पूर्व कश्मीरी मंत्री बुखारी ने नई पार्टी लॉन्च की तो BJP ने स्वागत क्यों किया?
बुखारी की नई पार्टी PDP और NC का नाश कर देगी?
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जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) के पूर्व नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी ने 8 मार्च, 2020 को नई पार्टी बनाने की घोषणा की. पार्टी का नाम 'जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी' (JKAP) रखा गया है. अलग-अलग पार्टी के 30 नेता JKAP में शामिल हुए हैं.
न्यूज़ एजेंसी PTI का ट्वीट देखिए.
पार्टी लॉन्च करते हुए बुखारी ने कहा-Former J&K finance minister Altaf Bukhari forms new party, JK Apni Party, along with 30 political leaders from various parties
— Press Trust of India (@PTI_News) March 8, 2020
यह पार्टी आम लोगों की, आम लोगों के लिए और आम लोगों द्वारा शुरू की गई है. पार्टी पर किसी एक परिवार का शासन नहीं होगा. लोगों को आज़ादी होगी. कोई भी दो बार से ज्यादा पार्टी अध्यक्ष नहीं बन सकेगा. JKAP कश्मीरी पंडितों की गरिमापूर्ण वापसी, युवाओं और महिलाओं के लिए काम करेगी.5 अगस्त, 2019 को जो हुआ, उससे यहां के लोगों के आत्मसम्मान को धक्का लगा है. बहुत कुछ बदल गया है. लोकल इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर हैं. पर्यटन इंडस्ट्री को भारी नुकसान पहुंचा है. हम केंद्र शासित प्रदेश को फिर से राज्य बनाने की लड़ाई लड़ेंगे. केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को यहां पर विकास लाने की बात कही थी लेकिन मौजूदा हाल कई सवाल खड़े करते हैं.जम्मू और कश्मीर के नजरबंद नेताओं को लेकर बुखारी ने कहा-
5 अगस्त से जो भी नेता नजरबंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए. इनके खिलाफ PSA (सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम) का इस्तेमाल करना कतई ठीक नहीं है. लोकतंत्र के लिए यह अच्छा नहीं है कि नेताओं को 'जेलों' में रखा जाए.बुखारी ने कश्मीर की स्वायत्ता ख़त्म करने के केंद्र सरकार के फ़ैसले का स्वागत किया था. केंद्र सरकार को लेकर उन्होंने कहा-
दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच जो अविश्वास पैदा हुआ है, उस पर बात करनी होगी. पहले तो जम्मू और कश्मीर के बीच में अविश्वास था जो अब दूर हुआ है. जो इच्छाएं जम्मू की हैं, वही कश्मीर की भी है. दिल्ली में आज किसकी सरकार है, यह देखकर हमें काम नहीं करना है. हमें यह देखते हुए काम करना है कि दिल्ली में भारत की सरकार है और हमें उन्हीं से बात करनी है. 543 सीट में पांच सीट जम्मू और कश्मीर देती है, ऐसे में हमें बात तो करनी ही होगी. हमें भारत सरकार से बात करने में कोई दिक्कत नहीं है.370 हटने को लेकर 18 जनवरी, 2020 को बुखारी ने कहा था-
जम्मू-कश्मीर में 370 के निरस्त होने के बाद किसी की भी मौत नहीं हुई. इसके लिए मैंने सरकार के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देना चाहता हूं.
अभी 370 को लेकर उन्होंने कहा-Syed Altaf Bukhari, Former J&K Finance Minister and PDP leader: No one died after the abrogation of Article 370 in J&K, for this the credit goes to the government as well as to the people of Jammu and Kashmir. I want to congratulate both of them. pic.twitter.com/Kd88De2eF7
— ANI (@ANI) January 18, 2020
भारत सरकार का विरोध करने से कुछ हासिल नहीं होगा. यह कुछ फायदा नहीं होने वाले है. मामला अदालत में था. कोर्ट का जो भी फैसला है, वह हमें मानना चाहिए.BJP और JKNP मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, पार्टी लॉन्च करने से पहले बुखारी भाजपा के जनरल सेक्रेटरी राम माधव से भी मिले थे. बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी अशोक कौल ने बुखारी की नए पार्टी को लेकर मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि अगर कोई अच्छा काम करता है तो हमें सपोर्ट करना चाहिए. BJP के कश्मीर मीडिया प्रभारी मंजूर भट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग वंशवाद की राजनीति से तंग आ चुके हैं और बदलाव की मांग कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि JKAP जम्मू कश्मीर के लोगों को धोखा नहीं देगी जैसा कि पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस बीते 70 सालों से करती आ रही हैं. न्यूज़ एजेंसी IANS का 25 फरवरी का यह ट्वीट देखिए जब बीजेपी ने बुखारी की बनने वाली नई पार्टी का स्वागत किया गया.
कश्मीर घाटी के अधिकतर नेताओं ने 5 अगस्त को बाद राज्य में हुए बदलाव के बाद केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की थी. बुखारी इस सब से दूर रहे थे. बुखारी शायद घाटी के एकमात्र नेता थे जिन्हें हाउस अरेस्ट नहीं किया गया. यहां तक कि पद्म भूषण से सम्मानित मुज़फ्फर हुसैन बेग को भी हफ़्तों तक हाउस अरेस्ट में रखा गया था. चूंकि प्रदेश में PDP और नेशनल कांफ्रेस (NC) के बड़े नेता अभी तक नज़रबंद हैं ऐसे में बुखारी को फायदा तो पहुंचा है. BJP पिछले कई सालों से यह कहती आ रही है राज्य में हिंदू मुख्यमंत्री बने. ऐसे में यह नई पार्टी बीजेपी का साथ दे सकती है. बीजेपी ने इशारों-इशारों में अपनी बात तो रख ही दी है. ऐसे में राजनीतिक एक्सपर्ट्स यह भी कह रहे हैं कि बेस्ट केस यह हो सकता है कि बीजेपी इन्हें सपोर्ट करे और एक ऐसा मुख्यमंत्री बने जिसे बीजेपी भुना सके. ऐसे में बीजेपी को हिंदू मुख्यमंत्री मिले न मिले लेकिन ऐसा कोई मिले जिससे बीजेपी का रास्ता घाटी में आसान हो जाए. बुखारी ने नई पार्टी क्यों बनाई? 2014 में अल्ताफ बुखारी अमीरदल से चुनाव लड़ थे और जीते थे. 2015 में जब कश्मीर में बाढ़ आई तो बुखारी लोक निर्माण विभाग का कामकाज देख रहे थे. बाद में शिक्षा मंत्री बने और फिर वित्त मंत्री भी बने. मुफ़्ती सरकार में वित्त मंत्री रहे हसीब द्राबू को विवादित बयान देने की वजह से पद से हटाया गया था. द्राबू के हटाए जाने के बाद बुखारी अंतरिम वित्त मंत्री बनाए गए थे. कई बार उनका डिपार्टमेंट बदला. 17 फरवरी, 2017 को आख़िरकार बुखारी ने इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद से बुखारी लगातार सभी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे. बुखारी के ने जनवरी में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से भी मुलाकात की थी. बुखारी और उनके साथी लोग कश्मीर दौरे पर आए विदेशी राजनयिकों से भी मिले थे. जब BJP ने PDP का साथ छोड़ा था तब बुखारी INC और NC से संपर्क कर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे थे. जनवरी, 2020 में PDP ने उन्हें एंटी-पार्टी गतिविधियों में रहने के कारण पार्टी से निकाल दिया. बुखारी तीसरे ऐसे विधायक थे जिन्हें PDP ने पार्टी से हटा दिया था. उन पर आरोप लगाया गया कि मुफ़्ती मोहम्मद सईद की मौत के बाद से बुखारी अपना एजेंडा चला रहे थे. बुखारी ने NC के उमर अब्दुल्लाह को सपोर्ट करने वाले भी कुछ एक बयान दिए थे. बुखारी की दोस्त सभी खेमों में रही है. शुरू से ही. जब कांग्रेस- नेशनल कांफ्रेंस और PDP मिलकर सरकार बनाने की सोच रहे थे तब सीएम पद के लिए बुखारी का नाम सामने आ रहा था. उलझा हुआ खेल JKNP से जो लोग जुड़े हैं, वो इससे पहले PDP, NC और कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. अभी दल बदलकर JKNP आए हैं. इसमें कई पूर्व विधायक और मंत्री भी रहे हैं. 2014 में जब जम्मू-कश्मीर और अभी के लद्दाख में चुनाव हुए थे, तो PDP 28, BJP 25, NC 15, INC 12, JKPC 2 और 5 सीटों पर अन्य लोग चुनाव जीते थे. आगे कब चुनाव होंगे यह तो पता नहीं लेकिन जब भी होंगे इस लिस्ट में JKNP का नाम भी आ सकता है. जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स कांफ्रेंस (JKPC) 2014 में दो सीटों पर चुनाव जीती थी. जब PDP और BJP ने मिलकर सरकार बनाई थी तो JKPC भी उस सरकार में शामिल थी. JKPC के प्रमुख सज्जाद लोन बीजेपी खेमे के माने जाते हैं. JKPC और सज्जाद लोन की आगे की राजनीति क्या होगी, ये तो वक्त ही बताएगा. बुखारी से पहले IAS अफसर शाह फैजल ने जेके पीपुल्स मूवमेंट पार्टी बनाई थी लेकिन उनके हिरासत में चले जाने के बाद पार्टी जनाधार नहीं बना सकी. खैर, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में जब भी चुनाव होंगे, बहुत दिलचस्प होने के उम्मीद हैं.The #BJP has welcomed the moves to form a new political party in #JammuandKashmir led by former Peoples Democratic Party (#PDP) minister #AltafBukhari. pic.twitter.com/U2r6xPGaKD
— IANS Tweets (@ians_india) February 25, 2020
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