चार्ल्स शोभराज: 'बिकिनी किलर' जो जेल में बैठकर इशारे से अपना काम करता था
दोस्ती, ड्रग्स फिर मर्डर... नौ देशों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना था चार्ल्स शोभराज

वो पाकिस्तान और ईरान से कारों की चोरी करता था और भारत में बॉर्डर के रास्ते लाता, फिर यहां बेच देता था. वो दलाली करता था, चोरी, स्मगलिंग और अपहरण भी. जब पकड़ा गया तो तिहाड़ जेल को तोड़कर भाग निकला. जब एक बेटी का बाप बना तो क्राइम का दर्जा बढ़ गया, और बड़े अपराध करने लगा, वो महिलाओं को दोस्ती में फंसाकर, उन्हें ड्रग्स देकर उनकी हत्या कर देता था. उनकी की लाश पुलिस को बिकिनी में मिलती. और इससे उसका नाम पड़ा बिकिनी किलर.
साल 1944 में वियतनाम के साइगॉन शहर में पैदा हुआ. तब कोई नहीं जानता था कि हतचंद भावनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज नाम का ये बच्चा दुनिया का नामी सीरियल किलर बनेगा. जिसकी तलाश नौ देशों की पुलिस करेगी. उसकी मां वियतनाम से थीं और पिता एक सिंधी हिंदुस्तानी. बाद में उसका बाप बना वियतनाम में तैनात फ्रांस का एक फौजी अफसर.
चार्ल्स शोभराज फिर सुर्खियों में है, नेपाल में उसकी रिहाई को लेकर झगड़ा मचा है. नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने उसे अपनी सजा पूरी करने के बाद जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया है. लेकिन, जेल प्रशासन ने छोड़ने से मना कर दिया. प्रशासन का कहना है कि कोर्ट के आदेश से ये स्पष्ट नहीं है कि किस मामले में चार्ल्स को रिहाई मिली है.
चार्ल्स शोभराज 18 साल का था, अपराध की दुनिया में कदम रख चुका था. इतनी कम उम्र में एक घर में घुस गया और चोरी की. पकड़ा गया और जेल भेज दिया गया. पहली बार वो पेरिस की पोएसी जेल में गया था. यहां खूंखार कैदियों के बीच चार्ल्स अपना बचाव कराटे की तकनीक के सहारे करता था. बताते हैं कि इस जेल में वो चुपचाप रहता था और इशारों में चीजें मांगा करता था.
कुछ ही महीने बाद रिहा हो गया. लेकिन इस कैद ने उसे तराश दिया एक शातिर अपराधी में. बाहर आते ही पेरिस के नामी क्रिमिनल्स से नाता जुड़ गया. अब शहर की बड़ी-बड़ी चोरियों का मास्टरमाइंड चार्ल्स निकलता. साल भर बाद ही फिर पकड़ा गया और जेल भेज दिया गया. कुछ महीने बाद जमानत पर बाहर आया.
गर्लफ्रेंड को प्रपोज करने गया पुलिस ने खेल कर दियाइसी दौरान एक दिन पेरिस की गलियों में चार्ल्स की मुलाकात सैंटल कॉम्पैग्नन से हुई. प्यार हुआ मुलाकातें बढ़ीं. लेकिन, चार्ल्स जिस दिन सैंटल के पास शादी का प्रपोजल लेकर पहुंचा, उस दिन पेरिस की पुलिस ने खेल कर दिया. इस दिन चार्ल्स बाइक से शादी का प्रपोजल लेकर सैंटल से मिलने एक पार्क में पहुंचा. गिफ्ट पकड़ाया और घुटने पर बैठकर प्रपोज भी कर दिया, लेकिन दोनों जब ख़ुशी-ख़ुशी पार्क से बाहर निकल रहे थे, तो सामने पुलिस खड़ी थी. अरेस्ट कर लिया. पकड़ा इसलिए गया, क्योंकि वो जिस बाइक से सैंटल को प्रपोज करने गया था, वो दो दिन पहले ही चुराई थी. फिर आठ महीने जेल में बिताए. बताते हैं कि जिस दिन चार्ल्स की जेल से रिहाई हुई, अगले ही दिन उसने सैंटल कॉम्पैग्नन से शादी कर ली.

