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1947 में जन्मा वो नॉवेलिस्ट, जिसकी किताबों से कट्टर मुस्लिम सबसे ज्यादा नाराज हुए

इंडिया में आज भी बैन है सलमान रुश्दी की किताब.

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सलमान रुश्दी
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19 जून 2021 (Updated: 19 जून 2021, 05:46 IST)
Updated: 19 जून 2021 05:46 IST
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लिटरेरी दुनिया में इस इंसान का काफ़ी नाम है. इंडिया में पैदा हुए सलमान रुश्दी काफी समय तक ब्रिटिश नागरिक रहे. अब वो अमेरिका के सिटिज़न हैं. यूं तो कई वजहों से रुश्दी खबरों में रहे हैं  मगर अब तक इनकी सबसे ज़्यादा चर्चा इनकी किताब 'सेटेनिक वर्सेस' के विवादों में आने के चलते हुई. कहा जाता है कि नॉवेल का सब्जेक्ट मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों को ऑफेंसिफ लगा जिसके चलते उनका इंडिया आना मुश्किल हो गया. जान से मारने की धमकियां मिली और फतवे जारी हुए. इसी के चलते आज भी इनका ये नॉवेल इंडिया में बैन है. कहा ये भी जाता है कि रुश्दी ने अपनी इस किताब में मुहम्मद को झूठा, घिनौना और पाखंडी कहा है.  मुहम्मद की 12 बीवियों को वेश्या तक बोल दिया. अब अपने धर्म से इतने बिफरे हैं कि खुद को रुश्दी गैर-मुस्लिम और नास्तिक बताते हैं.
Author Salman Rushdie (R) poses with his 1988 book "The Satanic Verses" alongside fellow honoree Tashbih Sayyed before the American Jewish Conference's 30th Annual Dinner, "Profiles in Courage: Voices of Muslim Reformers in the Modern World," in Beverly Hills, California in this September 17, 2006 file photo. Iranian state-run media outlets in February 2016 have added $600,000 to a bounty for the killing of British author Rushdie imposed in 1989 over the publishing of his book "The Satanic Verses". REUTERS/Chris Pizzello/Files TPX IMAGES OF THE DAY
सलमान रुश्दी और उनकी नॉवेल 'सेटेनिक वर्सेस'

सलमान मुंबई में 19 जून 1947 को पैदा हुए. रुश्दी ने शुरुआत में बॉम्बे प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई की. फिर इंग्लैंड चले गए. इन्होंने भी अपने पिता की तरह कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के किंग्स कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की है. पढ़ाई खत्म कर ये अपने मां-बाप के पास पाकिस्तान आ गए. जहां इनके पेरेंट्स साल 1964 में शिफ्ट हो गए थे. वहां टेलीविज़न राइटर का काम किया. फिर कुछ सालों बाद इग्लैंड वापस आ गए. 1975 में पहली नॉवेल Grimus 
पब्लिश हुई. और इसके बाद 1981  में इनकी दूसरी नॉवेल 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' आई. जिनके लिए इन्हें बुकर प्राइज़ भी मिला. 1988 में इनकी सबसे विवादित नॉवेल 'सेटेनिक वर्सेस' आई.
इंडिया में बैन है 'सेटेनिक वर्सेस' 
'सेटेनिक वर्सेस' 1988 में आई जिसके बाद रुश्दी को कई लोगों ने जान से मारने की धमकी दी. ईरान के नेता अयोतुल्लाह खुमैनी ने इनको जान से मार देने का फतवा जारी किया था. जिसके बाद इन्हें कई सालों तक छिप कर रहना पड़ा. जिस समय भारत में ये नॉवेल बैन हुई, तब देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे. रुश्दी ने कई बार अपने इंटरव्यू में कहा है कि उनकी नॉवेल 'सेटेनिक वर्सेस' पर बिना जांच पड़ताल के बैन लगाया गया था.
बुकर प्राइज़ जीता
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नॉवेल 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' का कवर पेज

