CUET की नई वाली परीक्षा में क्या-क्या होगा? सब पढ़िए यहां पर
4 सेक्शन, 9 विषय... और क्या-क्या होगा परीक्षा में?
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(फाइल फोटो: पीटीआई)
एजेंसी ने कहा है,Today we have written to the VCs, Directors, and Principals of all Universities and Colleges to use CUET scores for admissions in their UG programs because with CUET in place there is no need for students to worry about writing multiple entrance tests.https://t.co/S7llw0Uyfh pic.twitter.com/xYvzGWMPTl
— Mamidala Jagadesh Kumar (@mamidala90) March 27, 2022
'विभिन्न क्षेत्रों के लिए केवल 12वीं के आधार पर ही परीक्षा ली जाएगी. कक्षा 12 बोर्ड को पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्र सीयूईटी-यूजी में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे.'किस तरह होगी CUET परीक्षा? CUET-UG की परीक्षा चार भागों यानी I-A, I-B, II, और III में विभाजित की गई है. सेक्शन I-A और I-B में भाषा वाले विषय होंगे. वहीं सेक्शन- II में डोमेन संबंधी विषय - जैसे आपके स्ट्रीम वाले विषय होते हैं - और सेक्शन- III में जनरल टेस्ट होगा. एक छात्र सेक्शन I-A और I-B में मिलाकर अधिकतम तीन भाषाओं का चुनाव कर सकता है. और सेक्शन- II में छह डोमेन विषय तक चुन सकता है. यानी मनचाही स्ट्रीम का चुनाव और इन छः डोमेन में छठवां डोमेन या विषय हो गई एक भाषा. इसका मतलब यह हुआ कि एक छात्र कुल मिलाकर अधिकतम नौ विषयों के लिए परीक्षा दे सकता है. कैसे? 2 भाषा आधारित6 डोमेन (विशेष स्ट्रीम) आधारित1 जनरल टेस्ट या 3 भाषा5 डोमेन विषय 1 जनरल टेस्ट एनटीए ने कहा है,
'कई सारे विकल्प इसलिए दिए गए हैं कि छात्रों को अपनी योग्यता के आधार पर ज्यादा से ज्यादा विश्वविद्यालयों में आवेदन करने का मौका मिल सके.'अब जिस विश्वविद्यालय में जो स्ट्रीम या भाषा का विकल्प है, उसे ध्यान में रखकर छात्र-छात्राएं भाषाओं और स्ट्रीम का चुनाव कर सकते हैं. सेक्शन I-A, I-B में क्या-क्या है? सेक्शन I-A में 13 अलग-अलग भाषाएं हैं, जिसमें तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, ओड़िया, बांग्ला, असमिया, पंजाबी, अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू शामिल है. वहीं सेक्शन I-B में 19 भाषाएं हैं, जिसमें फ्रेंच, स्पैनिश, जर्मन, नेपाली, फारसी, इटैलियन, अरबी, सिंधी, कश्मीरी, कोंकणी, बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संथाली, तिब्बती, जापानी, रूसी, चीनी शामिल हैं. दोनों में से मिलाकर तीन भाषाओं का चयन करना होगा. छात्रों को 50 में से 40 सवालों के उत्तर देने होंगे. हर भाषा के लिए 45 मिनट का टेस्ट होगा. छात्र की भाषाई समझ जानने के लिए इसमें शब्दकोष, शब्दपाठ की समझ, साहित्यिक जानकारी संबंधी सवाल होंगे. सेक्शन II में क्या है? इस सेक्शन के तहत छात्र की डोमेन संबंधी समझ को जांचा जाएगा. यानी जो विषय चुना जा रहा है, उसकी कितनी समझ है? इस श्रेणी में कुल 27 डोमेन आधारित विषय हैं, जिसमें से एक छात्र विश्वविद्यालय के अनुसार छह डोमेन तक चुन सकता है. इसमें अकाउंटेंसी, बायोलॉजी, बिजनेस स्टडीज, केमिस्ट्री, कम्प्यूटर साइंस, इकोनॉमिक्स, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, इतिहास, भूगोल, गृह विज्ञान, लीगल स्टडीज, पर्यावरण विज्ञान, गणित, फिजिकल एजुकेशन, राजनीतिक विज्ञान, साइकोलॉजी, समाज-शास्त्र, मास मीडिया, फाइन आर्ट्स इत्यादि शामिल हैं. इस सेक्शन में कक्षा 12वीं के आधार पर MCQ सवाल पूछे जाएंगे. इस श्रेणी में भी छात्रों के पास 45 मिनट का समय होगा और उन्हें 50 में से 40 सवालों के जवाब देने होंगे. सेक्शन III में क्या है? इस श्रेणी में जनरल टेस्ट होगा. इसमें 75 सवाल पूछे जाएंगे, जिसमें से 60 सवालों के जवाब देने होंगे. छात्रों को इसके लिए 60 मिनट का समय मिलेगा. इसमें सामान ज्ञान, करेंट अफेयर्स, जनरल मेंटल एबिलिटी, न्यूमेरिका एबिलिटी, रीजनिंग आधारित सवाल पूछे जाएंगे. कई दिनों में होगी परीक्षा यूजीसी चेयरपर्सन एम. जगदेश कुमार के मुताबिक यह परीक्षा कई दिनों में संपन्न होगी. हर दिन दो सत्रों में परीक्षा होगी. पहले सत्र में छात्रों को किसी एक भाषा और दो डोमेन विषय का पेपर देना होगा. वहीं यदि कोई छात्र चाहे तो वह जनरल टेस्ट भी दे सकता है. दूसरे सत्र में छात्रों को चार डोमेन विषय की परीक्षा देने की इजाजत होगी और वे सेक्शन I-B से भाषा वाला टेस्ट भी दे सकेंगे. कौन-से विषय चुन सकते हैं? एनटीए ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है छात्र उन्हीं भाषाओं और विषयों को चुन सकते हैं, जो कि उन्होंने 12वीं बोर्ड परीक्षा में लिया हो. हालांकि विश्वविद्यालयों को इसमें लचीला रुख भी अपनाने की इजाजत भी दी गई है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, यूजीसी चेयरपर्सन एम. जगदेश कुमार ने अखबार को बताया था कि यदि विश्वविद्यालय छात्रों को 12वीं कक्षा के इतर अन्य भाषाओं और विषयों में पढ़ने का मौका देना चाहता है तो वे जनरल टेस्ट स्कोर का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा,
'यदि कोई यूनिवर्सिटी बीए पॉलिटिकल साइंस में एडमिशन ले रही है, तो उन्हें यह देखने की जरूरत नहीं है कि छात्र ने 12वीं कक्षा में पॉलिटिकल साइंस पढ़ा है या नहीं. वे जनरल टेस्ट स्कोर आधार पर चयन कर सकते हैं. हालांकि इस दिशा में गाइडलाइन विश्वविद्यालयों को बनाना होगा.'कैसे होगा सिलेक्शन? कुमार ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय चयन के लिए टू-स्टेप प्रक्रिया अपना सकते हैं. पहला स्टेप ये कि विश्वविद्यालय कक्षा 12 की परीक्षा में अंकों की कुछ सीमा तय कर सकते हैं. और दूसरा स्टेप ये कि इसके बाद जो छात्र इस पैमाने पर योग्य पाए जाते हैं, उनमें से CUET-UG के स्कोर के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जा सकती है. और फिर सेलेक्शन की गाड़ी आगे बढ़ेगी.