नीतीश-ललन से मुलाकात तक हुई, फिर भी मोकामा से अनंत सिंह का टिकट क्यों फंस गया?
Mokama के पूर्व विधायक Anant Singh ने जदयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया था. लेकिन लगता नहीं है कि अब तक उनका टिकट कन्फर्म हुआ है. क्योंकि Nitish Kumar और Lalan Singh से मुलाकात के बाद उन्होंने चुप्पी साध ली है.

अनंत सिंह (Anant Singh). पूर्व विधायक मोकामा. जेल से बाहर आ गए हैं. बाहर निकलते ही जदयू से चुनाव लड़ने की मुनादी कर दी. लेकिन अब उनके दावे पर संशय बनता दिख रहा है. क्योंकि सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और ललन सिंह (Lalan Singh) से मुलाकात के बाद वह 'खामोश' हो गए हैं. वहीं 2015 में मोकामा से उनको सियासी चुनौती देने वाले नीरज कुमार मुखर हो गए हैं. वो डंके की चोट पर दावा कर रहे हैं कि किसी का टिकट पक्का नहीं है.
जेल से बाहर आते ही ठोका दावामोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह 6 अगस्त को जेल से बाहर आए. बाहर आते ही उनके यहां यूट्यूबर्स का मजमा लगने लगा. लगे हाथ अनंत सिंह ने मोकामा से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ने की मुनादी कर दी. साथ ही अपने दावे को बल देने के लिए 9 अगस्त को नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गए. नीतीश कुमार ने उनको 15 मिनट का समय भी दे दिया. यहां तक तो सब ठीक था. माना गया कि अनंत सिंह किसी आश्वासन के दम पर ही खुलकर जदयू से लड़ने के लिए ताल ठोक रहे हैं.
ललन सिंह से मुलाकात के बाद कयासों को बल मिलानीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अगले दिन 10 अगस्त को अनंत सिंह ने केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह से मुलाकात की. राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि CMO से अनंत सिंह को इशारा दे दिया गया कि मोकामा से टिकट पर अंतिम फैसला मुंगेर से सांसद ललन सिंह करेंगे. इसके पीछे तर्क दिया गया कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों पर चुनाव लड़ने की सहमति ललन सिंह से लेनी पड़ेगी.
नीतीश कुमार से मिलने के बाद अनंत सिंह ने केंद्रीय मंत्री ललन सिंह से औपचारिक मुलाकात की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनंत सिंह ने उनके सामने मोकामा सीट पर अपनी दावेदारी जताई. लेकिन उनको बहुत उत्साहजनक जवाब नहीं मिला. इस मुलाकात के बाद अनंत सिंह ने एक रहस्यमई चुप्पी ओढ़ ली है.
वहीं ललन सिंह के करीबी माने जाने वाले जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार उन पर हमलावर हो गए हैं. नीरज कुमार ने इन सियासी मुलाकातों पर कहा कि सभी को सब से मुलाकात करना चाहिए लेकिन किसी ने नहीं कहा कि उनका टिकट फाइनल हो गया है. पार्टी प्रोटोकॉल से चलेगा कि बयान से चलेगा? उन्होंने आगे दावा किया कि अगर आपराधिक छवि का कोई व्यक्ति चुनाव लड़ेगा तो वो प्रचार में नहीं जाएंगे.
नीरज अनंत सिंह से क्यों नाराज हैं?नीरज कुमार साल 2015 में अनंत सिंह के खिलाफ मोकामा से चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन उनको पटखनी मिली थी. फिर साल 2020 में अनंत सिंह राजद में चले गए. विधायक भी बने. मगर आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिए जाने के कारण 2022 में उनकी विधायकी चली गई. इसके बाद आरजेडी से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को टिकट मिला और वो विधायक भी बनीं. इस चुनाव के बाद से ही नीरज कुमार एक बार फिर से मोकामा से चुनाव लड़ने की योजना बनाने लगे. इसके लिए अपने MLC फंड का भी वहां खूब प्रयोग किया.
लेकिन साल 2024 में उनकी सारी प्लानिंग ध्वस्त होती नज़र आई. मौका था नीतीश सरकार के बहुमत परीक्षण का. इस बार नीलम देवी ने पलटी मार ली. उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को समर्थन दिया. जानकार बताते हैं कि इस कारण ही उन्होंने अनंत सिंह के खिलाफ अपने घोड़े खोल रखे हैं.