रुश्दी का खुद का जन्म साल 1947 में  19 जनवरी को मुंबई के एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार हुआ.  इन्हें इनकी नॉवेल 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के लिए 1981 में बुकर प्राइज़ मिला था. इस किताब और इनके जन्म की तारीख में एक खास बात ये कि इस नॉवेल में मुख्य किरदार का नाम सलीम है. जो ठीक उसी रात पैदा हुआ जिस रात भारत को अंग्रज़ों से आज़ादी मिली थी. यानी 15 अगस्त, 1947 को.
बाद में उसे पता चला कि उसके साथ-साथ जितने भी बच्चे उस रात 12 से 1 बज़े के बीच पैदा हुए, सब के पास टेलीपैथिक शक्तियां हैं. यानी वे सारे बच्चे माइंड टू माइंड बात कर सकते थे. और इसी का इस्तेमाल सलीम इन सारे बच्चों से संपर्क बनाने में करता है और उन सबकी मदद से देश की अलग-अलग दिक्कतों को समझने की कोशिश करता है.

फिल्म के लिए स्क्रीनप्ले भी लिखा

'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' नॉवेल पर एक फिल्म भी बनी है. फिल्म का नाम भी 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' है. ये इंडिया में 1 फरवरी, 2013 को रिलीज़ हुई थी. इस फिल्म का स्क्रीनप्ले खुद सलमान रुश्दी ने ही लिखा था.
https://www.youtube.com/watch?v=Y6T35sFH_as

भारत आने पर जान का खतरा

जनवरी 2012 में रुश्दी जयपुर लिटरेचर फेस्ट के लिए भारत आने वाले थे. लेकिन कई मुस्लिम संगठनों से लगातार मिल रही धमकियों के चलते उनका आना टल गया. इस्लाम की तालीम देने वाले दारुल उलूम और कई दूसरे मुस्लिम संगठनों ने रुश्दी के भारत आने का विरोध किया था. हालांकि सलमान 2007 में जयपुर लिटरेचर फेस्ट में शामिल हुए थे और तब किसी ने विरोध नहीं जताया था.
इन्होंने 2016 में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में वोट डाला था. इन्होंने हिलेरी क्लिंटन को वोट दिया था. ये शुरू से ही डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ़ थे. उनका मानना था कि ट्रंप अमेरिका के लिए कभी अच्छे राष्ट्रपति साबित नहीं होंगे. ट्रंप पर लगे रेप, छेड़छाड़ और भ्रष्टाचार के आरोप इसकी वजह थी.
https://twitter.com/SalmanRushdie/status/795630596852740096

'मोदी भक्त, मोदी के टर्र टर्र करने वाले मेंढक हैं'
दादरी में भीड़ ने जब एक मुस्लिम पुरुष को मार डाला था और पाकिस्तानी ग़ज़ल गायक ग़ुलाम अली के विरोध पर चालीस साहित्यकारों ने नाराज़गी जताई थी. जब अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल समेत कई साहित्यकारों ने अपने अवॉर्ड्स लौटा दिए थे तो सलमान रुश्दी ने इनको सपोर्ट किया था. जिसके बाद मोदी भक्तों ने इन्हें काफी घेरा था. इस पर रुश्दी ने मोदी भक्तों को मोदी के टर्र टर्र करने वाले मेंढक कहा. रुश्दी मोदी के प्रधानमंत्री बनने से बिलकुल  खुश नहीं थे और कई मौकों पर रुश्दी ने मोदी को कट्टर राजनेता कहा.
26/11 अटैक पर बेस्ड नॉवेल
रुश्दी की नॉवेल 'द गोल्डन हाउस' 2017 आई थी. ये कहानी एक रईस परिवार की है जो मुंबई से न्यूयॉर्क आ जाते हैं. वो सारे मुंबई में बीती एक घटना को भुलाने की कोशिश कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि ये नॉवेल इस आतंकी हमले से जुड़े कई सवाल खड़े करती है. साथ ही इस घटना के बाद से क्या चेंजेज आए हैं उनका भी आकलन करती है.


विडियो- जब सलमान रुश्दी सोलन के अनीस विला जाकर रोने लगे थे

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