केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का डीए बढ़ाया, जानें कितना फायदा होगा
सैलरी के कई कंपोनेंट होते हैं. जैसे बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA). और ऐसा ही एक कंपोनेंट है DA. और जैसे HRA, TA वग़ैरह, बेसिक सैलरी से कैलकुलेट होते हैं वैसा ही हिसाब DA यानी डियरनेस अलाउंस का भी है.
अगर आप केंद्र सरकार की नौकरी करते हैं, तो आपका DA 4% बढ़कर 50% होने वाला है. केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार, 7 मार्च को इसकी घोषणा की. पर ये DA होता क्या है? कितना बढ़ाया गया है, क्यों बढ़ाया गया है, इसके क्या मायने हैं और इसका फायदा किसो मिलेगा?
.डियर का अर्थ सिर्फ़ प्रिय ही नहीं महंगाई भी होता है. तो यूं डियरनेस अलाउंस का मतलब हुआ महंगाई भत्ता. शॉर्ट में बोलते तो DA.
महंगाई भत्ता (DA)
सैलरी के कई कंपोनेंट होते हैं. जैसे बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA). और ऐसा ही एक कंपोनेंट है DA. और जैसे HRA, TA वग़ैरह, बेसिक सैलरी से कैलकुलेट होते हैं वैसा ही हिसाब DA यानी डियरनेस अलाउंस का भी है. और जैसा नाम से ही ज़ाहिर है ये बढ़ रही महंगाई और आपकी सैलरी को एक सम पर लाने का प्रयास करता है. यानी साफ़ है कि जैसे जैसे महंगाई बढ़ेगी, DA भी बढ़ता जाएगा, या बढ़ता जाना चाहिए. और भारत के केंद्रीय कर्मचारियों (और अधिकतर राज्य कर्मचारियों) के लिए ये DA हर छह महीने में रिवाइज किया जाता है. कितना?
कैसे कैलकुलेट होता है डीए?
इसे समझने के लिए रियल केस सिनेरियो लेते हैं. जैसा हमने आपको बताया था कि DA, बेसिक सैलरी के आधार पर तय होता है, तो अभी तक ये बेसिक सैलरी का 46% था. यानी यदि आप केंद्रीय कर्मचारी हैं और आपकी बेसिक सैलरी 20,000 रुपए है तो आपका DA हो गया, 9,200 रुपए. अब चूँकि यही DA बढ़कर हो गया 50% तो इसे अगर धनराशि में कन्वर्ट करें तो हुए 10,000 रुपए. सिंपल.
ये तो हो गया कि मुझे कितना DA मिलेगा, वो कैसे कैलकुलेट किया जाए. एक और भी सवाल रह जाता है कि सरकार कितना DA दे, ये कैसे कैलकुलेट होता है. मने, हमने अभी आपको बताया कि इस छमाही सरकार ने 4% DA बढ़ाने का फ़ैसला किया है. ऐसा नहीं है कि ये हमेशा या हर छमाही 4% की दर से ही बढ़ेगा. कभी ये बढ़ोतरी 2% भी हो सकती है और कभी 5% भी. और ये डिपेंड करता है कि महंगाई कितनी बढ़ी. ज़ाहिर है.
और महंगाई कितनी बढ़ी ये सरकार कैल्क्युलेट करती है, (CPI-IW) के आंकड़ों से.
ये Pay Commission क्या है:
- पे कमीशन या कहें वेतन आयोग केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के अंतर्गत आने वाली एक संस्था है.
- मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस में एक विभाग है, Department of Expenditure. इसी Department of Expenditure में आता है वेतन आयोग.
- वेतन आयोग आमतौर पर हर 10 साल में अपनी सिफारिश सरकार के सामने रखता है. पहला वेतन आयोग 1946 में अस्तित्व में आया था. अब तक कुल 7 वेतन आयोग बन चुके हैं 7 वेतन आयोग बन चुके हैं.
- आखिरी बार 2014 में 7वां वेतन आयोग लाया गया था. इसके द्वारा की गई सिफारिशें 2016 से लागू की गईं थीं.
- वर्तमान समय में केंद्र सरकार के सारे कर्मचारी और पेंशन धारक अपनी तनख्वाह और पेंशन, इसी 7 वें वेतन आयोग के तहत पाते हैं.
- सरकार के लिए वेतन आयोग की सिफारिश मानने की कोई बाध्यता नहीं है. सरकार चाहे तो आयोग की सिफारिशें मानने से मना कर सकती है.
DA बढ़ने से कर्मचारियों को क्या फायदा होगा?
DA बढ़ने से कई तरह के भत्तों में इजाफा होगा। ये भत्ते कौन से हैं और इनमें कितनी बढ़ोतरी होगी, आइये समझते हैं.
- पहला भत्ता है House Rent Allowance या मकान का किराया जिसे HRA भी कहा जाता है. 2016 में जब 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार डीए 25 प्रतिशत पहुंचा था, उस समय हाउस रेंट 27 प्रतिशत मिला करता था. अब जब डीए 50 प्रतिशत तक बढ़ा है, ऐसे में हाउस रेंट अलाउंस 30 प्रतिशत तक मिलेगा. हालांकि ये इस निर्भर करता है कि कर्मचारी कहां रहता है. एक उदाहरण से समझते हैं.
