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मिस इंडिया, जिसने अपना सिर मुंडवा लिया

पर्सिस खंबाटा, जो वक़्त की बहुत पाबंद थी. वक़्त से पहले ही दुनिया को अलविदा कह दिया.

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फोटो - thelallantop
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श्री श्री मौलश्री
18 अगस्त 2016 (Updated: 18 अगस्त 2016, 09:44 AM IST) कॉमेंट्स
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एक लड़की. पैदा हुई पारसी परिवार में. स्कूल के दिनों में उसको मॉडलिंग का ऑफर मिला. सिर्फ 14 साल की उम्र में. 17 साल की उम्र में फेमिना मिस इंडिया बन गई. हॉलीवुड पहुंची. और फिर अपना सिर मुंडवा लिया. बिना बालों वाली वही फोटो उसका ट्रेडमार्क बन गई. वो लड़की थी पर्सिस खंबाटा.
पर्सिस को लेकर मेरी सबसे पहली याद है उनकी मौत की खबर. हमारे घर एक किताब आती थी. साल भर का पूरा लेखा-जोखा होता था उसमें. एक छोटा सा कॉलम था. जिसमें लिखा था, '18 अगस्त 1998 को पर्सिस खंबाटा ने इस दुनिया को अलविदा कहा' साथ में एक फोटो थी. फोटो थी एक लड़की की. बिना बालों वाली लड़की. जिसके सिर पर टैटू बना था. बहुत गज़ब फोटो थी. तीसरी क्लास में पढ़ने वाली इस लड़की के ज़ेहन में वो नाम टिक गया. पर्सिस खंबाटा. एक तो नाम इतना मज़ेदार था. और वो फोटो. गज़ब की थी. फिर जब उस लड़की के बारे में पढ़ा. वो उस फोटो से भी ज्यादा इंटरेस्टिंग लगी.

मॉडलिंग, मिस इंडिया और लेफ्टिनेंट इलिया

पर्सिस ने मॉडलिंग की शुरुआत की थी रेक्सोना के ऐड से. फेमिना मिस इंडिया पहुंचीं. वहां मिस फोटोजेनिक बनीं. फिर बनीं फेमिना मिस इंडिया. मॉडलिंग के लिए लंदन गईं. वहां कुछ फिल्मों में काम किया. मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट में भी पार्टिसिपेट किया. कांटेस्ट तो नहीं जीती लेकिन अमेरिका का मीडिया उसका दीवाना हो गया था. अमेरिका के अखबारों ने पर्सिस के लिए लिखा था, 'ये है सबसे खूबसूरत हिंदुस्तानी लड़की'
फिर आया साल 1978. वो साल जिसने पर्सिस के लिए सब कुछ बदल दिया. और साथ ही बदल दिया नजरिया हॉलीवुड के लोगों का. भारतीयों को देखने का. स्टार ट्रेक एक बड़ी टीवी सीरीज बन चुकी थी. अब उसी थीम पर एक फिल्म बनाने की बात चल रही थी. एक नया कैरेक्टर जोड़ा जाना था. लेफ्टिनेंट इलिया. उसके लिए ऑडिशन चल रहे थे. पर्सिस भी पहुंचीं. ऑडिशन दिया. और कई हज़ार लड़कियों की भीड़ में पर्सिस चुन ली गईं. स्टार ट्रेक से जुड़े लोगों को उनका गेहुंआ हिंदुस्तानी रंग बहुत पसंद आया था.
स्टार ट्रेक- द मोशन पिक्चर. एक कल्ट फिल्म. जिसके पीछे शेल्डन कूपर से लेकर डीन विंचेस्टर तक. सब दीवाने हैं. उसमें एक बड़ा रोल करने वाली पर्सिस को इस फिल्म के लिए अपने बाल मुंडवाने थे. ये सुनकर पर्सिस पहले तो बहुत घबरा गई थीं. जब तक फिल्म की शूटिंग चलती. वो मॉडलिंग का कोई दूसरा असाइनमेंट नहीं ले सकती थीं.
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लेफ्टिनेंट इलिया