अनंत सिंह को टिकट मिलने पर सवाल क्यों?माना जा रहा है कि मुंगेर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले मोकामा विधानसभा पर उम्मीदवार के चयन में ललन सिंह की अहम भूमिका होगी. और उम्मीदवारों के चयन में ललन सिंह इस चीज का ध्यान रखेंगे कि ये विधायक लोकसभा चुनाव में उनकी मदद कर सकें.
यही वजह रही कि कुछ दिनों पहले ललन सिंह ने सूर्यगढ़ा विधानसभा से ताल ठोक रहे सीटिंग विधायक प्रह्लाद यादव को निशाने पर लिया. प्रह्लाद यादव भी राजद में थे. लेकिन बहुमत परीक्षण में पाला बदलकर बीजेपी के साथ आ गए थे. यानी उनकी स्थिति भी अनंत सिंह से मिलती-जुलती है. प्रह्लाद यादव बीजेपी से सूर्यगढ़ा सीट पर दावा कर रहे हैं. उनके दावे पर ललन सिंह ने कहा,
फिर अनंत सिंह का क्या होगा?सूर्यगढ़ा सीट जदयू की है यहां से जदयू के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. लखीसराय का ‘आतंक’ सूर्यगढ़ा से चुनाव नहीं लड़ेगा.
ललन सिंह के इस बयान का ‘बिटवीन द लाइन’ मतलब निकाला जाने लगा. सवाल उठने लगे कि अगर लखीसराय का ‘आतंक’ सूर्यगढ़ा विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ेगा तो क्या मोकामा का ‘आतंक’ मोकामा विधानसभा से चुनाव लड़ेगा? इस पर तुर्रा ये कि 2024 लोकसभा चुनाव में ललन सिंह मोकामा विधानसभा सीट पर पिछड़ गए थे. तब ललन सिंह के समर्थकों ने दावा किया कि ललन सिंह को हराने की साजिश की गई थी. बताया जाता है कि जीत के बावजूद मोकामा से पिछड़ने से ललन सिंह भी बेहद आहत थे.
साल 2022 में होने वाले उपचुनाव में मोकामा सीट जदयू ने बीजेपी को दे दिया था. इस सीट से बीजेपी के टिकट पर सोनम देवी चुनाव लड़ी थी. ऐसे में सवाल ये भी है कि जदयू दोबारा इस सीट पर दावा करती है या बीजेपी के लिए छोड़ देती है. दूसरा सवाल है कि सीट अगर जदयू के पास आती है तो ललन सिंह अपने विश्वस्त सिपाही नीरज कुमार पर भरोसा जताएंगे या एक बार फिर से अनंत सिंह को वफादारी साबित करने का मौका देंगे.
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2015 से अनंत सिंह का मिजाज बदलता रहा हैअनंत सिंह 2005 में पहली बार जदयू के टिकट पर विधायक बने थे. 2010 में भी वह जदयू के सिंबल पर जीते. साल 2015 विधानसभा चुनाव से पहले पुटुस यादव हत्याकांड में नाम आने के चलते राजद के सहयोग से चल रही जदयू की सरकार ने उनको जेल भेज दिया. इसके बाद उन्होंने निर्दलीय ताल ठोंक दिया. और जीत हासिल की. फिर साल 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी कांग्रेस के टिकट पर ललन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ीं. इसके बाद साल 2020 में अनंत सिंह ने राजद जॉइन किया. और लालटेन थाम कर विधानसभा पहुंचे. जून 2022 में पटना की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने एके-47 मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी. उस वक्त अनंत सिंह राजद के टिकट पर मोकामा से विधायक थे. सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधायकी रद्द हो गई.
कुछ महीने बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी राजद के टिकट पर विधायक बनीं. लेकिन साल 2024 में सत्ता बदलने के बाद नीलम देवी बागी हो गईं. और नीतीश के पाले चली गईं. वहीं पिछले साल अगस्त में पटना हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में एके-47 केस में अनंत सिंह को बरी कर दिया गया. ऐसे में अब उनके चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया.
लेकिन इस बीच मोकामा के गंगा घाट से काफी पानी बह चुका है. अबकी बार जदयू में उनकी दावेदारी पर सवाल उठने लगे हैं. अनंत सिंह अपनी गोटी फिट करने के फिराक में जुटे हैं. इसी कवायद में उन्होंने नीतीश कुमार, ललन सिंह और फिर अशोक चौधरी से मुलाकात की. लेकिन कहीं से भी उनको आश्वासन नहीं मिला. अनंत सिंह से जुड़े सूत्रों की माने तो उन्होंने अपने सारे ऑप्शन खुले रखे हैं. ‘छोटे सरकार’ कहे जाने वाले पूर्व विधायक ने अपने समर्थकों को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने के संकेत भी दे दिए हैं.
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