7वें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक देश के शहरों को तीन वर्गों में बांटा गया है. इस वर्गीकरण को ऐसे समझिए कि कोई कर्मचारी दिल्ली में नौकरी करता है दूसरा लखनऊ में. दिल्ली में मकान का किराया लखनऊ से कम होगा. इसलिए HRA में इजाफा भी शहर के हिसाब से होगा. शहरों को X, Y और Z कैटेगरी में बांटा गया है. 50 प्रतिशत डीए होने के बाद:
-X कैटेगरी के शहरों में HRA 30 प्रतिशत
-Y कैटेगरी शहरों में 20 प्रतिशत
-Z कैटेगरी के शहरों में 10 प्रतिशत हो जाएगा.
इससे पहले जब 2021 में जब डीए 25 प्रतिशत पहुंचा था तब
- X कैटेगरी के शहरों में HRA 27 प्रतिशत
-Y कैटेगरी शहरों में 18 प्रतिशत
-Z कैटेगरी के शहरों में 9 प्रतिशत हो गया था
यहां पर आगे बढ़ने से पहले एक बात और बताना जरूरी है.
क्यूरियस केस ऑफ़ 50%
हमने आपको बताया कि DA हर छमाही में बढ़ता है. DA को को लेकर सिफ़ारिशें वेतन आयोग ही करता है. 2016 में सातवें वेतन आयोग की लागू होने के बाद ये तय हुआ था कि दो पड़ावों पर DA के साथ साथ बाकी भत्तों में भी इजाफा होगा. कौन से पड़ाव
पहला - जब DA 25 % हो जाएगा, जैसा 2021 में हुआ.
दूसरा - जब DA 50 % हो जाएगा, जब अब होने जा रहा है.
कहने का मतलब ये. DA चाहे हर छमाही में बढ़े, बाकी भत्तों में इजाफा सिर्फ इन दो पड़ावों में ही होता है
बहरहाल भत्तों की गिनती पर वापस लौटते हैं,
- HRA के बाद दूसरा नंबर आता है एजुकेशन अलाउंस का या बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाला भत्ता. DA 50% होने से अब एजुकेशन अलाउंस में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी. यानी अगर आपका एजुकेशन अलाउंस दो हजार दो सौ पचास रुपये है, तो वो बढ़कर दो हजार आठ सौ बारह रुपये, पचास पैसे प्रति महीना हो जाएगा.
- तीसरा नंबर आता है हॉस्टल की सब्सिडी का. यानी कर्मचारी के बच्चो को पढ़ने के लिए अगर हॉस्टल में रहना पड़ता है तो उसके लिए मिलने वाला भत्ता. DA 50% होने से हॉस्टल सब्सिडी में भी 25 प्रतिशत का इजाफा होगा. यानी फिलहाल अगर आपका हॉस्टल अलाउंस छह हजार सात सौ पचास है तो ये बढ़कर आठ हजार चार सौ सैंतीस रुपये, पचास पैसे हो जाएगा.
- चौथा नंबर है - TA - ट्रांसफर अलाउंस यानी अगर ट्रांसफर के वक्त ट्रांसपोर्टेशन के लिए मिलने वाला भत्ता। DA 50 पर्सेंट होने पर ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस में भी 25 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिलेगा. TA के लिए हालांकि भी HRA की तरफ अलग अलग लेवल हैं.
- लेवल 1 से 4 तक एक हजार पांच सौ किलो के वाहन आते हैं. इनपर 15 रुपये प्रति किलोमीटर का अलाउंस मिलेगा.
- लेवल 5 में तीन हजार किलो तक के वाहनों को शामिल किया गया है. इन वाहनों पर 25 रुपये प्रति किलोमीटर का अलाउंस मिलेगा.
- लेवल 6 से 11 तक 6 हजार किलो के वाहन आते हैं. इनपर 50 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से भत्ता मिलेगा.
- लेवल 12 और उससे ऊपर में भी 6 हजार किलो के ही वाहन आते हैं पर इसमें डबल कंटेनर वाले वाहन भी जुड़ जाते हैं. इनपर भी 50 रुपये प्रति किलोमीटर टीए मिलता है.
इनके अलावा कुछ और भत्ते हैं. उन्हें भी आपको समझा देते हैं
- ड्रेस अलाउंस माने कपड़ों के लिए मिलने वाला भत्ता।इसमें भी इजाफा होगा।
- खुद की गाड़ी के लिए माइलेज अलाउंस. यानी आपकी गाड़ी जिससे आप आते-जाते हैं; उसमें खुद की कार या टैक्सी के लिए पहले 24 रुपये प्रति किलोमीटर मिला करते थे, अब ये अमाउन्ट 30 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलेगा.
- वहीं ऑटो या रिक्शा से आने-जाने वालों को पहले 12 रुपये प्रति किलोमीटर मिला करते थे, अब ये 15 रुपये प्रति किलोमीटर मिलेगा.
- इनके अलावा बच्चो की विशेष देखभाल के लिए और रोजाना के खर्चे के मिलने वाले डेली अलाउंस में भी इजाफा होने जा रहा है.
अब तक हमने आपको DA, और उसके अंतर्गत आने वाले भत्तों का तियां पांचा, गुणा भाग समझा दिया है. लेकिन एक भत्ता ऐसा है जिसे हमें अलग से समझना होगा। अब इसकी बात भी कर लेते हैं. ये भत्ता कहलाता है ग्रेच्युटी. ग्रेच्युटी वो अमाउंट है जो कर्मचारी को संस्था या उसके इम्प्लॉयर की ओर से दी जाती है. ये रकम सभी कर्मचारियों को नहीं दी जाती. केवल वही कर्मचारी इसके लिए एलिजिबल होते हैं जो पांच साल या उससे अधिक समय से एक ही संस्थान में काम कर रहे हैं. डीए के 50 प्रतिशत तक पहुंचने के बाद इसमें भी वृद्धि होगी जिससे कर्मचारियों को राहत मिलेगी.