डायरेक्टर और मेकअप आर्टिस्ट ने उनसे कहा कि अगर वो अपने बाल शेव ना करना चाहें. तो उनको विग लगाया जा सकता है. लेकिन पर्सिस बहुत प्रोफेशनल थीं. उन्होंनेकहा कि सिर शेव कर लेने से रोल का असर ज्यादा गहरा पड़ेगा. पहली हिन्दुस्तानी एक्ट्रेस, जिसने अपना सिर मुंडवाया था. 1978 में सिर मुंडवाना हॉलीवुड के लिए भी बहुत बड़ी बात थी.
सिर शेव करना या गंजा होना 'आदमियों की चीज़' मानी जाती है. कोई लड़की, वो भी एक एक्ट्रेस बिना बालों वाली. आज भी बहुत कम ही देखने को मिलता है. अपना सर मुंडवाकर ख़ूबसूरती के पैमाने बदल दिए थे पर्सिस ने. उनका सिर शेव होते वक़्त का वीडियो है ये. पर्सिस के चेहरे से समझ आ रहा है कि उनके ऊपर क्या बीत रही थी उन 10 मिनटों में.
https://www.youtube.com/watch?v=Dcb0UBSIX_M

मां के प्रॉमिस की वजह से नहीं बन पाईं बॉन्ड गर्ल

स्टार ट्रेक के बाद पर्सिस को एक से एक ऑफर मिले. सिल्वेस्टर स्टेलोन के साथ नाइटहॉक में काम करना पर्सिस के लिए एक सपने जैसा था. फिर उनको ऑफर मिला बॉन्ड मूवी 'ऑक्टोपसी' में काम करने का. लेकिन पर्सिस ने अपनी मम्मी को प्रॉमिस किया था कि स्टार ट्रेक के बाद वो हिंदुस्तान वापस आ जाएंगी. इसलिए उन्होंने बॉन्ड फिल्म में काम करने से इनकार कर दिया. एक इंटरव्यू में पर्सिस ने कहा था, 'अगर मैं न्यूड सीन्स के लिए तैयार हो जाती, शायद मैं और सफल हो पाती. लेकिन मैं नहीं कर पाई.'
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वक़्त से पहले वक़्त से बहुत आगे

पर्सिस समय की हद से ज्यादा पाबंद थीं. सेट पर सबसे पहले पहुंच जाती थीं. बाकी लोग अपनी घड़ियां पर्सिस से मिलाते थे. चाहे फ़िल्में हों या इंटरव्यू. पर्सिस सबसे पहले पहुंचती थीं. और काम के लिए बहुत प्रोफेशनल. उनके डायरेक्टर उनके साथ काम करके बहुत खुश रहते थे. कुछ को-स्टार ये भी कहते थे कि पर्सिस समय को लेकर कुछ ज्यादा ही ऑब्सेस्ड थीं.

मुंबई वापसी और प्राइड ऑफ इंडिया

1985 में पर्सिस मुंबई वापस आ गईं. मॉडलिंग की. कुछ बॉलीवुड फ़िल्में कीं. टीवी सीरियल किए. फिर पर्सिस बिजी हो गईं अपनी किताब लिखने में. 1997 में उनकी किताब आई प्राइड ऑफ इंडिया. हिंदुस्तानी लड़कियां जो मिस इंडिया, मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स बनीं. लोगों की एक आम सोच है कि इन ब्यूटी पेजेंट्स में लड़कियों को सिर्फ एक बॉडी की तरह देखा जाता है. लेकिन पर्सिस ने अपनी किताब में लिखा है कि वहां पहुंचने के लिए लड़कियों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है. कुछ कॉन्टेस्ट के बाद आगे भी कैरियर बनाती हैं. कुछ सिर्फ हाउस वाइफ बनकर रह जाती हैं.
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लेफ्टिनेंट इलिया का फाइनल गुडबाय

1998. पर्सिस इंटरव्यू और शो वगैरह में बिजी थीं. अपनी किताब का प्रमोशन कर रही थीं. टॉक शो में जाती थीं. अपने आखिरी इंटरव्यू के पांच दिन बाद पर्सिस को तगड़ा हार्ट अटैक आया. ICU में एडमिट किया गया. उम्र सिर्फ 49 थी उस वक़्त, लेकिन अब इस गैलेक्सी में लेफ्टिनेंट इलिया का मिशन पूरा हो चुका था. वक़्त की कुछ ज्यादा ही पाबंद थी. वक़्त से पहले ही उसने सबको टाटा बाय-बाय कह दिया. और चली गईं किसी नई गैलेक्सी की तलाश में.
https://www.youtube.com/watch?v=Et7Cji7y1uY

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