अटल ने 90s के बच्चों को दिया था नॉस्टैल्जिया 'स्कूल चलें हम'
हम कुटाई के डर से स्कूल से दूर थे और लाखों बच्चे गरीबी की वजह से.
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फोटो - thelallantop
सर्व शिक्षा अभियान. ये आज लैपटॉप और टैबलेट लर्निंग के जमाने में सिर्फ एक सरकारी योजना लगती होगी. लेकिन 90s में बड़े हो रहे बच्चों के लिए ये संजीवनी बना. तो नब्बे के दशक का हर आदमी जो आज आदमी बन चुका है वो तब बच्चा था. तब 5 रुपये की सामान्य ज्ञान की किताब में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति वगैरह के नाम होते थे. उनके द्वारा चलाई गई योजनाओं का जिक्र नहीं होता था. अटल बिहारी बाजपेई की सरकार ने 2001 में सर्व शिक्षा अभियान योजना लॉन्च की. इसके पॉलिटिकल मायने तो बाद में पता चले. तब जो पता था वो याद करके आज रोंए खड़े हो जाते हैं. उस योजना का लोगो हर प्राइमरी स्कूल की दीवार पर ऑयल पेंट से बनाया जाता था. बहुत लोगों ने ऑयल पेंट का इतना बड़ा इस्तेमाल तभी देखा. इस लोगो में एक बालक और बालिका दिखते थे, पेंसिल पर बैठे हुए. पेंसिल हैरी पौटर की इस जादुई झाड़ू का अहसास दिलाती थी जिस पर बैठकर उड़ान भरी जाती थी.

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