साल 1994-95. रामपुर के एक सरकारी कर्मचारी ने अपने पैसे पर एक छोटी सी लाइब्रेरीखोली. नाम रखा जौहर लाइब्रेरी. आज़म खान उस समय सूबे में मंत्री थे. इस लाइब्रेरी केउद्घाटन के लिए उन्हें बुलाया गया. आज़म खान को इस छोटी सी लाइब्रेरी में अपने कामकी बड़ी चीज मिल गई. उस चीज का नाम था मौलाना जौहर. कौन थे मोहम्मद अली जौहर? औररामपुर से उनका ताल्लुक क्या था? आजम खान को उनमें ऐसा क्या मिला कि उनके नाम परयूनिवर्सिटी खड़ी कर दी. उन पर किसानों की जमीन कब्जाने का आरोप लगा और भूमाफियाघोषित कर दिया गया. देखिए आजम खान, रामपुर के नवाब मिकी मियां, मौलाना अली जौहर औररामपुर के राजनीति की पूरी कहानी.