्रिकेटरों ने पुराना जमाना याद दिला दिया

वेस्टइंडीज की टीम जिन हालात में आज है, ये पारी बड़ा महत्व रखती है.

Advertisement
Img The Lallantop
Image: AP
pic
लल्लनटॉप
4 अगस्त 2016 (Updated: 4 अगस्त 2016, 06:15 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
अगर आपने जर्मेन ब्लैकवुड और रोस्टन चेज़ का नाम सुना है तो ज़रूर आप रात को 3 बजे तक टेस्ट मैच देखने वालों में से हैं. क्योंकि आज वेस्टइंडीज़ की टीम जिन हालात में है, वो आपको क्रिकेट फ़ॉलो करने के लिए मजबूर नहीं करते. मगर इसी बेसितारा वेस्टइंडीज़ की टीम ने कल टीम इंडिया को जमैका टेस्ट जीतने से रोक दिया. 104 ओवर मिलने पर भी भारतीय गेंदबाज़ सबीना पार्क की चहकती हुई पिच पर वेस्ट इंडीज़ को नहीं झुका सकी. एंटिगा में हुए पहले टेस्ट में भारत ने होस्ट टीम को ज़बरदस्त तरीके से पटका था. उसके बाद तो यही कहा जा रहा था कि सबीना पार्क में भी कहानी यही होगी. और तीसरे दिन तक यही हुआ भी. रवि अश्विन के 18वें 5-फॉर ने वेस्टइंडीज़ को 196 पर रोक दिया और फिर लोकेश राहुल के करियर-बेस्ट 158 की बदौलत भारत ने 500 का बड़ा स्कोर खड़ा किया. लाइन-अप में नंबर 5 को अपना बना चुके अजिंक्य रहाणे ने अपनी सातवीं सेंचुरी जड़ी. भारत के पास वेस्टइंडीज़ को दूसरी बार लुढ़काने के लिए लगभग दो दिन थे. क्योंकि जो टीम अब तक सीरीज़ में 250 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई थी, उसके लिए 304 रन का टारगेट असंभव सा था. सबीना पार्क की पिच के क्यूरेटर माइकल हिल्टन का कहना था कि पिच घास से भरपूर होगी. उन्होंने ये भी बताया कि भतेरा उछाल होगा. बचे हुए दो दिन का खेल बस फॉर्मेलिटी थी. मगर कुछ ऐसा हुआ जिसने हमें टेस्ट क्रिकेट में हमारा भरोसा बनाये रखा. चौथे दिन वेस्टइंडीज़ मैच बचाने उतरा. तीसरे ही ओवर में ओपनर राजेंद्र चंद्रिका ने एंगल से अंदर आती इशांत शर्मा की गेंद को छोड़ा. गेंद उनकी कोहनी से लगी और स्टंप्स से जा टकराई. 13वें ओवर में क्रेग ब्रेथवेट ने भी ख़राब शॉट खेला. आसार ख़राब थे. मगर फिर मौसम वेस्टइंडीज़ पर मेहरबान हुआ. 'अर्ल' नाम के आंधी-तूफ़ान ने सबीना पार्क पर भी बारिश करा दी और बल्लेबाजों को पांचवें दिन खेलने की एक वजह दे दी.
अगर 3 अगस्त 2016 को आपने रात तीन बजे तक मैच नहीं देखा तो आपने वेस्टइंडीज़ के युवा खिलाड़ियों की महान पारियां नहीं देखीं. ओवरनाइट स्कोर था 48 पर 4. इंडियन गेंदबाज़ तैयार थे. ब्लैकवुड ने वहीँ से शुरू किया जहां वो पिछली पारी में रह गए थे. 54 गेंदें खेल कर 63 रन बनाये. इस दौरान उन्होंने 2 छक्के भी लगाये. गौरतलब है कि जहां भारत का रन रेट 3 से भी नीचे था, वेस्टइंडीज़ के युवा बल्लेबाज़ों ने पुराने दिनों के कैरिबियन स्टाइल में गेंदबाजों की धुनाई करना शुरू कर दिया. हालांकि ब्लैकवुड का स्ट्राइक रेट 100 के ऊपर था, विकेटकीपर शेन डाउरिच ने 114 गेंदों पर 74 रन की नपी-तुली पारी खेली. हर बॉल पर प्रहार नहीं किया, बल्कि ख़राब गेंदों को भरपूर सज़ा दी. कैप्टन होल्डर ने भी बहती गंगा में हाथ धो लिए और 64 रन बना डाले.
दूसरी तरफ 24 साल के रोस्टन चेज़ ने सचमुच ही मैन ऑफ़ द मैच वाली परफॉरमेंस दी. इंडिया की इनिंग्स में 5 विकेट तो ले ही चुके थे. अब ज़िम्मेदारी से बैटिंग करते हुए 137 रन बनाये और गेंदबाजों के मुंह खून नहीं लगने दिया. ये उनका दूसरा ही मैच था लेकिन उन्होंने अपना लोहा मनवा लिया. अगर ब्लैकवुड को देख कर सर विव रिचर्ड्स कि याद आ गयी, तो चेज़ ने सर गैरी सोबर्स के कारनामे को दोहराया. दरअसल सोबर्स ने भी 50 साल पहले एक ही टेस्ट में सेंचुरी मारने के साथ-साथ पांच विकेट लिए थे.
स्टोरी दी लल्लनटॉप के साथ इंटर्नशिप कर रहे प्रणय ने लिखी है.  

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement