तीस साल की दुश्मनी से दोस्ती तक... कहानी आनंद मोहन और पप्पू यादव की
आनंद मोहन की बेटी की शादी में शामिल हुए पप्पू यादव.

बिहार से आई एक तस्वीर बहुत चर्चा में है. आनंद मोहन की बेटी की शादी में पप्पू यादव (Pappu Yadav) की मुस्कुराती हुई तस्वीर. एक तरफ बेटी की शादी के लिए परोल पर जेल से बाहर आए खिलखिलाते आनंद मोहन (Anand Mohan) और दूसरी तरफ हरे कुर्ते में मुस्कियाते पप्पू यादव. ये तस्वीर आते ही चर्चा बिहार की उस 30 साल पुरानी अदावत की शुरू हो गई, जिसमें दो गैंग के वर्चस्व की लड़ाई भी है और ‘मंडल-कमंडल’ की राजनीति भी. इसी तस्वीर के सहारे आनंद मोहन और पप्पू यादव की दुश्मनी से दोस्ती तक की कहानियों के फ्लैशबैक में झांकेगे.

आनंद को राजनीति विरासत में मिली थी. दादा राम बहादुर सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे. और आनंद जब जवान हो रहा था, तब बिहार में जय प्रकाश नारायण देश की तब की सबसे बड़ी नेता इंदिरा गांधी से लोहा ले रहे थे. आपातकाल का दौर आया. आनंद भी जेल गया.
जेल से बाहर आया. अस्सी का दशक आ चुका था. और यहां से आनंद ने अपने राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन को एक अलग दिशा में मोड़ दिया. आनंद की पहचान अब एक राजपूत नेता के तौर पर बनने लगी थी. एक दबंग राजपूत नेता. कहीं भी मारपीट हो या हत्या, आनंद मोहन का नाम चलने लगा था.
90 का दशक आया. 1990 में आनंद मोहन जनता दल के टिकट से विधायक बना. आनंद को महिषी सीट से विधायक चुना गया था. और तभी आ गया मंडल कमीशन. आनंद मोहन ने मंडल कमीशन का विरोध किया. और यही वजह थी कि आनंद मोहन राजपूतों के नेता के तौर पर उभरने लगा. आजतक के कुबूल अहमद की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ समय बाद आनंद मोहन ने बिहार पीपुल्स पार्टी यानी बीपीपी बनाई. जिसे फिर समता पार्टी के साथ मिला दिया.
DM की हत्या कीये हत्याकांड 1994 में हुआ. आनंद मोहन अपनी बीपीपी का सर्वेसर्वा था. तभी गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैय्या की हत्या कर दी गई. नाम आया आनंद मोहन पर. आरोप लगा कि आनंद ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर डीएम की हत्या कर दी. आनंद पर ये आरोप सिद्ध हुआ. 2007 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई. आनंद ने खुद को बचाने के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन राहत कहीं नहीं मिली. आनंद मोहन अब भी इसी केस में जेल में था. फिलहाल परोल पर बाहर है.
आनंद जेल में था, लेकिन राजनीतिक रसूख कम नहीं हुआ. 1996 में वो जेल से सांसद बना. उसकी पत्नी लवली आनंद भी विधायक और सांसद रहीं. बेटा चेतन आनंद भी लालू यादव की पार्टी से विधायक है.
पप्पू यादवआनंद का कद बढ़ रहा था, तो पप्पू भी नाम बनाना चाहते थे. पप्पू यादव कोसी और सीमांचल में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे थे. पप्पू यादव सीमांचल की पूर्णिया और मधेपुरा सीट से कई बार के विधायक रह चुके हैं. वो 1991, 1996, 1999 पूर्णिया, फिर 2004 और 2014 में मधेपुरा से सांसद चुने गए. पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन भी कांग्रेस नेता हैं. फिलहाल राज्यसभा में सांसद हैं. उससे पहले चुनकर लोकसभा भी गई हैं.
आनंद मोहन की तरह पप्पू यादव भी जेल गए. कुबूल अहमद की खबर के मुताबिक, उनपर 1998 में CPM विधायक अजीत सरकार की हत्या का आरोप लगा. कई साल जेल में रहे. बाद में हाईकोर्ट से बरी हुए.
आनंद मोहन बनाम पप्पू यादवमंडल कमीशन आया. आनंद मोहन ने विरोध किया. पप्पू यादव समर्थन में थे. टकराव की स्थितियां यहीं से बनने लगीं. फिर वर्चस्व की लड़ाई का दौर आया. लेकिन दोनों में ये अदावत है, ये बात तब सामने आई जब 1991 में मधेपुरा में उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में जनता दल के बड़े नेता शरद यादव मैदान में थे. अब तक ये साफ हो गया था कि पप्पू यादव लालू यादव के करीबी हैं और आनंद मोहन लालू से दूर हो गए हैं. मधेपुरा के चुनाव में पप्पू यादव ने शरद यादव का समर्थन किया और आनंद मोहन ने विरोध. और यहीं से आनंद मोहन बनाम पप्पू यादव का ऑफिशियल अनाउंसमेंट हो गया था.
बिरादरी की लड़ाई में दोनों की दुश्मनी और बढ़ती चली गई. दावा किया जाता है कि दोनों के बीच उस दौरान कई दफे गोलीबारी भी हुई. सबसे बड़ी लड़ाई वर्चस्व की थी. और कहा जाता है कि दोनों के काफिलों में होड़ रहती थी. होड़ इस बात की कि किसके काफिले में ज्यादा गाड़ियां हैं.
दुश्मनी से दोस्ती के मायनेतीन दशक तक दुश्मनी निभाने के बाद अब इन दोनों के बीच नज़दीकियों का नया दौर देखा जा रहा है. शादी से पहले पप्पू यादव आनंद मोहन की बेटी की सगाई में भी शामिल हुए थे. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि पप्पू यादव कह रहे हैं कि आनंद का इरादा DM की हत्या का नहीं रहा होगा. इसलिए अब उनकी रिहाई होनी चाहिए.

राजनीति के जानकारों की मानें तो इस दोस्ती से सीमांचल और कोसी की राजनीति पर असर देखने को मिलेगा. दोनों का अपना राजनीतिक आधार भी रहा है. ये भी बता दें कि आनंद मोहन की बेटी की शादी में पप्पू यादव के साथ साथ उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और CM नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे.
वीडियो: पप्पू यादव 32 साल पुराने केस में 5 महीने बाद जेल से बाहर आकर क्या बोले?