शादी के बाद चार्ल्स और सैंटल दोनों यूरोप छोड़कर तुर्की के इस्तांबुल पहुंचे और फिर भारत आए. शादी के बाद दोनों मिलकर पर्यटकों को लूटते और उनके पासपोर्ट्स पर दुनिया घूमते. सैंटल ने मुंबई में रहते हुए अपने पहले बच्चे को जन्म दिया. बेटी ऊषा के जन्म के बाद चार्ल्स के अपराध और बढ़ गए. अब वो जेल से भाग निकलने में भी महारत हासिल कर चुका था.
1970 के दौर में चार्ल्स ने भारत में अपने पैर खूब पसारे. उसने चोरी की गई कारों की दलाली करनी शुरू कर दी. पाकिस्तान और ईरान से कारों की चोरी करता और भारत में बॉर्डर के रास्ते लाता, फिर यहां के रईस और कारों के शौक़ीन लोगों को बेच देता. इसी दौरान उसे जुआ खेलने की लत लग गई. और वो जुए में सब कुछ लुटा बैठा. इसके बाद उसने दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में एक लूट को अंजाम दिया. लूट के बाद वो दिल्ली से मुंबई भाग रहा था, एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग को उस पर शक हो गया और उसका लूट का बैग जब्त कर लिया गया. चतुर चार्ल्स वहां से भाग निकला. हालांकि जल्द ही उसे पकड़ कर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया.
तगड़ी जेलों से भी भाग निकलाचार्ल्स शोभराज 12 साल तक तिहाड़ जेल में रहा, वो एक बार तिहाड़ से भी भागने में कामयाब हुआ था. दरअसल, उस दौरान ड्रग्स और मर्डर के एक मामले में थाईलैंड की पुलिस ने उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया था. वहां उसे मौत की सजा मिलती, इसलिए वो तिहाड़ से भाग निकला और दोबारा पकड़े जाने पर अपनी सजा बढ़वा ली. तिहाड़ के अलावा चार्ल्स शोभराज मुंबई जेल, काबुल जेल और ग्रीस की बेहद सुरक्षित मानी जाने वाली ऐजिना टापू की जेल से भी भाग निकला था.
चार्ल्स 1976 से 1997 तक भारत की जेल में रहा. सजा पूरी करके फ्रांस चला गया. साल 2003 में उसे नेपाल में पकड़ा गया और तब से वो नेपाल की जेल में ही बंद है. नेपाल में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी जो कि अब पूरी हो चुकी है.
साल 1975 में टेरेसा नोलटन नाम की एक पर्यटक को बिकिनी पहने पूल में मृत पाया गया. ये सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज का पहला शिकार थी. चार्ल्स ने थाईलैंड में ये पहली हत्या अपने एक भारतीय साथी अजय चौधरी के साथ मिलकर की थी. इसके बाद 70 के दशक में ही चार्ल्स ने साउथ-ईस्ट एशिया में 12 पर्यटकों का मर्डर किया था. इनकी मौत पानी में डूबने से, गला घोंटने, चाकू से या जिंदा जलाने की वजह से हुई थी.
जांच अधिकारियों का कहना था कि छह भाषाओं और लच्छेदार बातें करने में चार्ल्स माहिर था. अपनी इन्हीं बातों में उलझाकर महिलाओं से आसानी से दोस्ती कर लेता था. फिर उन्हें ड्रग्स देता था, उनकी हत्या कर उनका सामान चुरा लेता था और उनकी पहचान छिपा देता था. इस पैटर्न से उसने थाईलैंड, नेपाल और भारत में घूमने आई कई महिलाओं को अपना शिकार बनाया था. शोभराज बिकिनी पहनी लड़कियों की हत्या करता था, सो उसका नाम बिकिनी किलर पड़ गया.
कहा जाता है कि दुनिया के तमाम सीरियल किलर्स के मुकाबले चार्ल्स शोभराज न तो गुस्सैल था और न ही कभी उसने अपने हिंसक स्वभाव को ज़ाहिर किया था. यानी चार्ल्स आदतन अपराधी था, लेकिन अब उस बात को कई दशक का समय बीत चुका है, लंबे समय से वो जेल में है, आदत छूटी होगी? बदलाव हुए होंगे?… जेल से बाहर आने के बाद ही इसका पता चलेगा.
संदर्भ:-
कौन है चार्ल्स शोभराज?
पिता से नफ़रत ने चार्ल्स शोभराज को बना दिया खूंखार सीरियल किलर
कैसे 9 देशों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना था 'बिकिनी किलर' शोभराज?
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