लालू के पक्के दोस्त अब्दुल बारी सिद्दीकी को रिस्क लेना भारी पड़ गया
अपनी परंपरागत सीट अलीनगर को छोड़कर केवटी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं सिद्दीकी.
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राजद के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे कहे जाने वाले, कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी इस बार केवटी से चुनाव मैदान में उतरे हैं.
सीट का नाम: केवटी (दरभंगा)जीते
केवटी में भाजपा के मुरारी मोहन झा चुनाव जीत चुके हैं. उन्हें 76,372 मिले हैं. उन्होंने राजद के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को 5,126 वोटों के अंतर से हराया.
हारे -
दूसरे स्थान पर रहे राजद के अब्दुल बारी सिद्दकी को 71,246 वोट मिलें.
तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय योगेश रंजन को 3,304 वोट मिलें.

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सीट का नतीजा
पिछले चुनाव के नतीजे:
2015 में राजद के फ़राज फ़ातमी यहां से जीते थे. उन्हें 68,601 (47.14%) वोट मिले थे. उन्होंने भाजपा के अशोक कुमार यादव को 7,830 वोटों के अंतर से हराया था. अशोक यादव को कुल 60,771 (41.76%) वोट मिले थे.
2010 में अशोक यादव ने राजद के फ़राज फ़ातमी को महज़ 29 वोटों से हराया था. तब अशोक यादव को 45,791 (42.11%) वोट मिले थे और फ़राज फ़ातमी को 45,762 (42.08%).
सीट ट्रिविया
# राजद के कद्दावर नेता और लालू यादव के पुराने सहयोगी अब्दुल बारी सिद्दीकी इस बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं.
# सिद्दीकी इससे पहले 7 बार विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन केवटी से वो पहली बार चुनाव मैदान में हैं. इससे पहले वो अलीनगर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं.
# दरभंगा जिले में पड़ने वाली ये सीट मधुबनी लोकसभा में आती है. 2015 में भाजपा के बड़े नेता हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव इस सीट से चुनाव हार गए थे. उन्हें राजद के फ़राज फ़ातमी ने हराया था.
# अशोक यादव 2019 में मधुबनी से लोकसभा पहुंच गए, इसीलिए भाजपा ने इस बार यहां से मुरारी मोहन झा को टिकट दिया है.
# पिछली बार राजद से जीते फ़राज इस बार जदयू से दरभंगा ग्रामीण सीट से चुनावी मैदान में हैं.